PTB Crime न्यूज़ जालंधर : जालंधर के बस स्टैंड के पास बिना लाइसेंस के अवैध तरिके से इमीग्रेशन का कारोबार करने वालों का सिलसिला जिला प्रशासन की नाक के नीचे थमने का नाम नहीं ले रहा है, जिसकी वजह से लगातार लोग ऐसे अवैध कारोबारियों से धोखे का शिकार हो रहे हैं। ऐसा ही एक मामला अब बस स्टेंड के नजदीक इम्पिरियल ओवरसीज जोकि बिना लाइसेंस के चल रही थी जोकि जाँच का विषय भी है के एजेंटों द्वारा ने कनाडा भेजने के नाम पर एक महिला से लाखों रुपए की ठगी मारने का मामला सामने आया है।
.यही नहीं इम्पिरियल ओवरसीज के नाम से कंपनी चलने वाले व्यक्ति का नाम कंवलदीप सिंह निवासी गांव नूरी दा अड्ढा तरनतारन और मनीशा निवासी सिविल लाइन जालंधर ने महिला को तो धोखा दिया ही साथ ही ठगी मारने के बाद ऑफिस स्टाफ को भी 2 माह की सैलरी दिए बिना ऑफिस बंद करके फरार हो गए। वहीं पीड़ित महिला के अनुसार उसने थाना नई बारादरी में इम्पिरियल ओवरसीज के एजेंट कंवलदीप सिंह निवासी गांव नूरी दा अड्ढा तरनतारन और मनीशा निवासी सिविल लाइन जालंधर की शिकायत दी
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जिसके बाद पुलिस ने जाँच के बाद आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। वहीं पीड़ित महिला ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसका नाम दिव्या पत्नी नरेश कुमार निवासी न्यू संत नगर बस्ती शेख है और उसे 2023 में एक कॉल आई थी। इस दौरान फोन करने वाली लड़की ने उसे बताया कि वह बस स्टैड नजदीक इम्पिरियल ओवरसीज के दफ्तर से बोल रही और लोगों को वर्क व स्टडी वीजा पर अलग-अलग देशों में भेजने का काम करते हैं। उसकी बातों में आकर वह इम्पिरियल ओवरसीज के दफ्तर में चली गई।
.वहां स्टाफ की सदस्यों ने कनाडा में वर्क परमिट पर भेजने के लिए 14 लाख में बात तय की जिसके बाद स्टाफ ने दिव्या की मुलाकात कंवलदीप सिंह और मनीशा से करवाई, जोकि उस समय ऑफिस में ही बैठे हुए थे। उन्होंने दिव्या से उसका पासपोर्ट, अन्य दस्तावेज और 70 हजार रुपए की मांग की। दिव्या ने कहा कि उसने नकदी और दस्तावेज दे दिए। इसके बाद 4 सितंबर 2023 को उसे इम्पिरियल ओवरसीज से फोन आया कि वह बाकि के पैसे और चैक लेकर उनके दफ्तर आए।
. .दिव्या ने वहां जाकर बैंक खाता खुलवाने के लिए 15 हजार रुपए दिए और अपने चैक भी साइन करके दे दिए, जबकि 60 हजार कैश भी दिया। इस बात के दूसरे ही दिन उसके बैंक खाते से बिना उसे बिना बताए 15 हजार रुपए निकाल लिए गए। दिव्या ने कहा कि 4 अक्तूबर को उससे मेडिकल फीस के लिए 12 हजार रुपए लिए गए और 30 हजार रुपए एंबैंसी फीस ले ली गई। कुछ दिनों बाद इम्पिरियल ओवरसीज के दफ्तर से फोन आया कि उनका वीजा आ गया है और वह 7 लाख रुपए की रकम लेकर तुरंत दफ्तर पहुंचे।
.पीड़िता ने पैसे भी उनके बैंक खाते में ट्रांसफर करवा दिए। यही नहीं इसके अलावा भी अलग-अलग करके दिव्या ने एजेंटों को पैसे दिए। इसके बाद 20 नवंबर 2023 को दिव्या से 2 लाख रुपए और एयर टिकट के 1.35 लाख रुपए मांगे गए, लेकिन वीजा न दिखाने पर उन्हें शक हुआ तो उन्होंने पैसे देने से मना कर दिया। इसके बाद स्टाफ की सदस्य का ही दिव्या को फोन आया कि ट्रैवल एजैंट दफ्तर को खाली करके भाग गए हैं और उनके फोन भी बंद जा रहे हैं। दिव्या ने इस संबंधी पुलिस अधिकारियों को शिकायत दी
.जिसकी जांच करने पर पता लगा कि कंवलदीप सिंह ने अपने एक अन्य क्लाइंट रमनदीप सिंह के नाम पर खुद का बैंक खाता खुलवा रहा है, जिसके दस्तावेजों पर खुद की तस्वीर लगा कर रमनदीप सिंह का एडैस लिखवा दिया जबकि रमनदीप सिंह की आई.डी. पर ही एक सिम कार्ड भी इस्तेमाल कर रहा है। उसी बैंक खाते में कंवलदीप सिंह अन्य क्लाइंट्स से पैसे अपने खाते में ट्रांसफर करवाता था। पुलिस ने रमनदीप सिंह तक पहुंच की तो उसने बताया
कि कंवलप्रीत सिंह उसे बिना IELTS किए विदेश भेजने के लिए 20 लाख रुपए मांग रहा था, लेकिन उसने अभी उसे 70 हजार रुपए ही दिए थे, परंतु शक होने पर उसने विदेश जाने से मना कर दिया। कंवलदीप सिंह ने उसके भी 70 हजार रुपए नहीं लौटाए और दस्तावेज भी गलत तरीके से इस्तेमाल किए। सारी जांच के बाद पुलिस ने इम्पिरियल ओवरसीज के एजैंट कंवलदीप सिंह और मनीशा के खिलाफ अलग-अलग धाराओं अधीन केस दर्ज कर लिया है। फिलहाल आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।