ड्रग मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच में पूर्व DGP सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय सक्रिय भूमिका, जाने पूरी वजह,
PTB Big न्यूज़ चंडीगढ़: शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ चल रही 540 करोड़ रुपये से अधिक के कथित ड्रग मनी की मनी लॉन्ड्रिंग जांच में एक अहम मोड़ आ गया है। इस हाई-प्रोफाइल मामले में अब पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय सक्रिय भूमिका निभाएंगे। विजिलेंस ब्यूरो ने शुक्रवार को पुष्टि की कि चट्टोपाध्याय मामले की जांच में सहयोग देने को तैयार हो गए हैं और
. .आज दोपहर 2 बजे उन्होंने अधिकारियों के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया। विजिलेंस अधिकारियों का मानना है कि चट्टोपाध्याय, जो मजीठिया के डीजीपी रहते ड्रग रैकेट की जांच कर रहे थे, इस मामले में कई महत्वपूर्ण तथ्य उजागर कर सकते हैं। ब्यूरो ने संकेत दिया है कि उनके पास ऐसे सबूत और जानकारियां हैं जो मजीठिया के संभावित ड्रग नेटवर्क से संबंधों की पुष्टि कर सकते हैं। सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और 31 मार्च 2023 को सेवा से सेवानिवृत्त हुए।
.उनका कार्यकाल कई विवादों से घिरा रहा। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने उन्हें विशेष जांच दल (SIT) का प्रमुख नियुक्त किया था, लेकिन जनवरी 2022 में फिरोजपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित इंदु मल्होत्रा समिति ने उन्हें दोषी ठहराया था। इसके अलावा, पंजाब सरकार ने भी उनके खिलाफ एक अन्य जांच तब शुरू की जब उन पर एक बलात्कार के आरोपी को कथित रूप से सुरक्षा देने का आरोप लगा वह आरोपी पहले से ही घोषित अपराधी था।
. .यह मामला दिसंबर 2021 से जनवरी 2022 के उनके कार्यकाल से जुड़ा है। चट्टोपाध्याय ने मादक पदार्थों की तस्करी की जांच में अपनी “व्यक्तिगत क्षमता” में एक रिपोर्ट दाखिल की थी, जिसमें उन्होंने कानून प्रवर्तन एजेंसियों और ड्रग माफिया के बीच मिलीभगत के संकेत दिए थे। लेकिन 2023 में हाईकोर्ट ने इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया, यह कहते हुए कि यह अधिकार क्षेत्र से बाहर थी। अब जब चट्टोपाध्याय जांच में शामिल हो गए हैं,
.तो इस बात की संभावना प्रबल हो गई है कि मजीठिया के खिलाफ नए सबूत सामने आ सकते हैं। विजिलेंस ब्यूरो को उम्मीद है कि पूर्व डीजीपी की गवाही और दस्तावेजी सबूत ड्रग मनी नेटवर्क के पीछे की परतों को खोलने में मदद करेंगे। इस घटनाक्रम से पंजाब की राजनीति और प्रशासनिक तंत्र में हलचल मच गई है। अब देखना होगा कि यह जांच किस दिशा में आगे बढ़ती है और क्या चट्टोपाध्याय का बयान मजीठिया की मुश्किलें और बढ़ाएगा।