PTB News हेल्थ : भारतीय चिकित्सा समुदाय के लिए यह अत्यंत गर्व की बात है कि देश के प्रख्यात इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. रमन चावला को यूरोप की प्रतिष्ठित संस्था कार्डियोवैस्कुलर एंड इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिकल सोसायटी ऑफ यूरोप (CIRSE) द्वारा ऑस्ट्रिया के वियना शहर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में अतिथि व्याख्याता (Guest Lecturer) के रूप में आमंत्रित किया गया. गौरतलब है कि CIRSE की स्थापना 1985 में हुई थी और इसका मुख्यालय वियना में है।
.यह संस्था इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी और कार्डियोवैस्कुलर तकनीकों के क्षेत्र में 4,200 से अधिक वैश्विक विशेषज्ञों की सदस्यता के साथ नवाचारों और उपचार परिणामों में सुधार के लिए कार्यरत है। डॉ. रमन चावला (MD, DNB, DM – Cardiology, MRCP (UK), FACC (USA), LMCC (CANADA), AMC (AUSTRALIA) एक अनुभवी एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमाणित इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट हैं।
. .उन्हें इस क्षेत्र में 30 वर्षों से अधिक का नैदानिक एवं प्रक्रियात्मक अनुभव प्राप्त है। वर्तमान में वे केयरबेस्ट सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, जालंधर (पंजाब) में मेडिकल डायरेक्टर एवं मुख्य हृदय रोग विशेषज्ञ के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने उत्तरी भारत के शुरुआती केंद्रों में से एक कार्डियोलॉजी सेंटर की स्थापना और संचालन में अहम भूमिका निभाई है। डॉ. चावला अब तक 2 लाख से अधिक हृदय रोगियों का सफल उपचार, 1.5 लाख से अधिक नॉन-इनवेसिव प्रक्रियाएं तथा
45,000 से अधिक इनवेसिव प्रक्रियाएं कर चुके हैं। उनके विशेष क्षेत्रों में प्रोस्टेट, यूटेराइन एवं ब्रोंकियल आर्टरी एम्बोलाइजेशन, वेनस इंटरवेंशन, “डे केयर कैथ” और “रेडियल लाउंज” जैसी नवीन तकनीकों का उपयोग शामिल है। “इसके साथ-साथ वे प्राइमरी एंजियोप्लास्टी के माहिर हैं।” उनकी शैक्षणिक, नैदानिक और प्रक्रियात्मक विशेषज्ञता ने उन्हें न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ख्यातिप्राप्त विशेषज्ञ बना दिया है।
. .वे अनेक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं और यूरोप, एशिया व अन्य देशों में व्याख्यान दे चुके हैं। डॉ. चावला पद्मश्री पुरस्कार के नामांकित रह चुके हैं और उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 50 से अधिक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें कई यूरोपीय देशों के मंच भी शामिल हैं। इस प्रतिष्ठित CIRSE सम्मेलन में डॉ. चावला को भारत से एकमात्र कार्डियोलॉजिस्ट के रूप में आमंत्रित किया गया,
.जहाँ उन्होंने इंटरवेंशनल प्रक्रियाओं के दौरान स्ट्रोक की रोकथाम और प्रबंधन पर वैज्ञानिक व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि कैसे कैरोटिड आर्टरी के इंटरवेंशन से बेहतर परिणाम मिल सकते हैं और जटिलताओं को कैसे रोका जा सकता है। इस अवसर पर डॉ. चावला का व्याख्यान न केवल भारत के लिए गौरव का विषय रहा, बल्कि इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के क्षेत्र में भारतीय विशेषज्ञता की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सशक्त उपस्थिति को भी दर्शाता है।