PTB Big न्यूज़ लुधियाना : सावधान हो जाएं। घर में बाइक व कार है तो नाबालिग बच्चों को कतई न दें। लाडले की जिद पूरी करने के चक्कर में अब आप भी फंसेंगे। नए मोटर व्हीकल अधिनियम की धारा 180 के तहत अभिभावकों को भी जुर्माने के अलावा माह तक की जेल हो सकती है।
लुधियाना पुलिस ने भी अब नाबालिग के बाइक व कार चलाते पकड़े जाने पर अभिभावकों पर केस दर्ज करना शुरू कर दिया है। थाना लाडोवाल की पुलिस ने एक नाबालिग को कार चलाते पकड़ा और उपकार नगर में रहने वाले उसके पिता अश्विनी नरूला के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट के तहत केस दर्ज किया है।
एएसआइ ने बताया कि पुलिस टीम ने लाडोवाल स्थित नए बने बाईपास पर नाकाबंदी की थी। सामने से आई एक कार पुलिस को देख पीछे ही रुक गई। चालक ने हड़बड़ाहट में कार को मोड़ने की कोशिश की लेकिन इस दौरान कार डिवाइडर से टकरा गई।
दस्तावेज चेक करने पता चला कि कार चलाने वाला किशोर 17 साल का है।
वह 12वीं कक्षा का छात्र है। वह बिना ड्राइविंग लाइसेंस के अपने दोस्तों को साथ लेकर पिता की कार में घूमने निकला था। उसके पिता अश्विनी नरूला ने उसे बिना लाइसेंस कार चलाने की अनुमति देकर मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन किया था, इसलिए उन्हें नामजद किया गया है। अश्विनी का रेडीमेड कपड़ों का कारोबार है।
एडीसीपी ट्रैफिक का कहना है कि लुधियाना में नाबालिग के कार चलाने पर पिता के खिलाफ केस दर्ज किए जाने का यह पहला मामला है। जो भी नाबालिग बाइक व कार चलाता पकड़ा गया उसके अभिभावकों पर केस दर्ज किया जाएगा। अगर नाबालिग कोई हादसा कर देता है तो उस पर कार्रवाई के अलावा अभिभावकों को भी दंड भुगतना होगा। इसमें पुलिस आइपीसी की धारा-279 के तहत केस दर्ज कर सकती है और गाड़ी को भी जब्त कर सकती है। इसके बाद गाड़ी अदालत की स्वीकृति पर भी छूट सकती है।
नाबालिग अगर किसी को टक्कर मार दे और वह घायल हो जाए तो उसके खिलाफ आइपीसी की धारा-337 (जख्मी करना) के तहत भी केस दर्ज हो सकता है। दोषी पाए जाने पर उसे सजा भी हो सकती है। अगर घायल की मौत हो जाए तो वही केस धारा-304 ए (लापरवाही से मौत) का बन जाएगा।
ऐसे किसी भी मामले में पीड़ित पक्ष मुआवजे के लिए भी दावा कर सकता है। अगर गाड़ी का बीमा नहीं है तो मुआवजे का भुगतान गाड़ी मालिक को करना होगा।अगर नाबालिग के गाड़ी चलाने से किसी दूसरी गाड़ी को नुकसान होता है तो बीमा कंपनी भी मुआवजे की रकम वाहन मालिक से वसूलती है।