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कनाडा में निकलेंगी अगले तीन सालों में 14.5 लाख से ज्यादा जॉब, भारतीयों के लिए बड़ा मौका, यह मिलेगी सुविधा,

canada india immigration levels plan explained More than 14.5 lakh jobs will be created in Canada in the next three years

PTB Big न्यूज़ चंडीगढ़ / दिल्ली / कनाडा : अगले तीन साल में कनाडा 14.5 लाख विदेशी लोगों को नौकरी देने की तैयारी में है। हाल ही में कनाडा के इमिग्रेशन मिनिस्टर शौन फ्रेसर ने कहा कि देश में लेबर फोर्स की कमी से अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंचा है। इससे उबरने के लिए कनाडा को और लोगों की जरूरत है। इस जरूरत को पूरा करने के लिए कनाडा ने इमिग्रेशन लेवेल्स प्लान 2023-25 के तहत अगले तीन साल में 14.5 लाख अप्रवासी लोगों को देश में नौकरी देने का प्लान बनाया है।

जून-जुलाई 2022 में कनाडा ने कोविड-19 महामारी की 7वीं लहर का सामना किया। इस दौरान 11.2% हॉस्पिटल स्टाफ और नर्स भी संक्रमण की चपेट में आकर बीमार हो गए। इससे काम करने वालों की कमी हुई और कई हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड को बंद करने की नौबत आ गई। इस साल मार्च के महीने से अब तक 2 लाख लोग नौकरी छोड़ चुके हैं। वहीं कुछ लोगों को महामारी के दौरान नौकरी से हाथ धोना पड़ा। जुलाई में 30,000 और जून में 43,000 लोगों ने एजुकेशन, हेल्थकेयर और सोशल सर्विस सेक्टर की नौकरी छोड़ दी।

पिछले 1 साल में कनाडा की इकोनॉमी को लेबर शॉर्टेज की वजह से 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है। ऐसे लोगों ने अब सेल्फ इम्प्लॉयमेंट के नए तरीके अपना लिए हैं और अब इन्हीं पर निर्भर हैं। अब कंपनियों को दोबारा काम करवाने के लिए नए लेबर फोर्स की जरूरत है, लेकिन पुराने एम्प्लाइज काम पर वापस नहीं आ रहे हैं। इमिग्रेशन मिनिस्टर शौन फ्रेसर ने कहा है कि 2025 तक कनाडा में इकोनॉमिक माइग्रेंट कैटेगरी में 60% इमीग्रेंट्स को एंट्री देंगे। इसका मतलब इन इमीग्रेंट्स को कनाडा में परमानेंट रेसिडेंसी कार्ड भी मिलेंगे।

कनाडा में मजदूरों की कमी की एक वजह लगातार गिरता फर्टिलिटी रेट और बूढ़ी होती आबादी भी है। मौजूदा वक्त में कनाडा का फर्टिलिटी रेट 1.4 चिल्ड्रन प्रति महिला है। 2030 तक कनाडा की एक चौथाई आबादी यानी करीब 90 लाख लोग रिटायरमेंट ऐज तक पहुंच जाएंगे। इससे निपटने के लिए कनाडा सरकार इमिग्रेशन एंड रिफ्यूजी प्रोटेक्शन एक्ट के तहत न्यू इमिग्रेशन लेवेल्स प्लान लेकर आई है। इमिग्रेशन मिनिस्टर शौन फ्रेसर का कहना है कि कनाडा की हेल्थकेयर, एग्रीकल्चर-फिशरीज और ट्रांसपोर्ट सेक्टर पूरी तरह अप्रवासियों पर निर्भर है। इनमें करीब 10 लाख जॉब वैकेंसी है।

कनाडा में जॉब करने के लिए विदेश से आ रहे अप्रवासियों को उनके इकोनॉमिक कॉन्ट्रिब्यूशन के लिए देश में परमानेंट रेसिडेंसी भी मिलेगी। इसके लिए कनाडा सरकार कई सालों से अलग-अलग प्रोग्राम चला रही है। नए इमिग्रेशन लेवल्स प्लान में एंट्री भी इन्हीं प्रोग्राम के तहत होगी। इन नए इमीग्रेंट्स की देश में एंट्री और नौकरी के लिए सिलेक्शन पहले से मौजूद एक्सप्रेस एंट्री और प्रोविंशियल नॉमिनी प्रोग्राम यानी PNP प्रोग्राम्स के तहत ही होगा। पिछले साल करीब 56% अप्रवासी इन्हीं प्रोग्राम से कनाडा आए हैं।

न्यू इमिग्रेशन लेवल्स प्लान के तहत कनाडा सरकार ने एक्सप्रेस एंट्री के टारगेट बढ़ाकर 2023 में 82,880, 2024 में 1,09,020 और 2025 में 1,14,000 अप्रवासियों को कनाडा में नौकरी देने का प्लान बनाया है। इसी तरह PNP यानी प्रोविंशियल नॉमिनी प्रोग्राम के तहत 2023 में 1,05,500, 2024 में 1,10,000, 2025 में 1,17,500 अप्रवासियों को नौकरी दी जाएगी। नेशनल फाउंडेशन फॉर अमेरिकन पॉलिसी की एक स्टडी के मुताबिक कनाडा की नई इमिग्रेशन स्ट्रैटजी से अमेरिका को अपने H1-B वीजा वाले स्किल्ड प्रोफेशनल्स से हाथ धोना पड़ सकता है,

क्योंकि कनाडा के नए प्लान में एप्लिकेंट के पार्टनर्स और बच्चों को भी वीजा और परमानेंट रेसिडेंस की सुविधा मिलेगी। ऐसे में H1-B वीजा वाले वर्कर्स के पार्टनर्स और बच्चों को भी H4 वीजा (डिपेंडेंट वीजा) से अमेरिका में एंट्री देनी होगी। 2021 में सबसे ज्यादा 74% भारतीयों का H1-B वीजा स्वीकार किया गया था। कनाडा में करीब 14 लाख भारतीय मूल के लोग रहते हैं। ये कनाडा की आबादी का 1.4% है। 2021 में कनाडा की परमानेंट रेसिडेंसी हासिल करने वाले 4,05,999 लोगों में 1,27,933 यानी एक तिहाई आबादी भारतीयों की ही थी। कनाडा में इकोनॉमिक क्लास में सबसे ज्यादा 60% भारतीय अप्रवासी हैं।

भारत कनाडा की इकोनॉमी के लिए सबसे बड़ा सिंगल सोर्स देश है। विदेश में नौकरी की तलाश कर रहे भारतीयों के लिए न्यू इमिग्रेशन प्लान की वजह से कनाडा में नौकरी के साथ परमानेंट रेसिडेंस मिलना आसान हो गया है। कनाडा की एक्सप्रेस एंट्री भारतीयों के लिए अमेरिका के H1-B वीसा एप्लिकेशन प्रोसेस से कहीं ज्यादा आसान और स्टेबल है। बड़े इकोनॉमिक एंट्री पूल में वर्कर क्लास के अलावा अब स्टूडेंट्स भी टेम्परेरी टु परमानेंट वीजा और वर्क परमिट पर कनाडा में नौकरी कर सकते हैं। फैमिली, पार्टनर और ग्रैंड-पेरेंट्स के लिए भी वीजा प्रॉसेस किया जा सकता है। परमानेंट रेसिडेंट्स के लिए एजुकेशन और हेल्थकेयर फ्री है साथ ही पीआर कनाडा में अपना बिजनेस भी शुरू कर सकते हैं।

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