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PTB Big Breaking News Supreme court to decide tomorrow on Ayodhya case mediation
(पढ़ें और देखें पीटीबी न्यूज़ पर)
PTB Big Breaking न्यूज़ नई दिल्ली : आज उच्चतम न्यायालय में अयोध्या मामले में सुनवाई हुई। अदालत को आज मध्यस्थता को लेकर फैसला लेना था। जिसपर सुनवाई करते हुए न्यायालय की संवैधानिक पीठ ने मसले को मध्यस्थता के लिए भेज दिया है ताकि इसका स्थायी समाधान निकल सके। एक हफ्ते के अंदर यह प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। मध्यस्थता के लिए श्रीश्री रविशंकर और जस्टिस खलीफुल्ला का नाम है। अदालत ने कहा है कि चार हफ्ते के अंदर मध्यस्थता पैनल को बताना होगा कि बात कहां तक पहुंची /
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निर्मोही अखाड़े को छोड़ लगभग सभी हिन्दू पक्षकार और उत्तर प्रदेश सरकार इस मामले में मध्यस्थता के खिलाफ हैं / रामलला विराजमान का कहना है कि यह मामला राम जन्मभूमि से संबंधित है लिहाजा आस्था और विश्वास के साथ समझौता नहीं किया जा सकता / रामलला का कहना है कि अगर विचार किया ही जाना है तो इस पर विचार किया जाना चाहिए कि मस्जिद का वैकल्पिक स्थान क्या हो / उसका कहना है कि राम जन्मभूमि पर मध्यस्थता को लिए कोई तैयार नहीं होगा /
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वहीं निमोही अखाड़ा और मुस्लिम पक्षकार का कहना है कि वह इस मामले में मध्यस्थता के लिए तैयार है / अब देखने वाली बात होगी कि पांच सदस्यीय संविधान पीठ इस मसले पर क्या फैसला लेती है / सुप्रीम कोर्ट ने विवादास्पद 2.77 एकड़ भूमि तीन पक्षकारों-सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला के बीच बराबर-बराबर बांटने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपील पर सुनवाई के दौरान मध्यस्थता के माध्यम से विवाद सुलझाने की संभावना तलाशने का सुझाव दिया था /
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निर्मोही अखाड़ा जैसे हिंदू संगठनों ने सेवानिवृत्त न्यायाधीशों – न्यायमूर्ति कुरियन जोसफ, न्यायमूर्ति ए के पटनायक और न्यायमूर्ति जी एस सिंघवी के नाम मध्यस्थ के तौर पर सुझाए जबकि स्वामी चक्रपाणी धड़े के हिंदू महासभा ने पूर्व प्रधान न्यायाधीशों – न्यायमूर्ति जे एस खेहर और न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) ए के पटनायक का नाम प्रस्तावित किया /
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उप्र सरकार की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि न्यायालय को यह मामला उसी स्थिति में मध्यस्थता के लिये भेजना चाहिए जब इसके समाधान की कोई संभावना हो / उन्होंने कहा कि इस विवाद के स्वरूप को देखते हुये मध्यस्थता का मार्ग चुनना उचित नहीं होगा / इससे पहले, फरवरी महीने में शीर्ष अदालत ने सभी पक्षकारों को दशकों पुराने इस विवाद को मैत्रीपूर्ण तरीके से मध्यस्थता के जरिये निपटाने की संभावना तलाशने का सुझाव दिया था / न्यायालय ने कहा था कि इससे ‘‘संबंधों को बेहतर’’बनाने में मदद मिल सकती है /
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