PTB Big न्यूज़ जालंधर / नाभा : पंजाब के जिला पटियाला की नाभा जेल में बंद आप विधायक रमन अरोड़ा के समधी राजू मदान को लेकर एक और खुलासा हुआ है। हालाँकि इससे पहले भी राजू मदान द्वारा शहर में रहकर राजनीति की आड़ में बड़े-बड़े कांड हुए, जिसमें उसके करीबियों का बड़ा योगदान रहा है। जिनमें स्कूल कांड से लेकर, नेहरी विभाग की जमीन भी शामिल है। जिसकी जाँच विजिलेंस विभाग कर रही है ऐसा माना जा रहा है,
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लेकिन जब से विधायक रमन अरोड़ा जेल में बंद हैं तब से लेकर अभी तक नेहरी विभाग की जमीन के कब्जे को लेकर जाँच संबंधी कोई भी सुचना सामने नहीं आई है, जिसका मतलब साफ है की जाँच या तो बंद हो चुकी है या फिर जाँच में शामिल होने वाले अज्ञात आरोपियों ने सेटिंग कर ली है, जोकि एक बड़ा सवाल है? खेर! विधायक रमन अरोड़ा के समधी को लेकर जो विजिलेंस विभाग की नई जांच सामने आई है उसमें पता चला है कि
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विधायक रमन अरोड़ा के विधायक बनने के बाद राजू मदान का कारोबार काफी बढ़ा था। फरार राजू मदान के दोनों बेटों गौरव और कर्ण जांच के घेरे में आ चुके है। जानकारी के अनुसार बस्ती गुजां स्थित मदान कार्ड्स की फर्म को राजू मदान चलाते है, जहां अब हैरान करने वाले तथ्य सामने आए है। 2021-22 में सालाना टर्नओवर 2 करोड़ 62 लाख थी, लेकिन अरोड़ा के विधायक बनते ही कारोबार में बड़ा बूम आया।
.2022-23 में 5.87 करोड़ रुपए हो गया यानी सीधे डबल। इसी तरह 2023-24 में 8.96 करोड़, तो 2024-25 में 10.15 करोड़ का टर्नओवर पार कर गया। इसी तरह रमन अरोड़ा के विधायक बनने के बाद उनके रिश्तेदार (जगदंबे फैशन हाऊस के मालिक) का दो सालों में बीस गुणा कारोबार विधायक की प्लानिंग के कारण ही बढ़ा था। विजीलैंस के हाथ विधायक के रिश्तेदार की जो बैंक स्टेटमैंट लगी है,
उसमें सूरत की कंपनी से लाखों के लेनदेन की सच्चाई भी सामने आ गई है। इस लेनदेन और जगदंबे फैशन हाऊस के मालिक एवं विधायक के रिश्तेदार को लेकर कई नए सबूत भी विजीलैंस के पास हैं। अब देखना बहुत दिलचस्प होगा कि क्या राजू मदान जोकि अभी विजिलेंस की गिरफ्त से कई दिनों से बाहर है की गिरफ़्तारी होने के बाद इस मामले में क्या इनकम टैक्स विभाग,
.GST विभाग या फिर आय से संबंधित अन्य विभाग भी इस पुरे मामले की कोई जाँच करते हैं या फिर यह मामला भी नेहरी विभाग की कब्जा की गई जमींन की तरह ही दबकर रह जाता है। जिससे साफ हो जायेगा की विधायक रमन अरोड़ा जोकि जेल में बंद है तक ही यह सारा खेल था जबकि विजीलैंस विभाग की टीम विधायक रमन अरोड़ा के समधी फरार राजू मदान और फरार बेटे राजन अरोड़ा को पकड़ने में पूरी तरह से नाकामयाब साबित हुई है।
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