PTB News

Latest news
रेलवे ट्रैक पर हुआ जोरदार धमाका, धमाके के बाद पटरी से उतरे 6 डिब्बे, कई यात्री हुए गंभीर रूप से घायल... खुशखबरी, भारत-कनाडा के रिश्तों को लेकर हुई सहमति, कनाडा जाने वालों को होगा बड़ा फायदा, बार-बार Fastag रिचार्ज का झंझट हुआ खत्म, टोल टैक्स से मिलेगी आम जनता को बड़ी राहत, कपूरथला, गुरुद्वारा साहिब में चली गोलियां, 3 निहंग सिंह सहित 4 लोग हुए घायल, जालंधर, नाबालिग लड़की से किया प्रॉपटी डीलर ने दुष्कर्म, हुआ फरार, कपूरथला, 20 जून को नशा विरोधी साइक्लोथॉन, तीन जिलों के साइकिल क्लब लेंगे हिस्सा, सेंट सोल्जर ग्रुप की विभिन्न स्कूल शाखाओं ने समर कैंप में रचनात्मक गतिविधियों का आयोजन किया, एच.एम.वी. की बी.कॉम (आनर्स) सेमेस्टर 3 की छात्रा ने यूनिवर्सिटी परीक्षा में किया शानदार प्रदर्शन, G-7 शिखर सम्मेलन के लिए कनाडा पहुंचे PM मोदी को दिखाई खालिस्तानियों ने आपत्तिजनक तस्वीरें, भारतीय मो... ਲਾਇਲਪੁਰ ਖ਼ਾਲਸਾ ਕਾਲਜ ਦੇ ਐਮ.ਐਸਸੀ. (ਮੈਥੇਮੈਟਿਕਸ) ਤੀਸਰਾ ਸਮੈਸਟਰ ਦਾ ਨਤੀਜਾ ਰਿਹਾ ਸ਼ਾਨਦਾਰ,
Translate

बैंकों से लोन लेने वालों के लिए बड़ी ख़बर, ब्याज दर में कटौती की संभावना,

business-rbi-policy-meeting-2025-bank-loan-interest-rates-repo-rate-cut-after-meting

PTB Business न्यूज़ मुंबई : आम आदमी को जल्द और राहत मिल सकती है। इस महीने 4 से 6 जून को RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक होनी है। एक्सपर्ट्स के अनुसार इस बार भी ब्याज दारों यानी रेपो रेट में 0.25% होने की पूरी संभावना है। इससे सभी तरह के लोन लेना सस्ता हो जाएगा। इससे पहले हुई दो बैठक में 0.50% की कटौती हो चुकी है। इससे रेपो रेट गिरकर 6% पर आ गई है।

.

.

मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी में 6 सदस्य होते हैं। इनमें से 3 RBI के होते हैं, जबकि बाकी केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किए जाते हैं। एसबीआई सिक्युरिटीज के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट सनी अग्रवाल ने बताया कि सभी फैक्टर रेट कट के लिए बिल्कुल मुफीद हैं। मानसून सामान्य रहने के आसार हैं। जीडीपी ग्रोथ स्थिर है। महंगाई काबू में है। रिटेल महंगाई जुलाई 2019 के बाद निचले स्तर पर है। पिछली बैठक में आरबीआई गवर्नर ने भी संकेत दिए थे कि

.

महंगाई काबू में रहती है तो दरें और घट सकती हैं। इससे रियल एस्टेट और ऑटो सेक्टर को बूस्ट मिलेगा। RBI जिस ब्याज दर पर बैंकों को लोन देता है उसे रेपो रेट कहते हैं। रेपो रेट कम होने से बैंक को कम ब्याज पर लोन मिलेगा। बैंकों के लोन सस्ता मिलता है, तो वो अकसर इसका फायदा ग्राहकों को पास कर देते हैं। यानी, बैंक भी अपनी ब्याज दरें घटा देते हैं। रेपो रेट घटने के बाद बैंक भी हाउसिंग और ऑटो जैसे लोन्स पर अपनी ब्याज दरें कम कर सकते हैं।

.

.

आपके सभी लोन सस्ते हो सकते हैं और EMI भी घटेगी। ब्याज दरें कम होंगी तो हाउसिंग डिमांड बढ़ेगी। ज्यादा लोग रियल एस्टेट में निवेश कर सकेंगे। किसी भी सेंट्रल बैंक के पास पॉलिसी रेट के रूप में महंगाई से लड़ने का एक शक्तिशाली टूल है। जब महंगाई बहुत ज्यादा होती है, तो सेंट्रल बैंक पॉलिसी रेट बढ़ाकर इकोनॉमी में मनी फ्लो को कम करने की कोशिश करता है। पॉलिसी रेट ज्यादा होगी तो बैंकों को सेंट्रल बैंक से मिलने वाला कर्ज महंगा होगा।

.

बदले में बैंक अपने ग्राहकों के लिए लोन महंगा कर देते हैं। इससे इकोनॉमी में मनी फ्लो कम होता है। मनी फ्लो कम होता है तो डिमांड में कमी आती है और महंगाई घट जाती है। इसी तरह जब इकोनॉमी बुरे दौर से गुजरती है तो रिकवरी के लिए मनी फ्लो बढ़ाने की जरूरत पड़ती है। ऐसे में सेंट्रल बैंक पॉलिसी रेट कम कर देता है। इससे बैंकों को सेंट्रल बैंक से मिलने वाला कर्ज सस्ता हो जाता है और ग्राहकों को भी सस्ती दर पर लोन मिलता है।

Latest News