PTB Crime न्यूज़ जालंधर / लुधियाना : जालंधर स्थित AGI के फ्लैटों की 7वीं मंजिल पर स्थित फ्लैट नंबर-711 (E) से वकील और उसकी महिला मित्र के किडनैपिंग करने का मामला बीते कुछ दिनों से सुर्ख़ियों में था, जिसकी गुत्थी को अब पुलिस ने सुलझा लिया है व पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि आरोपी की गिरफ्तारी से पहले पुलिस ने वकील की लुधियाना से गाड़ी को बरामद कर लिया था।
.मिली जानकारी के अनुसार 19 अप्रैल की रात 44 साल के एडवोकेट संजीव कुमार और उसकी महिला मित्र अंजूपाल की किडनैपिंग की जानकारी पुलिस को मिली थी। इस मामले में कपूरथला पुलिस ने गुजरात के कच्छ से मुख्यारोपी हरविंदर सिंह बिंदर को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस द्वारा की गई शुरूआती पूछताछ में आरोपी बिदंर ने खुलासा किया है कि उसने किडनैपिंग के बाद एक साजिश के तहत दोनों का मर्डर किया है।
.बिंदर से जब पूछा गया कि संजीव और अंजू कहा है तो उसने कहा कि मैंने दोनों को मार दिया। पुलिस ने पूछा लाशें कहा हैं तो बोला वह टेंशन क्यों ले रहे, लुधियाना पहुंचकर बता दूंगा। आरोपी बिंदर ने पूछताछ में बताया कि मैंने जेल में चिट्टा चिट्टा बेचा और मृतक अंजू को अपनी सारी कमाई भेजता रहा। वह संतोषपुरा में रहती थी, लेकिन उसके पैसे से फ्लैट खरीद लिया और मुझ से किनारा कर एडवोकेट संजीव के साथ रहने लग गई थी।
.मुझे यह बात बर्दाश्त नहीं थी, क्यों कि जब वह पैसे भेजता था तो उससे फोन पर बात करती थी, लेकिन जब उसका मतलब निकल गया तो मुझे इग्नोर करने लगी। इसलिए उसने गुस्से में दो दोस्तों संग मिलकर दोनों को मौत के घाट उतार दिया। कपूरथला पुलिस ने ट्रांजिट रिमांड के लिए मुख्यारोपी लुधियाना निवासी हरविंदर सिंह बिंदर को मजिस्ट्रेट देना कोर्ट (जवाई) कच्छ में पेश कर ट्रांजिट रिमांड पर लिया है।
.आपको यह भी बता दें कि बिंदर ने 13 साल पहले लुधियाना में डीएसपी बलराज सिंह गिल और उनकी महिला मित्र की भी हत्या की थी, जिसके बाद से वह डबल उम्र कैद की सजा काट रहा था। 2 महीने पहले वह पैरोल पर वापिस आया था। उसने 23 अप्रैल को जेल लौटना था, लेकिन उससे पहले ही उसने फिर से डबल मर्डर की वारदात को अंजाम दे दिया।
.वहीं इस पुरे घटनाक्रम के बाद गोल्डन एवेन्यू फेज-2 के रहने वाले 71 साल के सुदेश लाल ने कहा-44 साल का बेटा संजीव कुमार एडवोकेट है। परागपुर के पास AGI इमारत में फ्लैट नंबर 711 (ई) मेरे बेटे संजीव और उसकी महिला दोस्त अंजूपाल के नाम पर है। इस फ्लैट में बेटे संग अंजू और उसकी 16 साल की बेटी पलक रहते हैं। 19 अप्रैल की शाम करीब साढ़े 6 बजे बेटा अपनी i-20 कार में यह कह कर गया कि वह फ्लैट में जा रहा है।
.22 अप्रैल को बेटे को कॉल की तो उसका फोन बंद आ रहा था। बेटा कभी फोन बंद नहीं करता था। फिर उसने अंजू को कॉल की तो उसका भी फोन बंद आना शुरू हो गया। वह फ्लैट में गया तो फ्लैट बंद था। घंटी बजी, लेकिन किसी ने दरवाजा नहीं खोला। पिता ने कहा- वे लौट गए कि वह लोग कहीं गए होंगे। वह दूसरे दिन 23 अप्रैल की सुबह फिर फ्लैट गए तो वह बंद था।
.सिक्योरिटी गार्ड से ताला तुड़वा तो वह देख कर दंग रह गए कि अंदर पलक थी। वह डरी और सहमी हुई थी। पलक इतनी डरी हुई थी कि ठीक से बोल नहीं रही थी। जब नॉर्मल हुई तो बोली- 19 अप्रैल की देर रात तीन लोग पता नहीं कैसे अंदर आ गए। मेरे रूम में एक युवक आया। मेरे सिर पर पिस्तौल रखकर बोला-किसी से कोई बात नहीं करनी न ही फ्लैट से बाहर जाना है। पलक ने कहा- मेरे माता-पिता को धक्के मार कर साथ ले गए।
वह डर के कारण फ्लैट में रही। पिता ने कहा- पार्किंग में बेटे की कार तक नहीं मिली। पिता ने कहा उसे डर है कि उनके बेटे और अंजू को कत्ल करने के इरादे से किडनैपिंग की गई है। थाना सदर (फगवाड़ा) की पुलिस ने BNS की धारा 138 व 140 और असलहा एक्ट की धारा 25 के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू की थी। फ़िलहाल पुलिस की तफ्तीश के बाद यह सारा मामला सबके सामने आ चूका है।