PTB News धार्मिक : अयोध्या में आज को राम मंदिर के प्रथम तल में बने राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा पूरे रीति-रिवाज के साथ संपन्न हो गई। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल हुए। उन्होंने 101 शंकराचार्य के साथ राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा की, जिन्हें विशेष तौर पर राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा के लिए आमंत्रित किया गया था। आज गंगा दशहरा के शुभ अवसर पर अयोध्या में राम दरबार और
.गर्भगृह के चारों कोनों में बने परकोटे समेत अन्य मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है। प्राण प्रतिष्ठा में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ समेत पांच सौ मेहमानों को आमंत्रित किया गया है। हिंदू धर्म शास्त्रों के मुताबिक गंगा दशहरा वह दिन है जब राजा भगीरथ की तपस्या से प्रेरित होकर पवित्र नदी गंगा भगवान शिव की जटाओं से पृथ्वी पर उतरी थीं। यही कारण है कि इस दिन को हिंदू धर्म में बेहद खास माना जाता है।
. .श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के न्यासी अनिल मिश्रा ने कहा कि प्राण-प्रतिष्ठा समारोह पूर्वाहन 11 बजकर 25 मिनट से 11 बजकर 40 मिनट के बीच आयोजित किया गया। मुख्य राम दरबार के अलावा, राम मंदिर परिसर के भीतर आठ अन्य मंदिरों का अभिषेक भी किया गया। उन्होंने कहा कि समारोह पूरे धार्मिक अनुष्ठानों और वैदिक मंत्रों के साथ आयोजित किएगए। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अयोध्या पहुंचे।
यहां उन्होंने सबसे पहले हनुमान गढ़ी जाकर पूजा-अर्चना की। इसके बाद वे राम मंदिर पहुंचे और रामलला की पूजा की। सीएम योगी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अपनी खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा, ‘प्रभु श्री राम की पावन जन्मभूमि अयोध्या धाम में आज श्री राम जन्मभूमि मंदिर के प्रथम तल पर श्री राम दरबार सहित अष्ट देवालयों में पवित्र देव विग्रहों की प्राण-प्रतिष्ठा हेतु आयोजित कार्यक्रम का साक्षी बनने का परम सौभाग्य प्राप्त हो रहा है।
. .यह पावन अवसर ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की नूतन अभिव्यक्ति है। सियावर श्री रामचन्द्र की जय!’ आपको यह भी बता दें कि अयोध्या में नवनिर्मित मंदिर परिसर में रामलला की मूर्ति का पहला प्राण-प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में आयोजित किया गया था। यहां भव्य कार्यक्रम में पीएम मोदी ने खुद रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा की थी, जिसकी चर्चा पूरे विश्व में हुई थी।
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