पूर्व स्पीकर व पूर्व जिलाधीश व पूर्व मेयर के आदेशों के बाद दिया था नगर निगम ने टैक्सी स्टैंड बनाने का आदेश,
आखिर क्या सरकार, विजिलेंस, जिला प्रशासन व जिला पुलिस व नगर निगम में तैनात चंद अधिकारीयों की वजह से हो रहे हैं सरकारी जमीनों पर कब्जे,
क्या सुर्ख़ियों में रहे नेहरी ज़मीन पर हुए कब्जे के मामले की तरह दब जायेगा विवादित अवैध टैक्सी स्टेंड मामला?
PTB Big Exclusive न्यूज़ जालंधर : जालंधर जिला लगातार विवादों से लेकर वारदातों का गढ़ बनता जा रहा है। जिसके लिए या तो सबसे पहले सरकार जिम्मेदार है या फिर जिला प्रशासन व जिला पुलिस आखिर क्यों? बार बार सरकारी जमीनों पर कब्जे के मामले पहले उजागर सरकार द्वारा ही किये जाते हैं फिर बाद में यह मामले जाँच में शामिल अधिकारीयों के हाथों में आते ही थम जाते हैं?
. .दरअसल हम इस लिए यह बात कर रहे हैं क्योंकि बीते दिनों एक सरकारी ज़मीन जिसके ऊपर कब्जा किये जाने के खूब चर्चे हुए। यह चर्चा तब शुरू हुआ जब जालंधर सेंट्रल हल्के के विधायक रमन अरोड़ा के घर पर विजिलेंस विभाग की टीम ने रेड की और उसके साथ जुड़े कई लोगों के ऊपर विजिलेंस विभाग की टीम ने अपनी तब तक नजरें गड़ाई रखी, जब तक विधायक रमन अरोड़ा जेल की सलाखों के पीछे नहीं पहुंच गया।
जैसे ही माननीय अदालत ने विधायक रमन अरोड़ा को जेल में भेजने का आदेश जारी किया उसके बाद से नेहरी विभाग तो छोड़ो उसके साथ कई सस्लों तक जुड़ कर शहर की मलाई खाने वाले उक्त विधायक के खिलाफ ही खड़े हो गए ओर ज्यादातर तो विजिलेंस विभाग के व जेल जाने के डर से सरकारी गवाह तक बन गए ओर बेचारा विधायक रमन अरोड़ा उसका बेटा ओर समधि राजू मदान अकेले पद गए जोकि अभी तक भी विजिलेंस विभाग की गिरफ्त से दूर हैं।
.खेर! हम बात करते हैं एक ओर सरकारी ज़मीन पर हुए कब्जे की जिसमें एक तथाकथित नेता व उसके साथियों द्वारा अवैध तरिके से कब्जा करने का मामला इन दिनों चर्चा में है। हालाँकि मीडिया के समक्ष आने पर उक्त तथाकथित नेता ने यह कहा कि हम काम करना चाहते हैं ओर अगर सरकार या निगम अधिकारी यह नहीं चाहते तो वह हमें काम दे दे, नहीं तो हम सड़क जाम कर धरना प्रदर्शन करेंगे।
यही नहीं उक्त तथाकथित नेता ने अपने समर्थकों व मीडिया को साथ लेकर बीते दिनों पुराने टैक्सी स्टेंड वालों के पास जाकर उनकी परमिशन की कॉपी मांगी तो वह परमिशन की कॉपी नहीं दिखा पाए थे, लेकिन PTB News ने जब इस मामले में पूरी जानकारी हासिल करने की कोशिश की तो पता चला की टैक्सी स्टेंड की परमिशन के बिना ना तो बिजली का मीटर लग सकता है ओर ना ही कोई किसी सरकारी ज़मीन पर अवैध टैक्सी स्टेंड खोल सकता है।
. .सूत्रों से मिली जानकारी व PTB News द्वारा की गई इन्वेस्टीगेशन के मुताबिक पता चला है कि पूर्व पंजाब सरकार द्वारा जब एक बड़ा निजी होटल बनाया जाना था उस समय उक्त स्थान पर कई टैक्सी स्टेंड वाले अपना कारोबार कर रहे थे, लेकिन उस समय की मौजूदा सरकार ने जिला प्रशासन को आदेश जारी कर उक्त टैक्सी स्टेंड वालों को दूसरी जगह अलार्ट करने के आदेश दिए थे। उस समय पूर्व मेयर सुरिंदर सहगल को मिले आदेशों के बाद उक्त टैक्सी स्टेंड वालों की निगम अधिकारीयों ने
पर्ची काटी व जिला प्रशासन की परमिशन के बाद जाकर बिजली विभाग ने वेरिफिकेशन कर उक्त स्थान पर बिजली के मीटर स्थापित किये थे। वहीं आपको यह भी बता दें कि जब इस मामले में PTB News की टीम ने विजली विभाग के एक बड़े अधिकारी से सम्पर्क किया तो उन्होंने बताया कि बिना सरकार की परमिशन के बने किसी भी अवैध खोखे पर बिजली विभाग मीटर स्थापित नहीं कर सकती है। वहीं इस मामले में एक पूर्व शिव सेना नेता व मौजूदा टैक्सी स्टैंड का काम कर रहे व्यक्ति ने नाम
.नहीं छापने की सूरत में बताया कि मैं पिछले कई सालों यानि 1985-86 से उक्त स्थान पर बैठा हूँ। किसी समय यहां सिर्फ एक बेंच हुआ करता था, लेकिन उस समय की मौजूदा सरकार के आदेश पर हमने टैक्सी स्टेंड की परमिशन मांगी तो उसके लिए बकायदा फाइल बनी जिसके बाद वह विधानसभा स्पीकर फिर पूर्व जिलाधीश व पूर्व SSP व अंत में नगर निगम तक पहुंची जिसकी NOC मिलने के बाद पूर्व स्पीकर के आदेश पर पूर्व जिलाधीश ने टैक्सी स्टेंड स्थापित करने की परमिशन उनको दी, जबसे लेकर अब तक वह यहां पर अपना काम कर रहे हैं।
फ़िलहाल इस पुरे मामले में किसी निगम अधिकारी का कोई बयान सामने नहीं आया है। वहीं बिना परमिशन के बने अवैध टैक्सी स्टेंड को लेकर मामला दिन प्रतिदिन गर्माता जा रहा है, जिसको लेकर कोई विपक्ष अभी बोलने को तैयार नहीं है। यह मामला पंजाब सरकार, जिला प्रशासन व जिला पुलिस के अधिकारीयों तक पहुंच चूका है वहीं नगर निगम की तेहबाजी विभाग की टीम भी इस मामले की जाँच में लगी है। अब देखना यह होगा की क्या इस अवैध टैक्सी स्टेंड का निगम अधिकारी, जिला प्रशासन, मौजूदा साकार कोई स्टेंड लेता है यह नहीं?