PTB Crime न्यूज़ लुधियाना : पंजाब के लुधियाना से एक बड़ी ख़बर सामने आ रही है जहां पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सुरक्षा में तैनात एक महिला पुलिसकर्मी द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद लुधियाना पुलिस हरकत में आई। विदेश भेजने के नाम पर कई लोगों को ठगने के आरोप में पुलिस ने एक महिला ट्रैवल एजेंट और उसके भाई को गिरफ्तार किया है। महिला पुलिसकर्मी के अनुसार आरोपी ने उसके भाई और मां के लिए Uk वीजा की व्यवस्था करने के नाम पर 14.30 लाख रुपए की ठगी की थी।
. .पुलिस ने उनके कब्जे से कुल 1.07 करोड़ रुपए नकद बरामद किए हैं। आरोप है कि ये रुपए उन्होंने लोगों को धोखा देकर कमाए थे। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान दुगरी फेज 1 की 38 वर्षीय वीनू मल्होत्रा और उनके 39 वर्षीय भाई अमित मल्होत्रा के रूप में हुई है। दोनों मॉडल टाउन के इश्मीत चौक के पास ग्लोबल वे इमिग्रेशन के नाम से अपना इमिग्रेशन कारोबार चला रहे थे। कई शिकायतों के बाद जिला प्रशासन पहले ही फर्म का लाइसेंस रद्द कर चुका था।
. .ADCP शुभम अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री सुरक्षा में तैनात मोहाली फेज-8 की रवनीत कौर के बयान के बाद शिकायत दर्ज की गई थी। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि आरोपी ने यूके वीजा की व्यवस्था करने के नाम पर उसके भाई जगदीप सिंह और उसकी पत्नी सुखवीर कौर से 14.30 लाख रुपए की ठगी की थी। ADCP अग्रवाल ने कहा कि मॉडल टाउन पुलिस ने आईपीसी की धारा 420 और धारा 24 के तहत शिकायत दर्ज की है।
. .जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपियों ने कई लोगों से उनकी मेहनत की कमाई को ठगा है। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 1.07 करोड़ रुपए नकद बरामद किए हैं। मॉडल टाउन पुलिस स्टेशन की SHO सब-इंस्पेक्टर अवनीत कौर ने कहा कि आरोपी यह दावा करके लोगों को फंसाते थे कि वे उनके वीजा आने के बाद शुल्क लेंगे, लेकिन बाद में यह दावा करके उनसे पैसे वसूलते थे कि उनकी फाइलों में दस्तावेज अधूरे हैं।
. .थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपियों से और भी बरामदगी की उम्मीद है। महिला वीनू मल्होत्रा पर पहले से तीन मामले दर्ज है। इससे पहले 12 अगस्त को संगरूर के धूरी के हरदीप सिंह और उनकी पत्नी अमनदीप कौर इसी कंपनी पर 10 लाख रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए इश्मीत चौक के पास पानी की टंकी पर चढ़ गए थे।शिकायतकर्ता ने कहा कि आव्रजन फर्म ने उनके लिए इंग्लैंड का वीजा सुरक्षित करने के लिए 10 लाख रुपए के अग्रिम भुगतान के साथ 26 लाख रुपए की मांग की थी।
उन्होंने इस साल फरवरी में आरटीजीएस के जरिए 10 लाख रुपए का भुगतान किया। हालांकि, जब वीज़ा पर अपडेट के लिए संपर्क किया गया तो कंपनी प्रक्रिया में देरी करती रही और बहाने बनाती रही। बाद में आरोपी ने पैसे लौटाने से इनकार कर दिया। पुलिस ने उन्हें शांत कराया और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया। घटना के एक दिन बाद जिला प्रशासन ने उनके खिलाफ कई शिकायतों के बाद 13 अगस्त को फर्म का लाइसेंस रद्द कर दिया था।