PTB Big न्यूज़ तरनतारन : आतंकवाद के दौर में तरनतारन पुलिस द्वारा फेक एनकाउंटर को लेकर सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश ने अपना फैसला सुनाया है। इस मामले को लेकर दो आरोपियों को आईपीसी की धारा 364 के तहत दिलबाग सिंह, तत्कालीन डीएसपी, सिटी तरनतारन (डीआईजी के रूप में सेवानिवृत्त) और गुरबचन सिंह, तत्कालीन एसएचओ,
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पीएस सिटी तरनतारन (डीएसपी के रूप में सेवानिवृत्त) को दोषी ठहराया है। वहीं सजा की अवधि कल सुनाई जाएगी। बता दें कि पंजाब पुलिस ने 22 जून 1993 को तरनतारन निवासी गुलशन कुमार को उनके आवास से अवैध रूप से हिरासत में लिया था और बाद में 22 जुलाई 1993 को एक फर्जी मुठभेड़ में मार दिया गया था। तरनतारन निवासी चमन लाल ने बताया कि उनके बेटे गुलशन कुमार को दिलबाग सिंह,
. . .तत्कालीन डीएसपी सिटी तरनतारन के नेतृत्व में एक पुलिस दल ने 22.06.1993 को उनके आवास से अपहरण कर लिया था और बाद में 22.07.1993 को एक फर्जी मुठभेड़ में मार डाला था। पुलिस ने परिवार के सदस्यों को सूचित किए बिना 22.07.1993 को उनके बेटे के शव का श्मशान घाट तरन तारन में अंतिम संस्कार कर दिया गया। 28 फरवरी 1997 को दिलबाग सिंह, तत्कालीन डीएसपी सिटी तरनतारन, अमृतसर और 4 अन्य के खिलाफ सीबीआई द्वारा मामला दर्ज किया गया था।
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