PTB न्यूज़ शिक्षा : रूस के साथ जंग शुरू होने के बाद यूक्रेन से जान बचाकर स्वदेश लौटे भारतीय मेडिकल छात्रों के लिए राहत भरी खुशखबर है। युद्ध के बीच ऑपेरशन गंगा के तहत भारत लौटे छात्रों को अपनी मुख्य परीक्षा देने के लिए यूक्रेन जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ऐसे भारतीय छात्र यहां रह कर ही यूक्रेनी विश्वविद्यालयों की मुख्य परीक्षाओं में शामिल हो सकेंगे। यूक्रेन सरकार की ओर से भारतीय छात्रों को भारत से ही मुख्य परीक्षा देने की अनुमति दी जाने की आधिकारिक घोषणा की गई है।
यूक्रेन की प्रथम उप विदेश मंत्री एमीन झापरोवा ने अपनी तीन दिवसीय नई दिल्ली यात्रा के दौरान भारतीय पक्ष को यह जानकारी दी। इसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने बुधवार को कहा कि भारतीय मेडिकल छात्रों के मुद्दे पर, यूक्रेन की उप विदेश मंत्री ने उल्लेख किया कि यूक्रेन विदेशी मेडिकल छात्रों को उनके देश में एकीकृत राज्य योग्यता परीक्षा देने की अनुमति देगा। झापरोवा के भारत दौरे के समापन पर विदेश मंत्रालय की ओर से एक बयान जारी कर यह जानकारी दी गई।
पिछले साल फरवरी में जब रूसी आक्रमण शुरू हुआ तब लगभग 19,000 भारतीय छात्र यूक्रेन में पढ़ रहे थे। अनुमान के मुताबिक, लगभग 2,000 भारतीय छात्र यूक्रेन वापस चले गए हैं और वे ज्यादातर पूर्वी यूरोपीय देश के पश्चिमी हिस्से में रह रहे हैं। यूक्रेन के अधिकारियों की पहल के तहत, जो छात्र अभी भी भारत में हैं, वे ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं और उनके पास भारत में एकीकृत राज्य योग्यता परीक्षा (यूएसक्यूई) में शामिल होने का विकल्प है।
यात्रा के दौरान, पहले उप विदेश मंत्री ने विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा के साथ द्विपक्षीय वार्ता की और फिर विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी से मुलाकात की। विदेश मंत्रालय ने कहा कि झापरोवा ने अपनी यात्रा के दौरान भारत के साथ मजबूत और घनिष्ठ संबंध बनाने की यूक्रेन की इच्छा जताई। इसमें कहा गया, झापरोवा की भारत यात्रा से दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।