PTB News “शिक्षा” : सरकार द्वारा चलाई जा रही पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप स्कीम, जिसके अधीन पिछले तीन वर्षों से 1650 कॉलेजों की 1850 करोड़ की राशि बकाया है। इसके संबंध में कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ कॉलेजिस एंड स्कूल्ज ऑफ़ पंजाब द्वारा पंजाब के वित्त मंत्री माननीय हरपाल सिंह चीमा के साथ बैठक की गई।
जिसमें वित्त मंत्री के साथ जालंधर वेस्ट के विधायक शीतल अंगुराल, करतारपुर विधायक बलकार सिंह, इंचार्ज लोक सभा मंगल सिंह, कॉन्फ़ेडरेशन से अध्यक्ष अनिल चोपड़ा, पॉलिटेक्निक कॉलेजों के अध्यक्ष विपिन शर्मा, नर्सिंग कॉलेजों के अध्यक्ष संजीव चोपड़ा, मैनेजमेंट इंस्टीच्यूट्स के अध्यक्ष डॉ.अनूप बोरी, विक्रम आनंद, राजन चोपड़ा, प्रिंस चोपड़ा आदि शामिल हुए।
कॉन्फ़ेडरेशन के प्रतिनिधियों ने वर्ष 2021-22 की स्कालरशिप का पंजाब सरकार का बनता 40 प्रतिशत हिस्सा जारी करने के लिए धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि इस राशि से कॉलेजों को वित्ति रूप से सहयोग मिला है। साथ ही उन्होंने कहा कि 2017-2018, 2018-2019 और 2019-2020 की पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप की राशि 1850 करोड़ रुपये अभी भी लंबित है जिस कारण कॉलेजिज वित्तीय संकट का सामना कर रहे है।
इन तीन वर्षों की राशि का ना तो केंद्र ने, ना ही पंजाब सरकार ने कोई राशि जारी की है जिससे बहुत से कॉलेज बंद हो चुके हैं और बहुत से बंद होने की कगार पर हैं। कॉन्फ़ेडरेशन के अध्यक्ष अनिल चोपड़ा ने जानकारी देते हुए कहा कि इस राशि के लिए कॉलेजों का कई बार ऑडिट हो चूका है और बहुत बार सरकारों की कॉलेजों के साथ मीटिंग्स भी हो चुकी हैं लेकिन ना अभी तक कोई राशि जारी की गई है ना ही कोई जानकारी दी गई है।
कॉलेजों ने कभी किसी छात्र को ना एडमिशन के समय और ना ही पढाई के दौरान कोई समस्या आने दी। अब उनमें से बहुत से छात्र पास आउट हो चुके हैं लेकिन स्कालरशिप का कोई आता पता नहीं है। जिससे बहुत से कॉलेज अपने लोन, खर्चों, अपने स्टाफ मेंबर्स की सैलरीस देने में असमर्थ हो चुके हैं। पॉलिटेक्निक कॉलेजों के अध्यक्ष विपिन शर्मा, नर्सिंग कॉलेजों के अध्यक्ष संजीव चोपड़ा, मैनेजमेंट इंस्टीच्यूट्स के अध्यक्ष डॉ.अनूप बोरी ने कहा कि स्कालरशिप राशि ना आने से केवल कॉलेज ही नहीं छात्र भी परेशान हैं।
अगर छात्रों की संख्या की बात की जाए तो पिछले सालों से एससी छात्रों की एडमिशन में भरी गिरावट आई है पहले 3.50 लाख के करीब छात्र थे अब केवल 1 लाख के करीब ही एडमिशन ले रहे हैं। इस प्रकार पंजाब के युवाओं का भविष्य अंधरे की तरफ जा रही है। वित्त मंत्री माननीय हरपाल सिंह चीमा ने कॉलेजों के प्रतिनिधियों से बात करते हुए जल्द सुलझाने का आश्वासन दिया।