दो नहीं एक ही किया गया था फायर, आखिर क्यों? झगड़े की सचाई आई सामने, एक पक्ष अस्पताल तो दुसरा निजी अस्पताल में भर्ती,
PTB Exclusive न्यूज़ जालंधर : देश में अवैध असला रखना गैरकानूनी है, लेकिन लाइसेंस होल्डर के लिए है वैध, लेकिन इसको अपने पास रखने के कुछ नियम और कानून हैं और अगर जब आत्म रक्षा की बात आये तो हम फायर भी कर सकते हैं, लेकिन कब और कैसे इसके लिए हम आगे बताएंगे, फिलहाल हम आपको यह बता दें कि पंजाब में लगातार बढ़ते गन कल्चकर को देखते हुए बीते कुछ महीनों से पंजाब साकार ने पंजाब के डीजीपी को असला रखने वालों के लिए कानून सख्त करने और जिनको इसकी जरूरत नहीं है और जिन्होंने राजनितिक दबाब में असला बनवाया है उनको रद करने के आदेश पंजाब के सभी जिलों के पुलिस अधिकारीयों व जिलाधीशों को दिए थे, लेकिन शायद अभी भी कुछ लोग राजनितिक सरंक्षण में असला रखने का अपना यह शोक पूरा कर रहे हैं।
.खेर ! हम यह बात इस लिए कर रहे हैं क्योंकि बीते दिन देर रात जो कुछ जालंधर शहर में हुआ वह हैरान करने वाला था, जब वाल्मीकि गेट के पास दो गुटों में अचानक विवाद हो गया और जमकर मारपीट की बात सामने आई और इसी दौरान एक गुट की तरफ से आये एक सख्श यानि गौरव अरोड़ा की और से गोलियां चला देने की बात पीड़ित पक्ष करने लगा। फ़िलहाल पुलिस इस बात का खंडन करती रही की गीली चलने का उनको नहीं पता लेकिन पीड़ित पक्ष और इलाका निवासी मीडिया और पुलिस को कहते रहे की गोली चली है, खेर यह तो साफ है की गोली चली वह भी लाइसेंसी हथियार से और यह गीली हवाई फायर के रूप में चली गई थी, जिसके बाद लोग दहशत में आ गए, जिसका एक वीडियो भी लगातार सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
.हालाँकि यह सारा विवाद वाल्मीकि गेट पर खेल रहे बच्चों को जातिसूचक शब्द कहने से शुरू हुआ बताया जा रहा है। जो बाद में गाली गलौज से होता हुआ मारपीट पर जा पहुंचा, लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह विवाद बच्चों की लड़ाई का नहीं बल्कि गगन अरोड़ा जोकि निखिल अरोड़ा (आप के वार्ड नंबर 68 से पार्षद पद के दावेदार) और गौरव अरोड़ा (लाइसेंसी हथियार से हवा में फायर करने वाला सक्श) का रिश्तेदार है, इलाका निवासियों और सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गगन अरोड़ा की पत्नी को इलाके के कुछ शरारती युवकों ने छड़खनी की जिसका विरोध गगन अरोड़ा ने किया,
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लेकिन बाद में विवाद बढ़ता देख उन्होंने अपने आप नेता निखिल अरोड़ा को इसकी सुचना दी और बाद में निखिल अरोड़ा अपने भाई और अन्य दोस्तों के साथ मौके पर पहुंचे। इस दौरान यह विवाद इतना बढ़ गया कि इलाके में ईंटें भी चली और इस दौरान निखिल अरोड़ा और कुछ लोग घायल हो गए, और अपना बचाव करने के चक्कर में गौरव अरोड़ा द्वारा एक हवाई फायर कर दिया गया। इस दौरान वाल्मीकि गेट पर लोगों का हुजूम लग जाने और माहौल और तनावपूर्ण हो गया जिसके बाद पुलिस भी हरकत में आई और कुछ लोगों की धरपकड़ भी की, लेकिन झगड़ा करने वाले लोग मौके से फरार हो गए।
इस दौरान मौके पर पहुंची पुलिस को एक पक्ष के लोग चिल्ला-चिल्ला कर कह रहे थे कि मौके पर एक व्यक्ति ने अपने लाइसेंसी पिस्तौल से गोलियां चलाई और दहशत पैदा करने की कोशिश की, लेकिन मौके पर पहुंचे पुलिस के अधिकारियों ने गोली चलने की पुष्टि ही नहीं की, क्योंकि गोली चलने के बाद ना तो पुलिस को और ना ही इलाके के लोगों को कोई गोली का खोल बरामद हुआ और ना ही कोई सबूत, लेकिन जब CCTV फुटेज वायरल हुआ तो सच सामने आ गया और स्थानीय पुलिस के भी होश उड़ गए। इस दौरान थाना डिवीजन नंबर 2 के प्रभारी गुरप्रीत सिंह ने मीडिया को कहा कि वह मामले की जांच कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्हें गोलियां चलने के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
