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देश में फैला था ऐसा गेंग जो मोबाइल टावरों से गायब करता था करोड़ों के उपकरण, कंपनियों की भी उडी नींद, कैसे हुआ खुलासा,

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PTB Shocking न्यूज़ नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने मोबाइल टावर उपकरणों की खरीद-फरोख्त व चोरी की वारदातों में शामिल एक गिरोह का पर्दाफाश कर दो सरगनाओं समेत 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी से दिल्ली एनसीआर में मोबाइल टावर उपकरणों की चोरी के 63 मामले सुलझाने का दावा किया है।

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इनके कब्जे से मोबाइल टावर उपकरण 33 आरआरयू, 20 बीबीयू, 15 पावर बैटरी, 20 बंडल केबल, 2 आरएसपी, रेडियो यूनिट आदि बरामद किया है। इन सभी की कीमत करीब 1.50 करोड़ है। अपराध शाखा के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त संजय भाटिया के अनुसार, एयरटेल के राष्ट्रीय नोडल अधिकारी ने बड़े पैमाने पर देश के विभिन्न हिस्सों में स्थापित मोबाइल टावरों से आरआरयू, बीबीयू और संबंधित सहायक उपकरण चोरी होने की शिकायत दी थी।

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इसके परिणामस्वरूप, ग्राहकों को कॉल करने और इंटरनेट सेवाओं का उपयोग करने में परेशानी हो रही थी। शाखा में तैनात इंस्पेक्टर शिवराज सिंह बिष्ट की देखरेख में एसआई रविंदर कुमार, देवेंद्र कुमार और सिमरजीत कौर की टीम ने जांच शुरू की। टीम ने गिरोह के सरगनाओं की पहचान नाजिम और सलमान के रूप में की। पता लगा कि ये विभिन्न राज्यों के विभिन्न व्यक्तियों से चोरी की आरआरयू/बीबीयू खरीदते थे और उन्हें रोहिणी, दिल्ली में स्थित अपने गोदाम में छिपाते थे।

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इसके बाद वे इन वस्तुओं को अन्य व्यक्तियों को ऊंचे दामों पर बेच देते थे। इसके बाद इंस्पेक्टर शिवराज बिष्ट की टीम ने सनी राजपूत और सलमान को उस समय गिरफ्तार कर लिया जब वह चोरी का सामान बेचने के लिए उत्तम नगर पहुंचे थे। आरोपी सलमान की निशानदेही पर टीम ने कबाड़ी की दुकान के मालिक नाजिम को पकडऩे के लिए छापेमारी की और उसे मुज्जफर नगर, यूपी से गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी नाजिम ने खुलासा किया

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कि वह चोरी की गई आरआरयू/बीबीयू को नदीम और इज़हार और उसके भाई मोहम्मद नईम को बेचता था। आरोपी नाजिम की निशानदेही पर मोहम्मद नईम को मुस्तफाबाद से गिरफ्तार कर लिया गया।आरोपियों ने खुलासा किया कि पहले वे उत्तर भारत के विभिन्न क्षेत्रों में मोबाइल टावरों की स्थापना के लिए निजी मजदूरों के रूप में काम करते थे, इसलिए उन्हें आरआरयू की स्थापना/हटाने का अच्छा ज्ञान था।

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रोहिणी निवासी नाजिम, सागरपुर निवासी सनी राजपूत, मेरठ निवासी सलमान, मुस्तफाबाद,एमडी नईम, इब्राहिमपुर निवासी मोरपाल, अमन विहार निवासी महेंद्र, समयपुर बादली निवासी इरफान, मेरठ निवासी दानिश, बुढ़ाना, यूपी निवासी नदीम, मेरठ निवासी कासिम, ओल्ड मुस्तफाबाद, दिल्ली निवासी इज़हार, पुनीत कुमार उर्फ बॉम्बे पुत्र बहादुर, परवीन राणा उर्फ सोनू ठाकुर पुत्र कदम सिंह, सुमित राणा पुत्र महेंद्र सिंह और और सलमान पुत्र अहसान शामिल हैं।

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पूछताछ के दौरान, आरोपी सनी राजपूत ने खुलासा किया कि वह एयरटेल कंपनी का कर्मचारी है और आरआरयू और बीबीयू को इंस्टॉल और अनइंस्टॉल करने में विशेषज्ञ है। वह अपने अन्य कर्मचारियों महेंद्र, मोरपाल, इरफान के साथ आसानी से और बड़ी रकम कमाने के मकसद से दिल्ली में विभिन्न मोबाइल नेटवर्क टावरों पर स्थापित लाइन केबल के साथ-साथ आरआरयू/बीबीयू की चोरी में लगा हुआ था। आरोपी सलमान और नाजिम ने खुलासा किया कि वे रोहिणी में एक स्क्रैप की दुकान चलाते थे और चोरी की आरआरयू/बीबीयू खरीदते थे और उन्हें नदीम, इज़हार और उसके भाई मोहम्मद नईम को ऊंची कीमत पर बेचते थे।

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