PTB Political न्यूज़ शिमला : हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के सभी बागी और निर्दलीय विधायकों के घरों के बाहर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने CRPF का पहरा लगा दिया है। कांग्रेस के 6 बागी और 3 निर्दलीय विधायकों के घर के बाहर छह-छह CRPF जवान तैनात किए गए है। हर वक्त दो-दो जवान तीन शिफ्ट में ड्यूटी देंगे। राज्यसभा चुनाव में BJP प्रत्याशी के पक्ष में वोट डालने वाले 9 विधायकों के बाद अब उनके घर पर CRPF के पहरे ने फिर से प्रदेश का सियासी पारा बढ़ाया है।
. .बागी और निर्दलीय विधायक 18 दिन से CRPF के सुरक्षा घेरे में है। अब उनके परिवार को भी सुरक्षा कवर मिला है। इन विधायकों के घरों पर CRPF की तैनाती ने कई सवाल खड़े किए है। अब सवाल उठ रहे हैं कि जिस तरह विधायक की मूवमेंट पर CRPF उन्हें सुरक्षा प्रदान कर रही है, क्या इनके परिजनों की मूवमेंट पर भी ठीक इसी तरह नजर रखी जाएगी। सियासी गलियारों में अब यह भी चर्चा हो रही कि क्या विधायक BJP जॉइन करेंगे।
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राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद इन विधायकों के खिलाफ जगह जगह प्रदर्शन जरूर हुआ है। इससे आने वाले दिनों में प्रदर्शन करने वाले और बागी विधायक समर्थकों में टकराव की संभावना है। सूचना सभी 9 विधायकों के घर पर CRPF की तैनाती की है। इनमें से चैतन्य शर्मा, राजेंद्र राणा, आशीष शर्मा, केएल ठाकुर, होशियार सिंह और देवेंद्र कुमार भुट्टों के घर पर CRPF जवानों की मौजूदगी की फोटो भी सामने आ गई है।
कांग्रेस के 6 बागी और 3 निर्दलीय विधायक बीते बुधवार को ही ऋषिकेश से गुरुग्राम शिफ्ट हुए हैं। चर्चा यह भी है कि भारतीय जनता पार्टी इन्हें जयपुर भी शिफ्ट कर सकती है। इससे पहले इन्होंने 10 दिन पंचकूला और पांच दिन ऋषिकेश में बिताए हैं। हिमाचल में बीते 27 फरवरी को राज्यसभा सांसद चुनाव हुए हैं। इन चुनाव में कांग्रेस के छह विधायकों ने भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन को वोट दिया। इससे कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी और भाजपा के हर्ष महाजन को 34-34 वोट मिले। बाद में लॉटरी से हर्ष महाजन चुनाव जीत गए।
. .इन बागी विधायकों पर आरोप है कि इन्होंने पार्टी व्हिप का भी उलंघन किया है। व्हिप जारी करने के बावजूद बागी विधायक कम मोशन, फाइनेंशियल बिल और बजट पास करते वक्त सदन से गैर हाजिर रहे। इसे लेकर संसदीय कार्यमंत्री हर्ष वर्धन चौहान ने स्पीकर के पास अपील की और स्पीकर ने इन्हें व्हिप के उलंघन का दोषी मानते हुए अयोग्य घोषित ठहराया। हालांकि अपनी अयोग्यता को इन्होंने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
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