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जालंधर वेस्ट उपचुनाव 2024 : एक ही मुद्दे पर आज तक प्रत्याशियों ने लड़ा चुनाव, लेकिन जीत के बाद सभी भूले, इस बार किसके सर सजेगा ताज़,

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PTB Exclusive न्यूज़ (एडिटर-इन-चीफ) राणा हिमाचल जालंधर : जिला जालंधर में एक बार फिर से राजनितिक गलियारे में नेताओं के द्वारा मीटिंगों का दौर एक बार फिर से शुरू हो चूका है। हर पार्टी का बड़ा व छोटा नेता जिले में डेरा लगाए बैठा है ऐसे में मौजूदा सरकार के मंत्री कैसे पीछे रह सकते हैं और तो और इस बार वेस्ट हल्के के दिलचस्प चुनाव में पंजाब के मुख्यमंत्री खुद कूद पड़े हैं, यहीं नहीं इसके लिए उन्होंने तो जालंधर में ही एक घर किराये पर लेकर पक्का डेरा भी लगा लिया है, जिसकी शुरुआत भी आज से यानि रविवार से शुरू भी हो चुकी है। हर तरफ मुख्यमंत्री आवास के घर के चर्चे हो रहे हैं।

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खैर? राजनितिक गलियारे में ऐसी चहल पहला होना भी लाजमी है जब मामला चुनावी दंगल का हो और वह भी उपचुनाव का यह ऐसा पहला चुनाव नहीं है जब मौजूदा सरकार के नेता विरोधियों के खिलाफ एक साथ चुनाव मैदान में उतरे हो इससे पहले 2023 में भी कुछ ऐसा ही तब देखने को मिला था जब संतोख चौधरी जोकि उस समय जिला जालंधर से सांसद थे और उनके अचानक निधन के बाद हुए चुनावों में आप से सुशील रिंकू को आप पार्टी की और से मैदान में उतारा गया था, और उनको जीताने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री, दिल्ली के मुख्यमंत्री सहित पूरी कैबिनेट ने जालंधर में पक्का डेरा डाल कर बड़ी जीत दर्ज भी करवाई थी, लेकिन अब मामला थोड़ा पेचीदा है।

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क्योंकि अब जो चुनाव होने जा रहे हैं वह आप पार्टी के ही विधायक रहे शीतल अंगुराल के इस्तीफे के बाद हो रहे हैं और जो अब विरोधी बीजेपी पार्टी के प्रत्याशी भी हैं। वहीं इस बारे उनके सामने आप पार्टी के नेता जो पहले बीजेपी में थे मोहिंदर भगत को उम्मीदवार बनाया गया है, जिसकी जीत दर्ज करवाने के लिए खुद मुख्यमंत्री भगवंत मान मैदान में उतर चुके हैं। ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने भी अपने उस चेहते को मैदान में उतारा है जीसने आज तक हार का मुँह नहीं देखा और लगातार जीत दर्ज करवाते हुए 5 बार पार्षद रहीं सुरिंदर कौर जोकि जालंधर की पूर्व डिप्टी मेयर भी रही हैं को मैदान में उतारकर बाजी पलटने का बड़ा काम किया है, जिसके बाद वेस्ट हल्के का चुनाव दो तरफा नहीं बल्कि त्रिकोणीय हो चूका है।

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हालाँकि अकाली दल और बसपा ने भी अपना उम्मीदवार मैदान में उतार दिया है, लेकिन जनता की मानें तो मामला तीनों प्रत्याशियों के बीच का ही है और कुछ समय पहले ही जालंधर लोकसभा सीट से चरणजीत सिंह चन्नी को कांग्रेस पार्टी ने उम्मीदवार बनाया था और जिनको जनता ने विजयी भी बनाया है ऐसे में कांग्रेस पार्टी की मजबूती बाकि पार्टियों से इस समय जयादा दिखाई दे रही है, लेकिन चुनाव वेस्ट हल्के से हो रहा है तो वेस्ट हल्के में लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस ने वेस्ट हल्के से जहां 44394 वोटों से बढ़त बनाई, वहीं बीजेपी ने दूसरा स्थान हासिल करते हुए 42837 वोट हासिल किये, तो आप पार्टी की झोली में सिर्फ 15629 वोट ही पड़े।

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वहीं आज तक हुए चुनावों में सभी प्रत्याशियों का एक ही मुद्दा रहा वेस्ट में बढ़ रहे नशे के धंधें को लगाम लगाना, और दूसरी सबसे बड़ी समस्या वेस्ट में लगातार बढ़ती सीवरेज-पानी व सड़कों की समस्या, जिसका जीकर खुद कई बार इलाका विधायक से लेकर कई नेता भी कर चुके हैं और आज भी यह सभी प्रत्याशी उप-चुनावों में इस मुद्दे को लेकर ही चुनाव मैदान में उतरे हैं, जिसके लिए खुद कांग्रेस उम्मीदवार सुरिंदर कौर व पूर्व मुख्यमंत्री पंजाब चरणजीत सिंह चन्नी नामांकन पत्र भरने के दौरान कह भी चुके हैं कि वेस्ट हल्के में जो नशे की दलदल नशा तस्करों ने बना रखी है उसे जड़ से खत्म करना है, वहीं चुनावों के एन मौके पर लोगों को सीवरेज ब्लॉकेज की आ रही समस्या ने मौजूदा सरकार की कमर भी दौड़ दी है जिसकी वजह से इलाके के लोग बहुत परेशान हैं।

