PTB Big News पंजाब : पंजाब में बिजली संकट का खतरा मंडरा रहा है। इस समय हालात यह हैं कि राज्य के सीमांत इलाकों में पांच से सात घंटे का कट लगाया जा रहा है। तलवंडी साबो और गोइंदवाल थर्मल प्लांट में मात्र एक दिन का कोयला बचा है। बिजली उपभोक्ताओं की बढ़ती मांग और राज्य के पावर प्लांटों के पास कोयले की भारी कमी आने वाले दिनों में बिजली संकट की ओर इशारा कर रही है। इस बात को पंजाब सरकार भी खुद मान रही है कि कोयले के संकट के कारण पावरकाम अपनी क्षमता के मुताबिक बिजली का उत्पादन नहीं कर पा रहा है। कोयले की कमी में आने वाले समय में सुधार नहीं आया तो बिजली संकट बढ़ सकता है।
इस समय रोपड़ थर्मल प्लांट के पास 10 दिन लहरा मोहब्बत के पास 15 दिन, राजपुरा के पास 14 दिन का कोयला स्टाक में है। बात करें तलवंडी साबो व गोइंदवाल प्लांट की तो उनके पास मात्र एक दिन से भी कम कोयला पड़ा है। रोपड़ में चार में से तीन यूनिट चल रहे हैं। लहरा मोहब्बत में भी चार में से तीन यूनिट चल रहे हैं। राजपुरा के दो यूनिट चालू हैं। तलवंडी साबो के तीन यूनिट आधी कैपेसिटी के साथ चल रहे हैं और गोइंदवाल प्लांट के दो यूनिट चल रहे हैं ओर एक यूनिट 45 प्रतिशत समर्था के साथ वर्किंग में हैं।
लोक निर्माण और बिजली मंत्री हरभजन सिंह ने कहा कि पंजाब राज्य पावर कारपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) ने मार्च में 8,490 मेगावाट बिजली की मांग को पूरा किया है। मार्च 2022 की बिजली 8490 मेगावाट मांग मार्च 2021 में 7455 मेगावाट के मुकाबले 14 प्रतिशत अधिक रही है। इसी तरह मार्च-2022 में पीएसपीसीएल ने बैंकिंग के लिए तमिलनाडु, तेलंगाना, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल राज्यों को सबसे अधिक 961 मेगावाट बिजली सप्लाई की है, जो कि पिछले साल के 37 प्रतिशत अधिक बैंकिंग है। अब धान लगाने के वक्त 2300 मेगावाट तक बिजली पावरकाम को वापस मिलेगी।