PTB Big न्यूज़ नई दिल्ली : अब अननोन नंबर से कॉल आने पर आपके मोबाइल स्क्रीन पर कॉलर के नंबर के साथ ही उसका नाम भी दिखेगा। वो भी बिना किसी एप यूज किए। टेलीकॉम रेगुलेटर TRAI (ट्राई) और DOT (दूरसंचार विभाग) ने मोबाइल कॉल से होने वाली धोखाधड़ी रोकने के लिए यह कदम उठाया है। यह नाम वही होगा जो यूजर ने मोबाइल नंबर कनेक्शन लेते समय आईडी प्रूफ में दिया होगा। यह डिफाल्ट सुविधा होगी।
.अगर कोई यूजर यह सुविधा नहीं चाहता, तो वह इसे डिएक्टिवेट भी करा सकेगा। इस सर्विस के लिए टेलीकॉम कंपनियों ने मुंबई और हरियाणा सर्किल में पिछले साल ट्रायल किया था। TRAI ने फरवरी 2024 में ‘कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन’ (CNAP) नाम की इस सर्विस के लिए DOT को जो सिफारिश भेजी थी, उसमें कहा गया था कि यह सर्विस तभी शुरू हो जब कॉल रिसीव करने वाला उपभोक्ता खुद इसके लिए रिक्वेस्ट करे।
.DOT की राय और बदलाव: DOT ने TRAI को वापस भेजे अपने पत्र में कहा कि यह सर्विस डिफॉल्ट मिलनी चाहिए। अगर किसी उपभोक्ता (जिसे कॉल आ रही है) को यह सर्विस नहीं चाहिए, तो वह रिक्वेस्ट करके इसे बंद करवा सकता है। TRAI की सहमति: TRAI ने DOT के इस विचार को मान लिया है और अब दोनों विभाग एकमत हैं। यह कदम देशभर में धोखाधड़ी वाली कॉल्स और साइबर अपराधों जैसे डिजिटल अरेस्ट और वित्तीय घोटालों को रोकने के लिए उठाया गया है।
.इससे उपभोक्ता को पता होगा कि उसे कौन कॉल कर रहा है, जिससे वह फर्जी कॉल्स को पहचानने में सक्षम होगा। जिन उपभोक्ताओं ने कॉलिंग लाइन आइडेंटिफिकेशन रिस्ट्रिक्शन (CLIR) की सुविधा ले रखी है, उनका नाम कॉल आने पर नहीं दिखेगा। यह सुविधा सामान्य उपभोक्ताओं, केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों और महत्वपूर्ण व्यक्तियों को दी जाती है। फोन कंपनियां CLIR लेने वाले सामान्य ग्राहकों की पूरी जांच करती हैं और
.यह सुनिश्चित करती हैं कि जरूरत पड़ने पर कानून प्रवर्तन एजेंसियों को इसका एक्सेस मिल सके। बल्क कनेक्शन, कॉल सेंटर और टेली मार्केटर इस सुविधा का फायदा नहीं ले सकते। स्पैम कॉल या मैसेज किसी अनजान नंबर से लोगों को किए जाने वाले कॉल या मैसेज होते हैं। जिसमें लोगों को लोन लेने, क्रेडिट कार्ड लेने, लॉटरी लगने, किसी कंपनी की कोई सर्विस या सामान खरीदने का झांसा दिया जाता है। यह सभी कॉल या मैसेज आपकी अनुमति के बिना की जाती हैं।
.आमतौर पर स्पैम कॉल उन लोगों को ज्यादा आते हैं, जो स्पैम कॉल उठाते हैं और उसका जवाब देते हैं। स्पैम कॉल का जवाब देने से आपका नंबर कंपनी के पास उन नंबरों की लिस्ट में जुड़ सकता है, जो उनका फोन आम तौर पर उठाते हैं और रिस्पॉन्स देते हैं, क्योंकि एडवर्टाइजमेंट कंपनियां या स्कैमर्स सोचते हैं कि इन लोगों को कभी-न-कभी निशाना बनाया जा सकता है। इसलिए आप जितना कम स्पैम के जाल में फंसेंगे, आपको उतनी ही कम स्पैम कॉल आएंगी।
