PTB Big News नई दिल्ली : दिल्ली के मेट्रो स्टेशन पर CRPF जवान द्वारा अमृतधारी सिख को किरपाण के साथ जाने से रोकने पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने ऐतराज जताया है। SGPC के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने इसकी निंदा की है। वह जल्द ही देश की सरकार व गृह मंत्रालय को इस बारे में खत लिखने जा रहे हैं।प्रधान एडवोकेट धामी ने कहा कि दिल्ली के मेट्रो स्टेशन पर अमृतधारी सिख नौजवान को किरपाण के साथ अंदर जाने से रोकने की घटना देश के संविधान की उल्लंघना है। ऐसा करने वाले कर्मचारी पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
देश में सिखों की धार्मिक भावनाओं के साथ बार-बार खिलवाड़ के मामले सामने आ रहे हैं। दुख की बात है कि सरकारें ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं कर रहीं। भारतीय संविधान में धार्मिक मान्यताओं पर पहरा देने की छूट है। इसके बावजूद सिखों के धार्मिक चिन्हों पर सवाल उठाए जा रहे हैं। यह पहली बार नहीं है कि सिखों के चिह्न किरपाण को लेकर विवाद पैदा हुआ हो। कुछ समय पहले उड्डयन मंत्रालय की तरफ से एक नोटिफिकेशन जारी किया गया था, जिसमें भारत के एयरपोर्ट्स पर जॉब करने वाले सिखों को किरपाण पहनने से रोका गया था, लेकिन SGPC की दखलअंदाजी के बाद उड्डयन मंत्रालय ने अपना फरमान वापस ले लिया था।
SGPC प्रधान धामी के अनुसार, दिल्ली के एक मेट्रो स्टेशन पर पुलिस मुलाजिम अमृतधारी सिख नौजवान को किरपाण उतार कर साइज चैक करवाने को मजबूर कर रहा था, लेकिन युवक ने इसकी वीडियो बना उसके साथ हो रहे व्यवहार को कैमरे में कैद कर लिया। दिल्ली में बड़ी संख्या में सिख रहते हैं और सभी को सिखों के पांच ‘क’ के बारे में पूरी जानकारी है। यह घटना जानबूझकर की गई। इस मामले में सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।