PTB न्यूज़ “शिक्षा” : जालंधर के लिटिल व ला ब्लॉसम्स स्कूल के प्रांगण में पंजाबी संस्कृति की अनूठी झलक को दर्शाता बैसाखी मेले का मनमोहक दृश्य दिखाया गया जो पूर्णतः पंजाबी संस्कृति पर आधारित था, जिसमें नन्हें छात्र फुलकारी, रंग-बिरंगी चूड़ियों की दुकानें सजाए, पंजाबी खान-पान व रहन-सहन से अवगत करवाते हुए दिखें।
. .इस उपलक्ष्य में विद्यार्थियों को अपनी माँ बोली पंजाबी भाषा को बोलने के प्रोत्साहित किया गया। इस अवसर पर स्कूल की निर्देशिका वंदना मड़िया, प्रिंसिपल निधि चोपड़ाको विद्यार्थियों ने स्मृति चिह्न के रूप में हाथ से बनाई पंखी भेंट की। दसवीं कक्षा की मुस्कान, रिया, रीत ने इस पर्व से परिचित करवाते हुए बताया कि इस दिन 13 अप्रैल 1699 को खालसा पंथ की स्थापना हुई थी।
. .इस दिन किसान झूम उठते हैं क्योंकि उनकी फसल पक जाती हैं । यह दिन भारतीय संस्कृति के अनुरूप नववर्ष के रूप में मनाया जाता है। मंच की सजावट पंजाबी संस्कृति व फ़सल के मौसम के दर्शाते हुए की गई थी। बच्चे रंग-बिरंगे पारंपरिक परिधानों में सजे थे। विद्यार्थियों द्वारा पंजाबी संस्कृति को दर्शाने वाला रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।
. .ढोल की थाप पर गिद्दा व भागड़ा की प्रस्तुति ने सब में नया जोश भर दिया। इस उपलक्ष्य में सातवीं कक्षा की विद्यार्थी अमायरा और साहिब ने पंजाबी नृत्य की प्रस्तुति देकर सबका मन मोह लिया। निर्देशिका रुहानी कोहली ने इस उपलक्ष्य में बच्चों को इस पर्व की बधाइयाँ दी और विद्यार्थियों की भागीदारी की सराहना की और कहा पंजाबियों के सभ्याचार व संस्कृति की मिसाल देते हुए अपनी विरासत व पहचान से जुड़े रहने के लिए प्रोत्साहित किया।
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