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वहीं एक दिन पहले पंजाब सरकार के मौजूदा मंत्रियों द्वारा जारी किया गया चुनावी मेनीफेस्टो जिसमें पार्टी ने जालंधर वेस्ट विधानसभा क्षेत्र के लोगों से 10 निम्नलिखित वादे कर डाल, जिनमें :–
1- हर इलाके में पीने का साफ पानी उपलब्ध कराने के लिए वाटर वर्क्स लगाए जाएंगे।
2- पूरे हलके के लिए नया और बड़ा सीवरेज ट्रीटमेंट प्रोजेक्ट स्थापित किए जाएंगे।
3- बस्ती शेख, बस्ती दानिशमंदां, बस्ती गुजा, बस्ती पीर दाद और मिठू बस्ती समेत हलके में बिजली के तारों के जाल को खत्म करने के लिए बिजली बोर्ड को लिखती निर्देश दिेए जाएंगे।
4- हल्के के हर गली-मोहल्ले में स्ट्रीट लाइट लगाए जाएंगे और उनके देख-रेख का प्रबंध किया जाएगा।
5- नशा तस्करी खत्म करने के साथ-साथ, बस्ती दानिशमंदा, बस्ती भार्गव कैम्प और बस्ती थावा खेल में लाटरी माफिया का कानूनी तौर पर सफाया किया जाएगा
6- वरयाना स्थित कूड़े के ढ़ेर को साफ किया जाएगा

7- हर मोहल्ला क्लीनिक में माहिर डाक्टर, सभी टैस्ट और मुफ्त दवाईओं का मिलना यकीनी बनाया जाएगा
8- हलके के लोगों की सुरक्षा के लिए जे.पी नगर, मॉडल हाउस और हरबंस नगर इलाके में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे
9- सभी पुरानी सड़कों को नया बनाय जाएगा और साथ ही हलके की मुख्य सड़कें, बस्ती दानिशमंदां रोड और बस्ती थावा खेल रोड की चौड़ाई 120 फीट की जाएगी
10- गौतम नगर में नया सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया जाएगा।

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मतलब साफ है की मौजूदा सरकार को भी पता है कि नशा तस्करी से लेकर अवैध शराब और लाटरी के धंधे पहले भी मुद्दे थे और आज भी मुद्दे हैं जिनको पहल के आधार पर रखना सबसे ऊपर होगा तभी चुनाव जीता जा सकता है। क्योंकि आप प्रत्याशी मोहिंदर भगत को भी पता है वेस्ट में चुनाव जितना उनके लिए टेडी खीर से कम नहीं है। वहीं बीजेपी उम्मीदवार शीतल अंगुराल वेस्ट हल्के के रहने वाले हैं और 2022 में जब शीतल अंगुराल विधायक बने और तब से लेकर अभी तक यानि 2024 तक उनके हल्के में नशे का जाल सबसे ज्यादा बढ़ा है, जिसके ऊपर खुद जनता ने भरोसा कर जब विधायक बनाया तब से लेकर आज तक क्या वह अपनी सरकार व जिला प्रशासन के साथ मिलकर अवैध नशे के कारोबार से लेकर लाटरी के धंधे व लोगों को आ रही सीवरेज-पानी की समस्या को आखिर खत्म खून नहीं करवा सके। यह एक बड़ा सवाल है

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और तो और 2023 में हुए लोकसभा उपचुनावों में भारी बहुमत से जीत दर्ज करवाकर उस समय सांसद बने सुशील रिंकू (अब बीजेपी में हैं) भी 8 महीनों में क्या अपनी आप पार्टी की सरकार से आखिर क्यों वेस्ट हल्के का विकास नहीं करवा पाए यह एक बड़ा सवाल है जबकि वह आप पार्टी के सबसे ऊँचे कद के नेता थे और वह मुख्यमंत्री से सीधे तौर पर मुद्दों को भी ले जाकर हल करवा सकते थे, लेकिन शायद ऐसा नहीं हुआ और लोकसभा 2024 के चुनावों से पहले ही आप पार्टी को छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए। वहीं अगर हम बात करें तो वेस्ट हल्के में जहां दो दो डिप्टी मेयर रहे हों, विधायक, सांसद वहीं के रहने वाले हों और तो और मेयर तक वेस्ट हल्के का ही हो और ऐसे में वहां हमेशा ही आम जनता के लिए समस्याओं का अम्बार बना रहा हो ऐसे में जनता त्राहि-त्राहि नहीं करेगी तो क्या करेगी?

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हम बस आपको यह बताना चाहते हैं कि समस्याओं से घिरी हुई बस्ती क्षेत्र में आखिर कौन सा नेता होगा जो जीतने के बाद वेस्ट हल्के की हालत सुधारने में एहम भूमिका निभाएगा। यह तो वक्त ही बता सकता है क्योंकि जनता को भी पता है यह चुनाव सिर्फ तीन सालों के लिए ही ही हैं और बीते दो सालों में हुआ और आने वाले तीन सालों में होगा वह कौन करेगा और किसे जनता 10 जुलाई को वोट का विजयी बनाएगी चाहे इसके लिए बड़े-बड़े से महारथी अपना जोर विधानसभा वेस्ट जालंधर के उपचानव में लगा लें, क्योंकि जो जीतेगा उसके लिए यह होगा तो सिर्फ आखिरी मौके, जिसके हर कोई एड़ी चोटी का जोर जरूर लगाएगा, फिलाहल आप देखते और पढ़ते रहिये PTB News लिखे और शेयर करना ना भूलियेगा, हमरा Facebook Page / Youtube page….

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