PTB Big न्यूज़ जालंधर (एडिटर-इन-चीफ) राणा हिमाचल : पंजाब में 111 दिनों के लिए मुख्यमंत्री रहे चरणजीत सिंह चन्नी के दफ्तर में खाने-पीने के बिलों को लेकर राजनीति गर्म हो गई है। एससी समुदाय ने चन्नी पर मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा की गई टिप्पणियों को लेकर मोर्चा खोल दिया है। एससी समुदाय के विभिन्न संगठनों ने कहा कि चन्नी को टारगेट करके भगवंत मान एससी कम्युनिटी को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।
जिस तरीके के वह चन्नी के ऑफिस में जलपान को लेकर बयान जारी कर रहे हैं, उससे उनकी एससी समुदाय के प्रति भावना की झलक साफ दिखाई देती है। एससी समुदाय के विभिन्न संगठनों ने आज जालंधर में स्थित प्रेस क्लब में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि जिस तरह से भाजपा नेता सुनील जाखड़ ने चन्नी के मुख्यमंत्री बनने पर अपनी मानसिकता दिखाई थी, वैसी ही मानसिकता को अब पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान वाली सरकार भी दिखा रहे हैं।
SC समुदाय के नेता सुखबीर सिंह सलारपुर और जरनैल नंगल ने कहा कि जिस तरीके की बयानबाजी भगवंत मान कर रहे हैं, वह सीएम की स्तर नहीं है। दोनों नेताओं ने कहा कि सरकार सत्ता में बेरोजगारों को रोजगार देने, पंजाब से नशे के नाश, कर्मचारियों के हितों में फैसले करने के लिए आई थी। उस पर तो कुछ कर नहीं पाई, अब लोगों का ध्यान हटाने के लिए घटिया हथकंडे अपना कर एससी कम्युनिटी को बदनाम करने की कोशिश कर रही है।
एससी समुदाय ने नेताओं ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान की सोच दलित वर्ग के प्रति बिलकुल भी ठीक नहीं है बहुत ही सोची समझी साजिश के तहत SC वर्ग को बदनाम करने की कोशिश लगातार की जा रही है, ताकि कोई दलित समाज का व्यक्ति भविष्य में आगे न बढ़ सके। एससी समुदाय के नेताओं ने कहा कि जो काम चन्नी ने 111 दिन की सरकार में कर दिए वह पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आई भगवंत मान की सरकार अभी तक नहीं कर पाई है।
एससी समुदाय के नेता सुखबीर सिंह सलारपुर ने कहा कि RTI के माध्यम से सीएम ऑफिस के अप्रैल 2021 से लेकर फरवरी 2022 तक के खर्च का ब्योरा मांगा गया था, जबकि चन्नी तो सिर्फ 3 महीने के लिए ही CM रहे। सरकार ने अरूसा के जूस और कैप्टन अमरिंदर सिंह की शराब के बिल भी चन्नी के खाते में ही जोड़ दिए। सुखबीर सिंह सलारपुर और जरनैल नंगल ने कहा कि जिस व्यक्ति ने चन्नी के खिलाफ बेटे की शादी को लेकर पैसे के लेन-देन संबंधी आरोप लगाते हुए विजिलेंस में शिकायत दर्ज करवाई थी, उस व्यक्ति ने अपनी शिकायत वापस लेने के लिए अपना आवेदन दिया है। व्यक्ति ने बाकायदा सुरक्षा मुहैया कराने की गुहार लगाई है। यही नहीं उक्त व्यक्ति बोल रहा है कि उस पर दबाब डालकर शिकायत करवाई गई थी।