PTB Big न्यूज़ फ़िरोज़पुर : पाकिस्तान ने भारत के BSF के जवान पूर्णम कुमार शॉ को छोड़ दिया है। कांस्टेबल पूर्णम बुधवार सुबह 10:30 बजे अटारी-वाघा बॉर्डर से भारत लौट आए हैं। DGMO लेवल पर बातचीत के बाद उन्हें 20 दिनों के बाद छोड़ा गया है। उन्हें मेडिकल जांच के लिए ले जाया गया है। पूछताछ के बाद उन्हें घर जाने दिया जाएगा। BSF ने प्रेस रिलीज के जरिए कांस्टेबल पूर्णम के भारत लौटने की जानकारी दी है।
.इसमें बताया कि पूर्णम शॉ 23 अप्रैल को फिरोजपुर सेक्टर में ऑपरेशनल ड्यूटी के दौरान गलती से पाकिस्तान चले गए थे। इसके बाद उन्हें पाकिस्तान रेंजर्स ने हिरासत में ले लिया था। पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकी हमले के अगले दिन पाकिस्तानी रेंजर्स ने BSF जवान पूर्णम कुमार शॉ की दो फोटो जारी की थीं। पहली फोटो में पूर्णम पेड़ के नीचे खड़े थे। उनकी राइफल, पानी की बोतल, बैग जमीन पर पड़ा था।
. .दूसरी फोटो में जवान की आंखों पर पट्टी बंधी थी। जवान शॉ मूल रूप से पश्चिम बंगाल में हुगली के रिसड़ा गांव के रहने वाले हैं। वह 23 अप्रैल को फिरोजपुर में किसानों के साथ भारत-पाक बॉर्डर पर ड्यूटी कर रहे थे। इस दौरान वह गलती से एक पेड़ के नीचे बैठने के लिए पाकिस्तान की सीमा में दाखिल हो गए। जहां पाकिस्तानी रेंजर्स ने उन्हें पकड़ लिया और अपने साथ ले गए।
श्रीनगर से आई BSF की 24वीं बटालियन फिरोजपुर के ममदोट सेक्टर में तैनात हुई थी। 23 अप्रैल की सुबह किसान अपनी कंबाइन मशीन लेकर खेत में गेहूं काटने गए थे। यह खेत भारत-पाक बॉर्डर पर फेंसिंग पर लगे गेट नंबर-208/1 के पास था। किसानों की निगरानी के लिए BSF के 2 जवान भी उनके साथ थे। इसी समय जवान पीके शॉ की तबीयत बिगड़ गई। वे पेड़ के नीचे बैठने के लिए चले गए।
.पेड़ बॉर्डर पार था। तभी पाकिस्तानी रेंजर्स ने उन्हें घेरकर पकड़ लिया और उनके हथियार भी छीन लिए। आपको यह भी बता दें कि 28 अप्रैल को बीएसएफ जवान की गर्भवती पत्नी रजनी पश्चिम बंगाल से फिरोजपुर पहुंची थी। जहां उन्होंने बीएसएफ सीनियर अधिकारियों से मुलाकात भी की। वह 2 दिन फिरोजपुर में रुकी भी रहीं। हालांकि उनकी तबीयत बिगड़ने की वजह से वापस लौटा दिया गया।
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