PTB Political न्यूज़ जालंधर : पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू एक बार फिर पंजाब सरकार पर बरस पड़े हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार पर असल मुद्दों से भटकाने और सभी का ध्यान सतलुज यमुना लिंक (SYL) की तरफ केंद्रित करने के आरोप लगा दिए हैं। उनका कहना है कि पंजाब के पास पानी कम है, लेकिन जो पानी है, उसे बचाने के लिए सरकार कुछ नहीं कर रही है।
. .यह पंजाब की त्रास्दी रही है। लोगों ने अपने फायदे के लिए सिस्टम को बदल दिया और पंजाब को पीछे धकेल दिया। आज भी असली मुद्दों से ध्यान को भटकाया जा रहा है। अब SYL का मसला निकाल लिया। पंजाब में पानी की कमी है। 10 सालों में बारिश 30 प्रतशत कम हुई है। साफ ही पंजाब के पास पानी देने के लिए नहीं है। लेकिन ये सिर्फ भटकाने के लिए उठाया गया। असल मुद्दा ये है कि पानी जो हमारे पास है, उसकी मैनेजमेंट कैसे करनी है।
.80 प्रतिशत पंजाब वॉटर डार्क जोन में है। पानी की दिक्कत इतनी अधिक बढ़ चकी है कि पीने का पानी नहीं है। मालवा से कैसंर ट्रेनें चल रही हैं। नहरी पानी जो पीने के लिए लोगों को मिलना चाहिए, वे हम दूषित कर चुके हैं। पंजाब के हरिके का पानी जो ए ग्रेड पीने लायक था, अब सी ग्रेड हो चुका है। अब सिर्फ पंजाब में रोपड़ नहर का पानी ही पीने योग्य रहा है। लेकिन क्या पंजाब के लोगों को पीने योग्य पानी उपलब्ध करवाना उनका हक नहीं है।
.नवजोत सिद्धू ने कहा कि पंजाब में कहीं भी जमीनी पानी को रीचार्ज करने का प्रयास नहीं किया जा रहा है। घरों में वॉटर रीचार्ज वैल का प्रावधान है, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा। कनाल इरिग्रेशन को रिस्टोर करो, उसकी तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है। सिद्धू ने कहा कि पंजाब में रेता 15000 रुपए तीन सैंकड़ा मिल रहा है। जो कांग्रेस के समय 3300 रुपए में मिल रहा था। पंजाब 17 से 20 रुपए में बिजली खरीद रहा है। पीएसपीसीएल को गिरवी रख लोगों को सुविधाएं दी जा रही हैं। किसानों को मंडिया बना कर देने की बात कही थी, जहां अच्छे दाम मिलें।
.शराब से रेवेन्यू इकट्ठा करने की बातें होती थी। लेकिन इल्लीगल शराब बिक रही है। पंजाब के इन मुद्दों पर कोई बात करने को तैयार नहीं है। सिद्धू का कहना है कि पंजाब में नशा बंद करने की बातें होती थी। लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ। पंजाब में राजनेताओं, पुलिस और तस्करों का नैक्सस चल रहा है। जिसे तोड़ना होगा। ये भाईवाला सिस्टम बदलना पड़ेगा।
.पंजाब में एजुकेशन पॉलिसी रह कहां गई। नौजवान ही गांवों में नहीं रहा है तो पॉलिसी किस के लिए है। विदेश में ट्राला चलाने वाला वहां 7000 डॉलर कमा रहा है। लेकिन सरकार यहां बातें बना रही है। हमारे पास टीचर्स, इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी नहीं है, लेकिन उनकी डिजर्व सैलरी तो दो। पंजाब में बेअदबी के मामलों में आज तक इंसाफ नहीं मिला। SIT बना दी। SIT का मतलब है बैठ जाओ। SIT बना बना कर केस के असल एविडेंसिस को इतना कमजोर कर दिया गया है कि अब कुछ हो नहीं सकता।