PTB Big न्यूज़ चंडीगढ़ : लुधियाना में सीएमएस कंपनी में साढ़े आठ करोड़ रुपये की लूट मामले में गुरुवार को पुलिस ने 75 लाख की और नगदी बरामद की। इसमें से 50 लाख रुपये लूट के मास्टर माइंड मनजिंदर मनी के घर के सीवर से निकले हैं। वहीं मामले की मुख्य आरोपी मंदीप कौर उर्फ डाकू हसीना अभी फरार है। उसकी और अन्य आरोपियों की तलाश में पुलिस टीमों का गठन कर दिया गया है।
पुलिस को आशंका है कि ये सभी दक्षिण भारत की तरफ भागे हैं। बुधवार शाम को मनजिंदर सिंह मनी को लेकर पुलिस टीम अब्बूवाल गांव स्थित उसके घर पहुंची थी। मनी पिछले चार साल से कंपनी में काम कर रहा था। पुलिस ने उसके घर को खोदा और सीवर से 50 लाख रुपये बरामद किए। सोशल मीडिया पर डाली एक रील और सीएमएमस कंपनी की गाड़ी पर लगी फ्लीकर लाइट ने कमिश्नरेट पुलिस को आरोपियों तक पहुंचने में सबसे बड़ी मदद की।
लूट के बाद जब आरोपियों ने कैश गाड़ी से बदला तो सभी आरोपियों को कुछ न कुछ पैसे दिए गए थे। डाकू हसीना मंदीप कौर के भाई हरविंदर सिंह ने सोशल मीडिया पर एक रील डाली और उसमें 500-500 के नोट की गड्डियों को हाथ में पकड़ कर एक गाना लगा दिया। इसके अलावा गांव पंडोरी में सीएमएस कंपनी की गाड़ी की जांच की तो उसमें सीसीटीवी कैमरे के कनेक्शन काटे गए थे और उसपर लगी फ्लीकर लाइट जल रही थी। फ्लीकर लाइट आम व्यक्ति नहीं चला सकता। उसे चलाने के लिए कंपनी के ही किसी एक्सपर्ट की जरूरत होती है।
इसके बाद पुलिस का शक सही निकला कि इस वारदात को अंजाम देने में किसी नजदीकी का हाथ है। यह नजदीकी कोई ओर नहीं बल्कि दफ्तर के अंदर काम करने वाला ही निकला। सूत्रों के अनुसार जब पुलिस दफ्तर से निकाले गए या फिर काम छोड़ कर जाने वालों से पूछताछ कर रही थी तो आरोपी मनजिंदर सिंह मनी को भी बुलाया गया था। कंपनी अधिकारियों के कहने पर तो आरोपी आया नहीं, जब पुलिस ने बुलाया तो वह वहां पहुंचा। इसके बाद एक बार पुलिस ने उसे भेज दिया। जब आरोपी के खिलाफ सबूत मिल गए तो पुलिस ने उसे काबू कर लिया।
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि डाकू हसीना मंदीप कौर काफी शातिर है। उसने किसी पर दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया हुआ है। उसकी बरनाला के रहने वाले आरोपी जसविंदर सिंह के साथ शादी हुई थी। वह अक्सर लुधियाना में पेशी पर आती रहती थी और वहीं पर आरोपी मनजिंदर सिंह मनी के साथ उसकी मुलाकात हुई। पुलिस कमिश्नर ने बताया कि मनजिंदर मनी विदेश जाना चाहता था। आरोपी को पूरी जानकारी थी कि शनिवार और रविवार को कैश एटीएम में नहीं डाला जाता। शुक्रवार को कंपनी के दफ्तर में करोड़ों रुपये पड़े होते हैं।
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि दफ्तर के अंदर कहां-कहां सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और कहां डीवीआर पड़े हैं इन सब की जानकारी आरोपियों को थी। आरोपियों ने एक ही झटके में साठ सीसीटीवी कैमरों को बंद कर दिया। लूटकांड को अंजाम देने के बाद आरोपियों ने सारा सामान और डीवीआर भी बैग में डाल लिए। इसके बाद आरोपी गांव पंडोरी पहुंचे और वहीं से आरोपियों ने अपना-अलग अलग रास्ता अपना लिया था, ताकि पुलिस के हाथ न लगें।
इस लूटकांड को आरोपियों ने बड़े ही शातिराना तरीके से वारदात को अंजाम दिया। उन्हें पता था कि पुलिस मोबाइल टेक्नोलाॅजी के जरिये उन्हें काबू कर सकती है। इसलिए उन्होंने बिना मोबाइल और हथियारों के ही वारदात को अंजाम दे दिया। 11 आरोपियों के पास सिर्फ एक तेजधार हथियार था। बाकी तीन हथियार आरोपियों ने सिक्योरिटी गार्ड्स के छीने थे।