PTB Big Breaking न्यूज़ जालंधर / चंडीगढ़ (एडिटर-इन-चीफ) राणा हिमाचल : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव के निर्देश पर, जांच ब्यूरो (बीओआई) के निदेशक एलके यादव ने शनिवार को अपराधों की जांच के लिए चार सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया। निकारागुआ मानव तस्करी मामले में मानव तस्करी शामिल है।
.एसआईटी का नेतृत्व पुलिस अधीक्षक (एसपी) जांच फिरोजपुर रणधीर कुमार कर रहे हैं, जबकि तीन सदस्यों में एसीपी सिविल लाइन्स लुधियाना जसरूप कौर बाथ, डीएसपी जांच फिरोजपुर बलकार सिंह संधू और डीएसपी मुख्यालय पटियाला दलबीर सिंह सिद्धू शामिल हैं।
.एसआईटी को जल्द से जल्द अंतिम रिपोर्ट सक्षम अदालत में सौंपने को कहा गया है. एसआईटी मामले की जांच में सहायता के लिए किसी अन्य अधिकारी/कर्मचारी को भी शामिल कर सकती है। आपको यह भी बता दें कि विभिन्न समाचार पत्रों में निकारागुआ मानव तस्करी का मामला सामने आया है, जहां भारत के 303 यात्रियों, जिनमें से ज्यादातर पंजाब और गुजरात से थे, को फ्रांसीसी अधिकारियों ने हिरासत में लिया है।
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आपको यह भी बता दें कि फ्रांस में हिरासत में लिए 303 भारतीय यात्रियों में सबसे ज्यादा पंजाब के लोग थे, जो जालंधर के भी नामी ट्रैवल एजेंटों के जरिए डंकी लगवाकर अमेरिका जा रहे थे। इन सभी को फ्रांस में हिरासत में लेकर वापस भारत भेज दिया गया।
.आपको यह भी बता दें कि इस मानव तस्करी में जालंधर के कई ट्रैवल एजैंट का हाथ है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ट्रैवल एजैंट ने पंजाब औऱ हरियाणा के लोगों को डंकी के जरिए अमेरिका भेजने के नाम पर 70-70 लाख रुपए लिए हो सकते हैं, इन्हें फ्रांस के रास्ते अमेरिका भेजने की योजना बनाई गई थी।
.आपको यह भी बता दें कि ऐसे बहुत से ट्रैवल एजेंटों की जालंधर में भरमार है, लेकिन बीते दिनों एक ऐसा ही एक ट्रैवल एजेंट जो कई सालों से डंकी के रास्ते कई लोगों को विदेश भेज भी चूका है, लेकिन कुछ केसों में वह असफल रहा, जिसके बाद इस मामले में खुद
. .पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप करते हुए और पीड़ित परिवार की गुहार पर यह मामला सीबीआई को इस मामले की निष्पक्ष जाँच के भी आदेश दिए थे, जिनमें जालंधर शहर का नामी एजेंट भी शामिल है, फ़िलहाल जहां वह इन दिनों अपना कारोबार चला रहा है वह उसके भाई के नाम पर रजिस्टर्ड है, ऐसे बहुत से चेहरे हैं जो लाइसेंस लेकर सिर्फ डंकी के रास्ते ज्यादातर नौजवानों को विदेश भेजने का काम कर रहे हैं।
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