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Jammu Kashmir Army took revenge for the martyrdom of its soldiers Math teacher to Hizbul chief, know Who was Riyaz Naikoo?
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PTB Big Breaking न्यूज़ जम्मू-कश्मीर / राजौरी (रिपोर्ट) अनिल भरद्वाज : जम्मू-कश्मीर के सुरक्षा बलों को आज उस समय बहुत बड़ी कामयाबी मिली जब एक मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने हिजबुल मुजाहिदीन के कश्मीर में ऑपरेशनल कमांडर रियाज़ नायकू को मार गिराया / नायकू के साथ उसका एक और साथी भी मारा गया / रियाज़ के मारे जाने के बाद अब हिजबुल का नया कमांडर या तो डॉ सैफुल्लाह या फिर गिलानी हुर्रियत के प्रमुख अशरफ सहराई का बेटा जुनैद सहराई हो सकता है /
.रियाज़ नायकू के खिलाफ ऑपरेशन मंगलवार को शुरू किया गया था, जब खुफिया जानकारी के आधार पर पुलवामा जिले के तराल इलाके के बैगपोरा गांव को सुरक्षा बलों ने अपने घेरे में ले लिया और फिर बुधवार सुबह 9 बजे करीब 16 घंटे की तलाशी के बाद आखिर नायकू और उसके साथी को खोज लिया गया /
.मुठभेड़ शुरू हुई और करीब चार घंटे के बाद सुरक्षा बलों ने रियाज़ नायकू और उसके साथी को मार गिराया / दोनों का मारा जाना हिजबुल के लिए एक बहुत बड़ा झटका है, जिसकी भरपाई के लिए जुनैद को प्रमुख दावेदार माना जा रहा है / आपको यह भी बता दें कि रियाज़ हिजबुल में मई 2012 में शामिल हुआ था वहीं जुनैद मार्च 2018 में हिजबुल के साथ जुड़ा / दोनों ही बहुत पढ़े लिखे थे / रियाज़ की बात करें तो गणित में पोस्ट ग्रैजुएट था तो जुनैद कुरुक्षेत्र से MBA है / दोनों ही कश्मीर में युवाओं को हिजबुल के साथ जोड़ने में एक मैगनेट की तरह काम कर रहे थे /
रियाज़ नायकू की परवरिश और शिक्षा की बात करें तो वह पुलवामा के तराल का ही रहने वाला था / पढ़ाई लिखाई में बहुत अच्छा था वह हमेशा इंजिनियर बनने की बात किया करता था / 12वीं में 78% मार्क्स आए, लेकिन इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन नहीं मिला फिर आगे पढ़ाई जारी रखी और कश्मीर यूनिवर्सिटी से 2008-09 में गणित में एमएससी पूरा किया / इसके बाद एक स्थानीय स्कूल में टीचर के तौर पर काम करता रहा /
.अगर राजनीती की बात करें तो उसका कश्मीर में जारी अलगाववाद के साथ राजनीति में नाता 2010 में जुड़ा / वह श्रीनगर में पुलिस की शेलिंग में तुफैल मट्टू नाम के एक लड़के की मृत्यु के बाद भड़के बवाल में वह भी विरोध प्रदर्शनों में शामिल हुआ और फिर गिरफ्तारी के बाद कई महीने जेल में रहा / साल 2011 में रिहा होते ही वह मई 2012 में एक दिन अचानक घर से लापता हो गया /
6 जून 2012 को जम्मू कश्मीर पुलिस ने परिवार को रियाज़ के हिजबुल में शामिल होने की जानकारी दी / इसके बाद रियाज़ कभी भी वापस घर नहीं लोटा और मां से पिछले आठ सालों में सिर्फ दो बार मिला / एक बार 2013 में और फिर 2015 में रियाज़ ने 2016 में बुरहान वाणी के मारे जाने के बाद सब्जार भट्ट के साथ मिला /
