PTB Big न्यूज़ जालंधर (एडिटर-इन-चीफ) राणा हिमाचल : पंजाब की राजनीति में बड़ा नाम उभर कर सामने आ चुकी आप पार्टी को विधानसभा चुनावों में बड़ा बहुमत मिलने के बाद अब हालत ऐसे बन गए हैं कि हर पूर्व और मौजूदा विपक्ष का नेता आम आदमी पार्टी में जाने को बेताब है, यह हाल पंजाब का ही नहीं गुजरात जहां कुछ दिनों में चुनावी बिगुल बजने वाला है और हिमाचल प्रदेश में भी ऐसे ही हालत दिखाई दे रहे हैं जहां अब आप पार्टी ने नए-नए पैर पसारने के साथ-साथ चुनावी घोषणाएं करनी शुरू कर दी है /
लेकिन इस समय गुजरात, हिमाचल और पुरे पंजाब को छोड़ दिया जाये तो हम बात करते हैं जिला जालंधर की जहां कई वर्षों से अकाली-भाजपा गठबंधन व कांग्रेस की ही सरकार ने राज किया है, लेकिन बीते विधानसभा चुनावों से पहले ही अकाली-भाजपा गठबंधन टूट के तिनका-तिनका हो गई और हालत ऐसे हो गए कि इनका मिलन दुबारा होना अब नामुमकिन दिख रहा है /
ऐसे में हैरानी की बात तो यह है कि अकाली दल को भी पता था की वह कभी भी अकेले पंजाब में मैदान फतेह नहीं कर सकती तो उन्होंने बीते विधानसभा चुनावों से पहले बसपा यानि मायाबती की पार्टी के साथ हाथ मिला लिया और पंजाब में चुनाबी बिगुल बजा दिया, लेकिन इसके बावजदू आप की पार्टी ने इन सभी पार्टियों को कड़ी टक्कर देते हुए ऐसे धोया की अभी तक इनको आगे यानि नगर निगम चुनावों के लिए रणनीति नहीं दिखाई दे रही है /
वहीं BJP की बात करें तो हालत उनके भी अच्छे नहीं हैं, पूर्व मंत्रियों और विधायकों के इलावा इनके पास जी बीजेपी के मौजूदा पार्षद हैं वह भी अब अंदर खाते निगम चुनवों से पहले ही ठंडे बस्ते हैं और मौके की निजाकत को भांपने में लगे हुए हैं और कभी इधर कभी उधर भटकते हुए दिखाई दे रहे हैं, जोकि पिछले दिनों आप के सेंट्रल हल्के से विधायक रमन अरोड़ा का जन्मदिन बनाते हुए नरज भी आये थे जोकि सुर्ख़ियों का केंद्र भी बने रहे, हालाँकि बाद में कईयों ने यह भी कहा था कि राजनीति एक तरफ है और दोस्ती एक तरफ जिसके ऊपर है, जिसके ऊपर हम कोई टिपणी नहीं कर सकते, क्योंकि यह किसी का निजी मामला भी हो सकता है /
लेकिन अब जो बात सामने आई है वो कौन से नेता हैं जो जल्द ही जालंधर जिले में आप पार्टी की जल्द ही शोभा बढ़ाने वाले हैं, जिनकी चंडीगढ़ में आप पार्टी के सीनियर नेताओं के साथ मीटिंग भी हो चुकी है बस इंतजार हो तो बस हरी झंडी का, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इनमें वह नेता भी हैं जो चुनावों के दौरान रहे तो अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के साथ, लेकिन आम आदमी पार्टी का अंदर खाते साथ देते हुए नजर आये, जिनमें से कईयों ने आप नेताओं के विधायक बनते ही सीधे तोर पर उनके साथ तालमेल बढ़ा लिया और आप पार्टी में बिना ज्वाईनिंग के ही कार्य करने भी शुरू कर दिए /
हैरानी की बात तो यह है कि इनमें से ज्यादातर ने अभी तक पुराने पदों से अभी तक इस्तीफा भी नहीं दिया है, लेकिन जिन्होंने इस्तीफा दिया वह भी जल्द ही आम आदमी पार्टी में नए चेहरे बनने वाले हैं / आपको यह बात पढ़कर और भी हैरानी होने वाली है की जो नेता अभी विपक्ष में बैठे हैं उनमें से कई नेता जल्द ही आम आदमी पार्टी में शामिल होने वाले हैं इनमें विपक्ष में बैठे एक दो बड़े सीनियर नेता भी हैं जिनको आगे खाई तो पीछे कुआँ नजर आ रहा है और बचने का कोई और रास्ता भी दिखाई नहीं दे रहा, इसका सबसे बड़ा कारण है स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को लेकर हुए सबसे बड़े घोटाले में अपना-अपना नाम आने का?
खेर इन सभी के बीच सबसे ज्यादा नुकसान उन नेताओं का होने वाला है जो या तो टिकट की उम्मीद लगाए बैठे हैं और तो और कई वार्डों पर अपनी दावेदारी भी ठोक चुके हैं / हैरानी की बात तो यह है कि कई आप नेताओं को जब आम अदमी पार्टी में चुनावों के समय ज्वाइन करवाया गया था तो मौजूदा विधायकों ने ही नहीं बल्कि प्रचार के लिए शहर में पहुंचे कई नेताओं ने इन छोटे-छोटे कार्यकर्ताओं जिनमें ज्यादातर 2012 से जुड़े हुए थे को बड़े-बड़े सपने दिखाए थे,
लेकिन अब इन आप पार्टी के कई नेताओं को जिला जालंधर ही नहीं पंजाब भर के आप पार्टी से जुड़े कई नेताओं को आगामी निगम चुनावों में बड़ा झटका लगें वाला है, हाँ हो सकता है कि इनमें से कईयों की लाटरी लगा जाये, क्योंकि चुनावों के इलावा बहुत से पद हैं जो पार्टी लेबल पर बाद में बांटे जाने हैं / अब देखना यह बहुत ही दिलचप होगा की किस नेता का दिल टूटता है और किसको मिली है बड़ी ख़ुशी? अगली कड़ी में नए मुद्दे को उज्जागर करने के वादे के साथ……….,