पीटीबी न्यूज़ धार्मिक / अमृतसर : पंजाब (Punjab) के अमृतसर स्थित श्री हरमंदिर साहिब (Golden Temple) से ‘गुरबाणी’ का प्रसारण (Gurbani Broadcasting) सभी के लिए मुफ्त होगा। इसको लेकर पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार (AAP Government) सिख गुरुद्वारा अधिनियम, 1925 में संशोधन करने जा रही है। इस मामले को लेकर सरकार अधिनियम में एक नया खंड जोड़ने जा रही है।
समाज की भारी मांग को देखते हुए इसको लेकर यह बड़ा फैसला लिया गया है। कानून में संशोधन संबंधी प्रस्ताव 20 जून को राज्य विधानसभा में पेश किया जाएगा। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने इस संबंध में एक ट्वीट कर जानकारी दी है। सीएम भगवंत मान ने कहा कि श्री हरमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर) से ‘गुरबाणी’ के प्रसारण को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है।
सरकार ‘गुरबाणी‘ का प्रसारण पूरी तरफ से फ्री करेगी, जिसके लिए 20 जून को राज्य विधानसभा में प्रस्ताव पेश कर मौजूदा सिख गुरुद्वारा अधिनियम, 1925 में संशोधन किया जाएगा। इससे संबंधित एक नया खंड कानून में जोड़ा जाएगा। जहां तक इसके लिए प्रक्रिया का सवाल है तो इसके लिए किसी प्रकार की निविदा की आवश्यकता नहीं है।
बताते चलें कि हाल ही में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा था कि श्री हरमंदिर साहिब से गुरबाणी के प्रसारण के लिए जल्द ही खुले टेंडर मांगे जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए 5 सदस्यीय कमेटी गठित की गई है जो नियम और शर्तें तय करेगी। उन्होंने आरोप लगाया था कि गुरबाणी प्रसारण को लेकर कुछ लोगों की ओर से जानबूझ कर अनावश्यक विवाद पैदा किया जा रहा और दु:ख की बात यह है कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान भी इसमें सहभागी हैं।
उन्होंने कहा कि शिरोमणि कमेटी ने बीते समय के दौरान नियमों के तहत गुरबाणी के प्रसारण के अधिकार अलग-अलग चैनलों को दिए थे, जिसके तहत मौजूदा समय में जी-नैक्स्ट मीडिया प्रा.लि. (पी.टी.सी. चैनल) के साथ चल रहा इकरारनामा जुलाई 2023 तक है। यह इकरारनामा 24 जुलाई 2012 को 11 वर्ष के लिए हुआ था और अब इसके समाप्त होने पर नए सिरे से कार्रवाई की जानी है। इकरारनामे के तहत जी-नैक्स्ट मीडिया की ओर से शिरोमणि कमेटी को शिक्षा फंड के लिए 1 करोड़ रुपये वार्षिक देना तय हुआ था, जिसके अनुसार अब तक की सारी राशि जमा हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि गुरबाणी के प्रसारण के लिए एक मर्यादा बेहद जरूरी है, जिसके चलते इसकी हर एक को छूट नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा कि जो भी गुरबाणी प्रसारण के अधिकार प्राप्त करेगा उसको संगत की धार्मिक भावनाओं की कद्र करने के साथ-साथ शिरोमणि कमेटी की ओर से निर्धारित मर्यादा और नियमों का पालना करना जरूरी होगा। इसके साथ ही गुरबाणी का प्रसारण विश्व भर में करना यकीनी बनाना पड़ेगा। दूसरी तरफ अगर खुलेआम गुरबाणी प्रसारण की आज्ञा दे दी जाएं तो मर्यादा के विरुद्ध कई मामले उठेंगे, खासकर इश्तिहारबाजी को लेकर विवाद पैदा होंगे।