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अस्पतालों में समय से पहले डिलीवरी की मांग कर रही गर्भवती महिलाओं की बढ़ाई सरकार ने चिंता,

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PTB Big न्यूज़ वशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जन्म आधारित नागरिकता को लेकर किए गए फैसले ने गर्भवती महिलाओं में गहरी चिंता पैदा कर दी है। इस फैसले के कारण अब अस्पतालों में ऐसी महिलाएं दस्तक दे रही हैं जो निर्धारित समय से पहले, यानी 20 फरवरी से पहले, डिलीवरी कराना चाहती हैं। सोमवार को डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। हाल ही में एक सर्वे में सामने आया है कि कई अमेरिकी वयस्क इस फैसले के खिलाफ हैं।

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टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ बातचीत में न्यू जर्सी के डॉक्टर डी. रामा ने बताया कि उनके अस्पताल में समय से पहले डिलीवरी करने की महिलाओं की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। इन महिलाओं में से अधिकांश भारतीय हैं, जो अपनी गर्भावस्था के 8वें या 9वें महीने में हैं और 20 फरवरी से पहले सी-सेक्शन कराना चाहती हैं। इनमें कई महिलाएं ऐसी हैं जिनकी डिलीवरी में अभी महीनों का समय बाकी है। डॉ. रामा ने कहा, सात महीने की गर्भवती महिला अपने पति के साथ आई थी

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और प्रीटर्म डिलीवरी कराना चाहती थी। उनकी डिलीवरी मार्च के लिए निर्धारित थी। ट्रंप के फैसले के तहत, 20 फरवरी के बाद ऐसे बच्चों को स्वतः नागरिकता नहीं मिलेगी जो अमेरिका के नागरिक या ग्रीन कार्ड धारक नहीं हैं। इस फैसले के खिलाफ अमेरिका के 22 प्रांतों के अटॉर्नी जनरल ने मंगलवार को ट्रंप के उस शासकीय आदेश के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। यह आदेश देश में जन्म लेने पर किसी भी व्यक्ति को स्वतः नागरिकता देने वाले सौ साल पुराने आव्रजन नियम को

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खत्म करने के लिए लिया गया था। पुराने नियम के तहत, यदि किसी व्यक्ति का जन्म अमेरिका में हुआ था, तो उसे जन्म के आधार पर अमेरिकी नागरिकता मिल जाती थी, भले ही उसके माता-पिता किसी अन्य देश के हों। ट्रंप के फैसले ने इस पुरानी नीति को चुनौती दी है, जिससे नागरिकता पाने के तरीके में बड़ा बदलाव आया है। इस मुद्दे पर आगे की कानूनी लड़ाई जारी रहेगी, जिससे गर्भवती महिलाओं और उनके परिवारों पर इसका गहरा प्रभाव पड़ सकता है।

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