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What will change if central govt removes article 370 and 35A in Jammu Kashmir
(पढ़ें पहली बार पीटीबी न्यूज़ पर)
PTB Big Breaking न्यूज़ जम्मू-कश्मीर : जम्मू-कश्मीर में सेना के साथ-साथ सियासी हलचल भी तेज है / स्कूल-कॉलेजों से लेकर इंटरनेट सेवाएं तक बंद कर दी गई हैं / परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं / कई जगहों पर धारा 144 लागू कर दिया गया है / यह सब इसलिए क्योंकि यहां सालों से लागू अनुच्छेद 370 और 35 ए को हटाए जाने की संभावना जताई जा रही है / अब सवाल ये है कि आखिर ये अनुच्छेद हटने से जम्मू-कश्मीर में ऐसा क्या बदल जाएगा? क्यों इस पर इतना बवाल हो रहा है? आगे समझें इन सवालों के जवाब….,
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कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रावधान 17 नवंबर 1952 से लागू हैं / ये अनुच्छेद जम्मू-कश्मीर और यहां के नागरिकों को कुछ अधिकार और सुविधाएं देती है, जो देश के अन्य हिस्सों से अलग है / अगर सरकार अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर से हटा देती है, तो यहां के नागरिकों को मिलने वाले वो सभी अधिकार खत्म हो जाएंगे / जानें, वो कौन सी अहम चीजें हैं जो बदल जाएंगी /
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अभी जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता है / इस राज्य का अपना झंडा भी है / 370 हटने से ये चीजें खत्म हो जाएंगी /
जम्मू-कश्मीर में भारत के राष्ट्रीय ध्वज या राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान अपराध नहीं माना जाता है, लेकिन 370 हटने से देश के अन्य हिस्सों की तरह यहां भी ये गतिविधियां अपराध की श्रेणी में आएंगी /
सुप्रीम कोर्ट के आदेश फिलहाल जम्मू-कश्मीर में मान्य नहीं होते / बाद में वहां के नागरिकों को भी शीर्ष अदालत के आदेश मानने होंगे /
रक्षा, विदेश, संचार छोड़कर अन्य मामलों में अभी जम्मू-कश्मीर विधानसभा की सहमित के बिना वहां केंद्र का कानून लागू नहीं किया जा सकता, लेकिन 370 हटा दिए जाने के बाद केंद्र सरकार अपने कानून वहां भी लागू कर सकेगी /
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फिलहाल जम्मू-कश्मीर विधानसभा का कार्यकाल 6 साल का होता है / अनुच्छेद 370 हटने से वहां भी अन्य सभी राज्यों की तरह विधानसभा का कार्यकाल 5 वर्षों का किया जा सकेगा /
फिलहाल कश्मीर में हिंदू-सिख अल्पसंख्यकों को 16 फीसदी आरक्षण नहीं मिलता / अगर अनुच्छेद 370 हटती है, तो वहां भी अल्पसंख्यकों को आरक्षण का लाभ मिल सकेगा /
अनुच्छेद 35A के जरिए जम्मू-कश्मीर के स्थाई नागरिकता के नियम और नागरिकों के अधिकार तय होते हैं / जम्मू-कश्मीर के स्थाई निवासी संबंधी नियम डोगरा नियमों के तहत 20वीं शताब्दी की शुरुआत में ही राजा हरि सिंह ने लागू किया था / फिर जम्मू-कश्मीर के नेता शेख अब्दुल्ला और तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बीच 1949 में हुए समझौतों के तहत 35A का विशेष प्रावधान जोड़ा गया था / इसे संसद द्वारा नहीं जोड़ा गया / बल्कि, 14 मई 1954 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद द्वारा पारित एक आदेश के बाद अनुच्छेद 370 के तहत अनुच्छेद 35ए को संविधान में जोड़ा गया था /
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इस संविधान के अनुसार, 14 मई 1954 या इससे पहले 10 सालों से राज्य में रहने वालों और वहां संपत्ति हासिल करने वालों को ही जम्मू-कश्मीर का स्थाई नागरिक बताया गया है / इन निवासियों को विशेष अधिकार प्राप्त हैं /
स्थाई निवासियों को ही राज्य में जमीन खरीदने, सरकारी नौकरी पाने, सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के अधिकार मिले हैं / बाहरी / अन्य लोगों को यहां जमीन खरीदने, सरकारी नौकरी पाने, संस्थानों में दाखिला लेने का अधिकार नहीं है /
अगर जम्मू-कश्मीर की कोई महिला भारत के किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से शादी कर ले, तो उसके अधिकार छिन जाते हैं, लेकिन पुरुषों के मामले में ऐसा नहीं है / राज्य के पुरुष अगर दूसरे राज्य की महिला से शादी करते हैं तो उस महिला को भी राज्य की स्थाई निवासी का दर्जा मिल जाता है /
इस अनुच्छेद के कारण पाकिस्तान से आए शरणार्थीयों को आज भी उनके मौलिक अधिकारों से वंचिक रखा गया है / इन वंचितों में 80 फीसदी लोग पिछड़े और दलित हिंदू समुदाय से हैं /
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देश का कोई नागरिक जम्मू-कश्मीर राज्य में जमीन खरीद पाएगा, सरकारी नौकरी कर पाएगा, उच्च शिक्षा संस्थानों में दाखिला ले पाएगा /
जम्मू-कश्मीर में महिला और पुरुषों के बीच अधिकारों को लेकर भेदभाव खत्म हो सकेगा /
कोई भी व्यक्ति कश्मीर में जाकर बस सकता है /
पाकिस्तानी शरणार्थियों को उनके मौलिक अधिकार मिल सकेंगे /
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What will change if central govt removes article 370 and 35A in Jammu Kashmir