PTB Big न्यूज़ नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शनिवार, 1 फरवरी 2025 को संसद में पेश किए गए बजट से मिडिल क्लास खुश नजर आ रहा है। सबसे बड़ा कारण सालाना 12 लाख रुपये तक की इनकम का टैक्स फ्री होना है। इससे मिडिल क्लास की जेब में ज्यादा पैसा बचेगा और वह खुलकर खर्च कर सकेगा। वहीं अब मिडिल क्लास को खुश करने की बारी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की है।
.अगले कुछ दिनों में रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की मीटिंग होगी। इसमें मिडिल क्लास को और खुश करने से संबंधित कुछ निर्णय लिए जा सकते हैं। सालाना 12 लाख रुपये तक कमाने वालों को इनकम टैक्स नहीं देना होगा। हालांकि इसका फायदा इनकम टैक्स के न्यू रिजीम के तहत मिलेगा। वहीं टैक्स स्लैब में भी बदलाव हुए हैं। इससे 25 लाख रुपये तक कमाने वालों को 1.1 लाख रुपये तक की बचत होगी।
. .वहीं 18 लाख रुपये की वार्षिक आय वाले व्यक्ति को टैक्स में 70,000 रुपये का फायदा होगा। ऐसे में सरकार ने नए टैक्स स्लैब और इनकम टैक्स में छूट देकर मिडिल क्लास को खुश करने की कोशिश की है। रिजर्व बैंक की एमपीसी मीटिंग 5 से 7 फरवरी तक होगी। इस मीटिंग में रिजर्व बैंक ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। अगर ऐसा होता है तो लोगों को बैंक से कम ब्याज दर पर लोन मिलेगा। इसका भी सबसे ज्यादा फायदा मिडिल क्लास को होगा,
.क्योंकि कम ब्याज दर पर लोन लेने से ईएमआई का बोझ भी कम होगा। मीटिंग में जो भी निर्णय लिए जाएंगे, उनकी घोषणा 7 फरवरी को होगी। अभी रेपो रेट यानी ब्याज दर 6.50 फीसदी है। जानकारों के मुताबिक रिजर्व बैंक रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती कर सकता है। ऐसे में यह दर 6.25 फीसदी हो जाएगी। रिजर्व बैंक ने फरवरी 2023 से रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। इस दौरान मॉनिटरी पॉलिसी की 11 मीटिंग हो चुकी हैं।
. .दिसंबर में मुद्रास्फीति के आंकड़ों को देखते हुए जानकारों का कहना है कि रिजर्व बैंक रेपो रेट में कमी कर सकता है। वहीं आरबीआई ने बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए भी कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। खुदरा महंगाई दर (सीपीआई) में भी गिरावट दर्ज की गई है। अगर महंगाई नियंत्रण में रहती है तो आरबीआई रेपो रेट में कटौती कर सकता है।
.रेपो रेट वह दर होती है जिस पर रिजर्व बैंक दूसरे बैंकों को पैसा उधार देता है। अगर रिजर्व बैंक कम दर पर पैसा उधार देगा तो बैंक भी ग्राहकों को कम दर पर लोन मुहैया कराते हैं। इसमें होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन आदि शामिल हैं। रेपो रेट कम होने से मिडिल क्लास को बड़ा फायदा होता है, क्योंकि इससे EMI का बोझ कम हो जाता है। वहीं दूसरी ओर बाजार में लिक्विडिटी भी बढ़ती है।