PTB Big न्यूज़ फिरोजपुर : पिता की आंखें खराब होने के बाद जब परिवार के गुजर-बसर की सभी उम्मीदें खत्म हो गईं थी, तब एक मासूम बच्चे की मासूमियत ने एक बार फिर परिवार में भविष्य की न केवल उम्मीदें जगाई हैं बल्कि बच्चों के शिक्षक द्वारा वायरल किए गए वीडियो देखकर समाजसेवी एवं कांग्रेस नेता ने अपनी बिजली फैक्ट्री में बच्चे की माता और पिता को नौकरी दी। अन्य संस्थाएं भी परिवार की सहायता के लिए आगे आई हैं।
. .गुरुहरसहाय के गांव सैदेके नोल का छठी कक्षा का एक बच्चा पिछले सप्ताह जब सरकारी स्कूल गया तो कक्षा में उसे काफी उदास देखकर अध्यापक लखविंदर सिंह ने पूछा कि क्या हुआ है? आज खाना खाकर नहीं आया क्या? इस पर बच्चे ने बड़ी ही मासूमियत से बताया कि घर में आटा नहीं है इसलिए आज खाना नहीं बना, वह घर से भूखा ही आया है। बच्चे की इस मासूमियत पर अध्यापक को बड़ा ही तरस आया।
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अध्यापक ने बच्चे के परिवार के बारे में पता किया तो जानकारी मिली कि छात्र के पिता तेजिंदर सिंह की आंखें कुछ दिनों से खराब हो गई हैं। ठीक से दिखाई न देने के कारण उन्होंने काम पर जाना बंद कर दिया है। परिवार में आय का कोई अन्य साधन न होने के कारण इस समय पूरा परिवार बहुत ही मुश्किल हालात में गुजारा कर रहा है। पिता तेजिंदर सिंह का नीला कार्ड भी नहीं बना है जिस कारण आटा दाल स्कीम का भी लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में किसी दिन परिवार में रोटी बनती थी,
. .किसी दिन परिवार भूखा ही सोता था। अध्यापक लखविंदर सिंह ने बच्चे का वीडियो बनाया जिसमें वह कह रहा है कि घर में आटा नहीं है इसलिए आज स्कूल भूखे ही आना पड़ा। यह वीडियो वायरल होने के बाद परिवार की आर्थिक सहायता के लिए लोगों ने हाथ बढ़ाने शुरू कर दिए। घर पहुंचकर पता चला कि पूरा परिवार एक ही कमरे में गुजारा कर रहा है। कमरे में खिड़की और दरवाजे तक नहीं। कपड़े का पर्दा डालकर परिवार के लोग गुजारा करते हैं। आय का कोई साधन न होने के कारण
. .बच्चे की मां घरों पर काम करके जो भी कमाती है, उससे कुछ दिनों के लिए खाने का इंतजाम हो जाता है। इस वीडियो को देखने के बाद बुधवार को कांग्रेस नेता व समाजसेवी रमिंदर आवला बच्चे के घर पहुंचे। उन्होंने परिवार की हालत देखकर मौके पर ही परिवार को 51,000 की राशि दी, साथ ही बच्चे के माता-पिता दोनों को तलवंडी स्थित अपनी बिजली फैक्ट्री में नौकरी भी दे दी। रमिंदर आवला की सहायता से परिवार उनके प्रति भावुक नजर आया।
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