.ज्यादातर लोगों के मन में यही सवाल उठता है कि मैंने इस कंपनी की कोई कोई सर्विस नहीं ली तो कंपनी के पास मेरा मोबाइल नंबर आखिर कहां से पहुंचा। दसअसल, यूजर ही अपने मोबाइल नंबर जाने-अनजाने में इन कंपनियों तक पहुंचाते हैं। कुछ ऐसी कंपनियां हैं, जो थर्ड पार्टी को आपका मोबाइल नंबर या ईमेल ID, उम्र या आपके शौक जैसा आपका पर्सनल डेटा बेचती हैं। जब आप किसी सर्विस के लिए साइन अप करते हैं तो कुछ कंपनियां अपनी टर्म्स एंड कंडीशन में इस बात का जिक्र करती हैं
.कि वे आपके डेटा का इस्तेमाल एडवर्टाइजमेंट के लिए या थर्ड पार्टी के साथ शेयर करने के लिए कर सकती हैं, लेकिन हममें से कोई कभी वो टर्म्स एंड कंडीशन पढ़ने की जहमत नहीं उठाता है। जैसे कि:— जब भी हम कोई सोशल मीडिया अकाउंट बनाते हैं तो वहां अपना नंबर रजिस्टर करते हैं। जब हम प्ले स्टोर से कोई ऐप डाउनलोड करते हैं तो उसे अपने फोन नंबर समेत अपने पूरे फोन को एक्सेस करने की परमिशन देते हैं।
.किसी मॉल या शॉपिंग वेबसाइट से खरीदारी करते समय अपना मोबाइल नंबर दर्ज करते हैं। अपना फोन नंबर इंटरनेट पर किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, वेबसाइटों पर बिना जांचे-परखे डाल देते हैं। यहीं से ये कंपनियां आपके नंबर को दूसरी कंपनियों को बेच देती हैं। जिसके बाद एडवर्टाइजमेंट कंपनियां आपको कॉल या मैसेज भेजने लगती हैं।
स्पैम कॉल को पहचानना आसान नहीं है क्योंकि ये नंबर सामान्य मोबाइल नंबर से मिलते-जुलते होते हैं। इसलिए अगर गलती से आपने स्पैम कॉल को उठा लिया है तो कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। अगर आपके पास कोई ऐसा फोन आता है, जिसमें कॉल करने वाला खुद या AI रिकॉर्डिंग के जरिए कोई नंबर दबाने के लिए कहे तो तुरंत फोन काट दें, क्योंकि स्कैमर्स
आपसे जुड़ी जानकारी प्राप्त करने के लिए इस ट्रिक का उपयोग करते हैं। फोन कॉल में पूछे जा रहे किसी भी सवाल का जवाब न दें। खासकर उन सवालों का, जिसका जवाब “हां” या “ना” में दिया जा सकता है। अगर किसी अनजान कॉल को लेकर आपको कोई संदेह हो तो कभी भी पर्सनल जानकारी जैसे खाता नंबर, हॉबी, उम्र या पहचान से जुड़ी कोई जानकारी न दें।
आपके पास कोई ऐसी कॉल आती है, जिसमें कॉलर द्वारा बैंक या किसी सरकारी एजेंसी का अधिकारी होने का दावा करके आपसे पर्सनल डिटेल मांगी जा रही है तो तुरंत फोन काट दें। सत्यापन के लिए बैंक या सरकारी एजेंसी की वेबसाइट पर दिए गए फोन नंबर पर कॉल करें। किसी वैलिड सोर्स से फोन कॉल आने से पहले आम तौर पर ईमेल या मैसेज प्राप्त होता है। अगर फोन कॉल पर आपसे कोई पर्सनल जानकारी तुरंत देने के लिए दबाव डाला जा रहा है तो सावधानी बरतें।

















