.2017 में जाकिर मूसा ने अल कायदा से जुड़े अंसार गज्वातुल हिंद नामी संगठन बनाया और आधी संख्या में हिजबुल के आतंकियों को अपने साथ मिलाया / इसी समय रियाज़ ने हिजबुल में अपनी पैठ बिठाने के लिए ना सिर्फ जाकिर को अलग थलग किया, बल्कि उन सभी आतंकियों को वापस भी लाया जो उसके साथ चले गए थे /
इसी से हिजबुल के सरहद पार के कमांडरों के साथ उसकी काफी अच्छी पैठ बेठ गयी और उसके बाद घाटी में हर कार्रवाई को करने की उसको खुली छूट मिल गई, पिछले आठ सालों में रियाज़ नायकू ने कई आतंकी हमले करवाए, 2018 में पुलिस कर्मियों के अपहरण और SPO के इस्तीफे करवाने की रणनीति के साथ पुलिस की ख़ुफ़िया तंत्र को काफी नुक्सान भी पहुंचाया,
सब से ज्यादा जिस काम के लिए रियाज़ नायकू की कमी हिजबुल को खलेगी वो होगी आतंकी कामों के लिए टेक्नोलोजी के इस्तेमाल की / रियाज़ नायकू ने ही बुरहान वाणी से लेकर आज तक सोशल मीडिया की मदद से हिजबुल को एक बार फिर से कश्मीर में जिंदा किया / शायद इसी लिए बुधवार को मुठभेड़ शुरू होते ही पूरी कश्मीर घाटी में इन्टरनेट सेवाए बंद कर दी गईं, क्योंकि यह आशंका थी कि वह इन्टरनेट की मदद से अपने भागने का कोई जुगाड़ कर लेगा /
रियाज़ नायकू के मारे जाने के बाद अब हुर्रियत के सय्यद अली गिलानी गुट के प्रमुख अशरफ सहराई का 26 साल का बेटा जुनैद सहराई नया चेहरा हो सकता है / जुनैद MBA की पढ़ाई करके नौकरी की तलाश में था, लेकिन अचानक मार्च 2018 में वह एक दिन गायब हो गया और फिर सोशल मीडिया के ज़रिये एक तस्वीर जारी कर उसने अपने हिजबुल में शामिल होने की घोषणा कर दी थी /
.जुनैद उस समय हिजबुल में शामिल हुआ जब बड़ी संख्या में पढ़े लिखे युवा आतंक के रस्ते चल पड़े थे, जिनमें AMU के स्कॉलर मन्नान वाणी और कश्मीर युनिवर्सिटी में सोशियोलॉजी के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ रफ़ी भी शामिल हुए लेकिन जुनैद ने हिजबुल में शामिल होने के बाद केवल प्रोपगैंडा का काम ना करते हुए कई आतंकी वारदात को अंजाम दिया / श्रीनगर और आसपास के इलाकों में पुलिस कर्मियों पर कई हमले करके उनसे हथियार छीने और सुरक्षा बलों के खिलाफ कई ऑपरेशन में शामिल भी हुआ इसीलिए जुनैद को कुछ दिनों के अंदर ही श्रीनगर और बडगाम का कमांडर बनाया गया /
रियाज़ नायकू के मारे जाने के बाद अब हिजबुल के लिए आतंकी ज़मीन को बचाने का संकट आ गया है / कमांडर के मारे जाने के बाद अभी पूरे संगठन के बिखरने का खतरा मंडरा रहा है, जिसका फायदा उठाकर बाकी संगठन अब दक्षिण कश्मीर में और ज्यादा सक्रीय होने लगेंगे / ऐसे में सुरक्षा बलों को और ज्यादा कामयाबी मिल सकती है / इसके अलावा आतंकियों के आपसी झगड़े भी बढ़ने की संभावना है, जिसका फायदा भी सुरक्षा बलों को ही मिलेगा, लेकिन यह भी एक सच है कि रियाज़ नायकू के मारे जाने से कश्मीर में आतंक का अंत पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है /
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