PTB Big Political न्यूज़ चंडीगढ़ : पंजाब के संगरूर जिले में 8736 अध्यापकों पर हुए लाठीचार्ज के बाद शिक्षकों का गुस्सा भड़क गया है। शिक्षकों ने अब विरोध जताने के लिए एक अनोखा तरीका अपनाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान और शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस को नोटिस जारी किया। नोटिस में कहा गया है कि दोनों 7 दिन के भीतर जनता की कचहरी में आकर में जवाब दें कि उन्होंने वोट लेने के लिए झूठे वादे क्यों किए थे।
अध्यापकों ने यह नोटिस अपने लेटर हेड पर नोटिस जारी किया है। इसमें मुख्य कार्यालय का पता ऊपर वाली मंजिल खुराना टंकी संगरूर का दिया गया है। यह वही स्थान है, जहां पर पुलिस ने मुख्यमंत्री के घर की तरफ जाते समय शिक्षकों पर लाठियां बरसाई गई थीं। अध्यापकों ने अपने नोटिस में मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को ऑप्शन भी दी है कि वह अपना जवाब सोशल मीडिया पर भी दे सकते हैं।
यूनियन ने नोटिस में लिखा है कि मुख्यमंत्री ने सिर्फ अध्यापकों की सैलरी बढ़ाई है। इसके अलावा जो घोषणाएं की हैं, वह सब पहले से उन पर लागू हैं। प्रसूता लीव की घोषणा की और वह वह पहले से सवेतन मिल रही है। छुट्टियों के पैसे देने की घोषणा की गई, जो पहले ही लंबे समय से मिल रहे हैं। 58 साल तक रोजगार देने का बयान बेतुका है, क्योंकि आज तक उन्हें नौकरी से निकालने की बात किसी सरकार ने नहीं की।
मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को जो नोटिस भेजा गया है, उसमें लिखा है कि कच्चे अध्यापकों को पक्का करने का गुमराह करने वाला प्रचार सोशल मीडिया, टीवी चैनलों, जगह-जगह लगाए बोर्डों और जनसभाओं में किया जा रहा है। इससे शिक्षक और उनके बच्चे मानसिक और शारीरिक रूप से बीमार हो रहे हैं। दूसरे राज्यों में जाकर भी झूठा प्रचार किया जा रहा है कि अध्यापकों को पक्का कर दिया है।
शिक्षकों ने कहा कि जब चुनाव था तो आप घर-घर आकर वादे करते थे, लेकिन जब सत्ता में आ गए तो आपकी करनी और कथनी में भी दूसरे दलों की भांति अंतर आ गया। शिक्षकों ने चेतावनी दी है कि आगामी चुनाव में उनके घरों में मत आना। फिर मत कहना कि जलील करके घर गांव से बाहर निकाल दिया। संगरूर में शांतमय तरीके से प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों पर जो अत्याचार हुआ, वह भुलाने लायक नहीं हैं। महिला शिक्षकों के कपड़े फाड़ कर जिस तरह से लज्जित किया गया, उससे अब उनका सरकार से भरोसा उठा गया है।