कांग्रेस पार्टी ने जान बूझकर हरवाने के लिए मैदान उतारा प्रवासी उम्मीदवार,
PTB Big राजनीति पंच जालंधर (एडिटर-इन-चीफ) राणा हिमाचल : जालंधर में निगम चुनावों के साथ ही अलग-अलग वार्डों के प्रत्याशियों द्वारा चुनाव प्रचार शुरू कर दिया गया है। हर कोई अपनी जीत की हुंकार भरने के लिए अपने समर्थन के साथ डोर-टू-डोर कर रहे हैं। हर किसी को उम्मीद है कि वह इस बार जरूर बड़ी लीड के साथ विजयी होंगे। खैर! यह तो एक अंदेशा है, जिसे हर उम्मीदवार पॉसिटिव साईड से देखता है। वहीं दूसरी और शहर के कई वार्ड ऐसे भी हैं
. .जहां से आज तक कोई दूसरा प्रत्याशी चुनाव मैदान में जीत नहीं हासिल कर सका। दरअसल हम बात कर रहे हैं BJP का गढ़ कहे जाने वाले वार्ड नंबर 20 की जहां हमेशा से ही विकास के लिए पूर्व केबिनेट मंत्री मनोरंजन कालिया व उनकी टीम ने जिनमें स्वर्गीय मनजिंदर सिंह चट्ठा जोकि कई वर्षों तक पार्षद पद जीतते रहे का बड़ा योगदान रहा है। यही वजह है की वार्ड नंबर 20 के अधीन आते कमल विहार, बशीरपुरा, भारत नगर, एकता नगर,
. .सूर्य इन्क्लेव जहां किसी समय बहुत बड़ा छप्पड़ भी हुआ करता था को शहर से दूर ले जाने में जो योगदान उस समय की अकाली-भाजपा सरकार ने दिया है वह आज भी कबीले तारीफ है। ऐसे में अब जहां वार्ड नंबर 20 में खड़े कांग्रेस प्रत्याशी दीनानाथ की बात करें तो यह वहीं उम्मीदवार है, जिसने 2017 में पूर्व विधायक राजिंदर बेरी के खिलाफ ही आजाद इलेक्शन लड़ने की घोषणा इलाके में चंद बैनर लगाकर की थी, लेकिन रातों रात राजिंदर बेरी से बड़ी डील के बाद राजिंदर बेरी जोकि उस समय विधानसभा के चुनावों के प्रत्याशी थे के ही चुनाव प्रचार में उतर गए।
. .उसके बाद दीनानाथ राजिंदर बेरी के साथ तब तक रहे जब तक दोबारा चुनाव नहीं हो गए, लेकिन अब्सोस 2022 के चुनाव AAP पार्टी जीत गई और सेंट्रल में रमन अरोड़ा विधायक बन गए। ऐसे में कांग्रेस पार्टी के वार्ड नंबर 20 से खड़े इस उम्मीदवार ने मौके का फायदा उठाते हुए, फिर से रंग बदला और विधायक के पास अपने समर्थक लेकर पहुंच गया और तब से लेकर आज तक यानि निगम चुनावों के उम्मीदवारों की जब तक घोषणा नहीं हुई थी तब तक यह महाशय अंदर ही अंदर कांग्रेस के सम्पर्क में रहे और जब आप पार्टी ने उनके नाम को नकार दिया तब यह कांग्रेसी उम्मीदवार एक बार फिर से राजिंदर बेरी की शरण में जा बैठे।
. .अब आप जनता जनार्दन ही बताओ कि बार-बार रंग बदलने वाला नेता आपके लिए क्या कोई काम जितने के बाद करेगा? यह एक बड़ा सवाल है, जिसे चंद महीनों के बाद आप पार्टी ने ही ठुकरा दिया हो, आखिर क्या वजह रही की इस नेता की आप के प्रति की गई कड़ी मेहनत के बावजदू भी इस कांग्रेसी उम्मीदवार (पहले आप से टिकट मांग रहा था) को टिकट नहीं दिया गया। खैर! अब जब चुनाव पास आने लगे और जब जब कांग्रेस पार्टी को भी कोई उम्मीदवार नहीं मिला तो पार्टी हाईकमान ने भी बीजेपी के गढ़ में इस कांग्रेसी उम्मीदवार को बलि का बकरा बनाकर चुनाव मैदान में उतार दिया।
.यही नहीं अब यह प्रवासी कांग्रेसी उम्मीदवार लगातार बीजेपी के गढ़ में अपनी रफ़्तार बनाने की दिन-रात कोशिश कर रहा है, जोकि चंद समर्थकों के साथ फीकी पड़ रही है। क्योंकि जनता जनार्दन BJP के साफ छबि वाले उम्मीदवार को समर्थन दे रही है। ऐसे में इलाके के लोगों का कहना है की चट्ठा परिवार जोकि हमेशा ही जनता की सेवा में खड़ा रहा है। यह परिवार एक आवाज लगाने पर लोगों के दुःख सुख में उपस्थित रहा है। फ़िलहाल चट्ठा परिवार लगातार डोर-टू-डोर में व्यस्त है और हर घर से एक ही आवाज आ रही है एक बार फिर बीजेपी उम्मीदवार…..।