.वहीं जब वाल्मीकि गेट के पास झगड़े के बाद दोनों गुटों के लोग अपना इलाज करवाने और मेडिकल बनाने के लिए सिविल अस्पताल में पहुंच गए तो एक बार फिर से दोनों गुट आमने-सामने हो गए। सिविल में भी दोनों गुटों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। जब पुलिस वे इन्हें अलग-अलग करने की कोशिश की तो यह पुलिस वालों के साथ ही उलझ गए। सिविल अस्पताल में माहौल खराब होता देख पुलिस ने बवाल कर रहे लोगों को मौके से खदेड़ने के लिए हल्का बल भी प्रयोग किया। पुलिस ने एक युवक को काबू किया और जैसे ही उसे गाड़ी में बैठाने लगे तो वह पुलिस की गिरफ्त से भाग निकला। एक पुलिसकर्मी उसे पकड़ने भागा तो वह गिर कर घायल हो गया। वही एक पक्ष ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।
.लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जो लोग घायल हुए हैं उनमें निखिल अरोड़ा जिसे ज्यादा चोट लगी होने के कारण कपूरथला चौक स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है जहां उसका इलाज चल रहा है वहीं मिली जानकारी के अनुसार हवा में फायर करने के बाद दहशत में आये दूसरे पक्ष का कहना है कि अगर गीली किसी को लग जाती तो किसी की जान भी जा सकती थी, और हमारे साथ जो गली गलोच किया गया है हम उसका विरोध करते हैं,
हमारी मांग है की आरोपियों के खिलाफ सख्त करवाई की जाये, लेकिन इसके उल्ट पुलिस का शहर में वर्चस्व राजनितिक रूप को दर्शा रहा है, जिसमें साफ दिख रहा है कि राजनितिक प्रभाव की वजह से यानि एक मौजूदा नेता के फेमिली रिलेशन होने की वजह से इस मामले को दबाने और राजीनामे के लिए दबाबा लगातार बनाया जा रहा है। फ़िलहाल इस पुरे मामले को लेकर जालंधर की राजनीती में भूचाल जरूर आ गया है क्योंकि विरोधी नेताओं की निगाहें इस पुरे घटनाक्रम पर टिकी हुई है और लगातार स्थानीय लोग भी इस खबर को लेकर एक दूसरे से फॉलोअप जानने की कोशिश में लगे हैं।
.वहीं आपको यह भी बता दें कि कानूनी जानकार सेल्फ डिफेंस का मतलब बताते है कि कोई भी शख्स अपने शरीर या फिर अपनी प्रॉपर्टी को बचाने के लिए फाइट कर सकता है, लेकिन कानून कहता है कि कोई भी शख्स अपने बचाव में किसी और को उतना ही नुकसान पहुंचा सकता है जितना उसके बचाव के लिए जरूरी था। वहीं हाई कोर्ट के सीनियर ऐडवोकेट बताते हैं कि सेल्फ डिफेंस में अगर किसी पर गोली चलाई गई हो तो यह साबित करना होगा कि गोली चलाए बिना उसकी खुद की जान नहीं बच सकती थी।
.अगर कुछ अपराधी हथियारों के साथ किसी के घर में लूट अथवा चोरी के इरादे से घुसता है तो ऐसी स्थिति में निश्चित तौर पर घर के मालिक की जान को खतरा हो सकता है। ऐसी सूरत में घर का मालिक जान माल की रक्षा के लिए अपने लाइसेंसी हथियार से गोली चला सकता है और इस गोलीबारी में अगर किसी अपराधी की मौत हो जाए तो घर का मालिक अपने सेल्फ डिफेंस की दलील दे सकता है।
तब अदालत यह देखेगी कि क्या वाकई अपराधी हथियारों से लैस थे। कानूनी जानकार बताते हैं कि अगर कोई सेंधमार चोरी के इरादे से घर में घुसता है तो ऐसी सूरत में उस पर गोली चलाना सेल्फ डिफेंस के दायरे से बाहर होगा क्योंकि ऐसी सूरत में उसे रोकने के लिए उसे डंडे आदि से पीटने पर भी बचाव हो सकता था। वहीं वरिष्ठ वकील के अनुसार किसी भी हथियार द्वारा यदि हवाई फायर किया जाता है तो आर्म्स एक्ट की धारा 25-54-59 के तहत यह भी एक अपराध है। इस अपराध के लिए तीन साल की सजा का प्रावधान भी है। इसके अलावा यदि व्यक्ति द्वारा किए हवाई फायर से कोई घायल हो जाए तो आइपीसी की धारा 307 के तहत आरोपी को दस 10 तक की सजा हो सकती है।