PTB Big न्यूज़ जालंधर : जालंधर शहर में Immigration कंपनियों की भरमार है, ऐसे में आए दिन कई ठग ट्रैवल एजेंटों द्वारा लोगों के साथ धोखाधड़ी के कई मामले सामने आते रहते हैं जोकि अब एक आम सी बात है, लेकिन इस बार शहर के 500 के करीब ट्रैवल एजैंटों ने GST विभाग को ही करोड़ों का चुना लगा दिया, जोकि सीधे सरकार के खजाने में जाना चाहिए था। ऐसे में GST चोरी को रोकने के लिए डिप्टी कमिश्नर स्टेट टैक्स जालंधर डिवीजन को इन ट्रैवल एजेंटों ने बड़ा कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार जीएसटी (GST) विभाग का कहना है कि सभी इमीग्रेशन कंपनियां (Immigration companies) और ट्रैवल एजैटों (Travel Agencies) को जीएसटी (GST) नंबर लेना अब जरूरी होगा। इसके लिए जीएसटी (GST) विभाग ने जालंधर (Jalandhar) के जिलाधीश हिमांशु अग्रवाल को एक पत्र लिखा है, जिसमें लिखा गया कि बिना GST नंबर के किसी भी ट्रैवल एजैंट को Immigration लाइसेंस ना दिया जाए।
ऐसे में अगर जालंधर के ट्रैवल एजेंटों यानि जिनके पास लाइसेंस है के आंकड़ों की बात की जाए तो 1660 से ज्यादा ट्रैवल एजैंट अकेले जालंधर में रजिस्टर्ड हैं, जबकि अवैध रूप से इमीग्रेशन और ट्रैवल एजैंट का काम करने वाले की संख्या इससे भी कहीं ज्यादा है, जिनमें से कुछ ट्रैवल एजेंट (B2B) काम करते हैं और कुछ सीधे क्लाइंट के साथ सीधे डील करके मोटा मुनाफा वसूलते हैं और किसी भी विभाग को इसकी कोई भी जानकारी नहीं होती, यह एजेंट ज्यादातर रिलेशन में ही काम करना पसंद करते हैं। वहीं कुछ ऐसे Treval Agent भी हैं जो किसी नेता या अधिकारी की छत्रछाया में ही काम करते हैं।
वहीं अगर लाइसेंस होल्डर एजेंटों की बात की जाए तो जालंधर में मौजूद 1660 में से कुछ के लाइसेंस केंसिल या सस्पेंड हो चुके हैं, और जो बचे हैं उनमें से भी ज्यादातर Trewal Agents के पास यानि 500 के करीब ट्रैवल एजैंटों के पास GST नंबर ही नहीं है, और यह Treval Agent लाखों रुपए का हर महीने लाखों का कारोबार कर रहे हैं और इस बात का ढिंढोरा भी यह खुद ही सोशल मीडिया पर प्रमोशनल पोस्ट डालकर कर रहे हैं।
जिसके बाद ही GST विभाग के जालंधर के जिलाधीश डा. हिमांशु अग्रवाल को पत्र लिखा कर यह साड़ी जानकारी से रू-ब-रू करवाया है। GST विभाग ने इसमें साफ-साफ कहा है कि बिना GST नंबर के किसी भी इमीग्रेशन कंपनी और ट्रैवल एजैंट को लाइसेंस जारी न किया जाए। इसके लिए जीएसटी विभाग ने जीएसटी एक्ट 2017 का हवाला भी दिया है। अब देखना यह होगा कि आने वाले समय में विभागों व आम जनता के लाखों डकारने वाले ठग Treval एजेंटों के खिलाफ जिला प्रशासन क्या कदम उठाता है। ताकि लोगों से ठगी करने वालों पर शिकंजा कसा जा सके।