PTB Big न्यूज़ जालंधर : जिले में पिछले दिनों जिलाधीश द्वारा 538 लाइसेंस रद कर दिए गए, इसमें कारण अलग-अलग थे, लेकिन अब जिला प्रशासन ने गन कल्चर के खिलाफ सख्ती और नई रणनीति तैयार की है। इसमें अधिकारियों को लाइसेंस को लेकर वेरिफिकेशन सख्त करने की बात कही गई है। अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा है कि अब जितने भी गन लाइसेंस के लिए आवेदन आएंगे, उनके सभी दस्तावजों की गहनता से जांच होगी। अगर किसी आवेदक को धमकी मिली है तो पहले उसकी वेरिफिकेशन होगी। वेपन हैंडल करने की कितनी योग्यता है, इस संबंध में भी जांच की जाएगी।
अगर किसी व्यक्ति को प्रशासन से लाइसेंस की मंजूरी मिल जाती है तो उसे पंजाब पुलिस के अंडर वेपन रखने की ट्रेनिंग दी जाती है। साथ ही वेपन को किस प्रकार रखना है और उसे कहां रखा है, इन सभी बातों की ट्रेनिंग दी जाती है। जबकि ट्रेनिंग के दौरान अफसरों द्वारा जारी होने वाली रिपोर्ट को भी बारीकी से देखा जाएगा कि जिस व्यक्ति को लाइसेंस जारी किया जा रहा है, क्या वह वेपन रखने योग्य है भी या नहीं। जिला प्रशासन ने पिछले दिनों गन कल्चर को लेकर अधिकारियों के साथ मीटिंग की और स्क्रूटनिंग के बाद जो लाइसेंस रद किए हैं,
उनके सभी पहलुओं की जांच करने के लिए कहा है। अब लाइसेंस लेने से पहले जो ग्राउंड बनाई जाएगी, उसकी गहराई से जांच होगी। अगर आवेदक जान को खतरा बताता है तो उसका भी पुख्ता सबूत देना होगा। अगर पुलिस वेरिफिकेशन में लाइसेंस हासिल करने के लिए तथ्य सही नहीं पाए गए तो लाइसेंस अप्लाई करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई भी होगी। दूसरी तरफ इमीग्रेशन के नए लाइसेंस को लेकर भी प्रशासनिक अधिकारियों ने नए निर्देश जारी किए हैं। जिन लोगों ने इमीग्रेशन सेंटर की नई फर्म तैयार करनी है, उन्हें भी अब पूरे दस्तावेजों और रिकॉर्ड जिला प्रशासन के पास जमा करवाना होगा।
पंजाब सरकार ने दो महीने पहले नए गन लाइसेंस जारी करने पर पाबंदी लगाई थी। इसके चलते अब भी सरकार ने नए लाइसेंस को जारी करने को लेकर कोई नया निर्देश जारी नहीं किया है। इसके चलते अभी जिला प्रशासन के पास किसी प्रकार के नए लाइसेंस के लिए आवेदन आ रहे। वहीं, अधिकारियों का कहना है कि अगर सेंसेटिव मामले में किसी भी प्रकार की कोई हमारे पास पुलिस से रिकमेंडेशन आती है तो उस व्यक्ति को इमरजेंसी मे लाइसेंस इश्यू किया जा सकता है।
अतिरिक्त जिलाधीश मेजर डाॅ. अमित महाजन का कहना है कि नए लाइसेंस के लिए जब आवेदन प्राप्त होंगे तो रिपोर्ट की गहनता से जांच होगी। सबसे पहले मेडिकल, फिर आवेदक को मिलने वाला थ्रेट और उसकी सेंस्टेविटी का क्रिमिनल रिकॉर्ड और हर तरह की रिपोर्ट तलब की जाएगी। इसके बाद अगली कार्रवाई शुरू की जाएगी।