पीटीबी न्यूज़ चंडीगढ़ : पंजाब सरकार ने महिला आयोग की चेयरपर्सन मनीषा गुलाटी की छुट्टी कर दी है। उन्हें उनके पद से हटा दिया गया है। सरकार ने इसके लिए नोटिफिकेशन भी जारी किया है। जानकारी के अनुसार मनीषा गुलाटी को 18-9-2020 को दिया गया एक्सटेंशन पंजाब सरकार ने वापिस ले लिया है। इससे पहले एक फरवरी को पंजाब सरकार ने मनीषा गुलाटी को पद से हटा दिया था। इस बारे में सामाजिक सुरक्षा एवं महिला विकास विभाग की ओर से आदेश जारी किए गए थे।
मनीषा गुलाटी को सेवा विस्तार देते समय जारी पत्र को भी खारिज कर दिया गया था। उनका कार्यकाल खत्म होने में अभी पांच महीने बाकी हैं। विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव कृपा शंकर सरोज की तरफ से जारी आदेश में कहा गया था कि सेवा विस्तार देते समय नियमों का पालन नहीं किया गया। जारी पत्र वास्तविक गलती थी। इसके बाद मनीषा गुलाटी हाईकोर्ट पहुंच गई थी। इस पर सरकार ने यूटर्न लेते हुए गुलाटी को हटाने संबंधी अपने आदेश को रद्द कर दिया था। सरकार ने नए सिरे से कानून के मुताबिक उनकी सेवा को जारी रखने पर निर्णय लेने की बात कही थी।
कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई वाली पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में मार्च 2018 में मनीषा गुलाटी को पंजाब महिला आयोग की चेयरपर्सन नियुक्त किया गया था। साल 2020 में उनके कार्यकाल में तीन साल की बढ़ोतरी की गई थी। 20 फरवरी, 2022 को वह भी भाजपा में शामिल हो गई थीं। हालांकि वह अपने पद पर बनी हुई थीं। विभाग की ओर से मनीषा गुलाटी को जारी आदेश में कहा गया है कि पंजाब राज्य महिला आयोग अधिनियम 2001 (और आगे के संशोधन) में मौजूदा अध्यक्ष या आयोग के सदस्यों के विस्तार के संबंध में कोई प्रावधान नहीं है। चेयरपर्सन व सदस्यों का कार्यकाल तीन साल के लिए होता है।
नियम के तहत जब भी चेयरपर्सन और सदस्यों के पदों को भरना होता है तो इसके लिए अखबारों में विज्ञापन देना होता है। इतने महत्वपूर्ण पद पर कोई भी व्यक्ति उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना नियुक्त नहीं किया जा सकता है। इसके साथ चेयरपर्सन निर्धारित करने के लिए सरकार की ओर से 2012 में जारी की गई अधिसूचना का हवाला दिया है। इसमें बताया गया कि चेयरपर्सन की नियुक्ति के लिए सामाजिक सुरक्षा एवं महिला एवं बाल विकास मंत्री पंजाब की अगुवाई में तीन सदस्यीय कमेटी गठित करनी होती है।
कमेटी में मुख्य सचिव और विभाग के प्रमुख सचिव मेंबर होंगे। यह कमेटी उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग करेगी। उसके बाद उम्मीदवार के चुनाव की फाइल मुख्यमंत्री को भेजेंगे। मुख्यमंत्री की तरफ से नियुक्ति पत्र जारी किया जाएगा। आदेश में लिखा है कि 18 सितंबर, 2020 को पत्र जारी करने से पहले समिति के सदस्यों की तरफ से कोई सिफारिश नहीं की गई थी। इसके अलावा महिला संगठनों से भी कोई सलाह नहीं की गई थी।