PTB News

Latest news
Chief Commissioner directs strict implementation of Punjab Transparency and Accountability Act सेंट सोल्जर कॉलेज (को-एड) जालंधर में 15वीं वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन, Deport Case मामले में पुलिस ने की Travel Agent की पहली गिरफ्तारी, मिले 6 करोड़ रूपये, आखिर क्यों दिया शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरजिंदर धामी ने इस्तीफा, एचएमवी में फिएस्टा-द ट्रेड फेयर-2025 का आयोजन, अमेरिका से डिपोर्ट हुआ पुलिस कर्मचारी का है बेटा, पंजाब पुलिस ने किया गिरफ्तार, Fastag यूजर्स के लिए बड़ी ख़बर, नहीं ध्यान दिया तो देनें पड़ सकते हैं दोगुना टैक्स, अमेरिका से Deport किये गए 112 और भारतीय पहुंचे अमृतसर, जिनमें 31 पंजाब, हरियाणा, गुजरात, यूपी, हिमाच... पत्रकारों के हितों के लिए महत्त्वपूर्ण कदम उठा रहा है भारतीय पत्रकार कल्याण मंच : डी.पी. चौधरी अमेरिका से डिपोर्ट किये जा रहे भारतियों को लेकर आई बड़ी ख़बर,
Translate

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई बाबा रामदेव व बालकृष्ण को फटकार, जाने क्यों?

sc-again-reprimands-baba-ramdev-asks-was-the-size-of-the-apology-as-big-as-the-advertisement

PTB Big न्यूज़ दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को योग गुरु रामदेव और उनके सहयोगी बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद को भ्रामक विज्ञापन मामले में एक बार फिर से फटकार लगाई है। कोर्ट में पतंजलि की तरफ से कहा गया कि उन्होंने 67 अखबारों में विज्ञापन देकर माफीनामा छपवाया था। इसमें 10 लाख रुपये का खर्चा आया। इस पर कोर्ट ने उनसे पूछा कि क्या ये माफीनामा उतने ही साइज के थे, जितने साइज के आपके पहले वाले विज्ञापन थे।

.

.

कोर्ट ने ये भी पूछा कि क्या आप हमेशा इतने ही साइज का विज्ञापन छपवाते हैं। इस मामले में अब 30 अप्रैल को फिर से सुनवाई होनी है। इस सुनवाई में रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को कोर्ट में हाजिर रहने को कहा गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रामदेव के वकील ने जवाब में कहा कि माफीनामे का साइज विज्ञापनों जितना बड़ा नहीं था, क्योंकि इसकी कीमत बहुत ज्यादा है, लाखों में। जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने रामदेव और बालकृष्ण से कई सवाल पूछे।

.

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने रामदेव से पूछा कि अपने क्या किया? तो उनके वकील मुकुल रोहतगी ने अदालत को बताया कि उन्हें 67 अखबारों में एड दिया, जिसमें दस लाख रुपये का खर्चा आया है। इस पर बेंच रामदेव और बालकृष्ण पर नाराजगी जाहिर करते हुए पूछा कि आपने अपना विज्ञापन कहां प्रकाशित कराया और इसमें इतना वक्त क्यों लगा। क्या ये विज्ञापन उतने ही साइज के थे, क्या आप हमेशा इतने ही साइज का एड देते हैं।

.

.

इस पर अधिवक्ता ने कहा, नहीं, महोदय.. इसकी कीमत बहुत ज्यादा है.. लाखों रुपये है। बेंच के सवालों का जवाब देते हुए अधिवक्ता ने कहा कि हमने विज्ञापन नहीं माफीनामा प्रकाशित कराया है। इस पर जस्टिस हिमा कोहली ने कहा कि इसे कल क्यों दायर किया गया? हम अब बंडलों को नहीं देख सकते! इसे हमें पहले ही दिया जाना चाहिए था।

.

.

इससे पहले 16 अप्रैल को, सुप्रीम कोर्ट रामदेव, उनके सहयोगी बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद को भ्रामक विज्ञापन मामले में सार्वजनिक माफी मांगने के लिए एक सप्ताह का समय दिया, लेकिन यह भी कहा कि वह अभी उन्हें इस चरण में राहत नहीं देने जा रहा है। शीर्ष अदालत 2022 में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें कोविड टीकाकरण अभियान और चिकित्सा की आधुनिक प्रणालियों को नीचा दिखाने का आरोप लगाया गया है।

.

.

.

Latest News