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जालंधर कमिश्नरेट में तैनात DCP नरेश डोगरा की कभी भी हो सकती है गिरफ्तारी, कोर्ट ने मामला किया इरादा-ए-कत्ल में तलब,

The sword of arrest hangs on DCP PPS Naresh Dogra Jalandhar Punjab

PTB Big न्यूज़ जालंधर : जिला होशियारपुर से एक बड़ी खबर सामने आ रही है जहां जिला जालंधर के कमिश्नरेट पुलिस में तैनात DCP PPS नरेश डोगरा को जिला होशियारपुर की माननीय अदालत ने बड़ा झटका दिया है / मिली जानकारी के अनुसार बहुचर्चित होटल रॉयल प्लाजा मामले में माननीय अदालत ने DCP नरेश डोगरा और उसके करीबी साथियों को इरादा-ए-कत्ल की धारा-307 के तहत तलब कर दिया है और इसके बाद अब नरेश डोगरा पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है / आपको यह भी बता दें कि साल 2019 में होटल रॉयल प्लाजा में मारपीट हुई थी जिसमें नरेश डोगरा का नाम सामने आया था /

अदालत द्वारा दिए गए फैसले के संदर्भ में यह खुलासा हुआ है कि 03 जनवरी 2019 को होटल के मालिक विश्वनाथ बंटी को रात करीब सवा नौ बजे होटल से एक फोन आया, जिसमें होटल के मैनेजर ने बताया कि उस समय फिल्लौर पुलिस अकादमी में तैनात कमांडेंट नरेश डोगरा अपने साथियों सहित जिसमें होटल का एक अन्य पाटनर विवेक कोंशल, नायब तहसीलदार मंजीत सिंह, शिवी डोगरा, हरनाम सिंह उर्फ हरमन सिंह सहित करीब 10-15 अज्ञात शामिल हैं / मैनेजर ने बताया कि यह लोग होटल पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं /

इसके बाद उसी समय विश्वनाथ बंटी, अजय राणा, नवाब हुसैन और बाबू के साथ होटल पहुंचे / उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर जब उन्होंने नरेश डोगरा से इस बारे में बात करनी चाही तो उन्होंने विशवानाथ बंटी पर हमला कर दिया और इसी बीच नरेश डोगरा, विवेक कौशल और मनजीत सिंह लड़ाई में ललकारे मारे और कहा कि आज बंटी को मारना है और इसी समय हरनाम सिंह ने बंटी की तरफ एक रिवॉल्वर से गोली चलाई, जो अजय राणा की जांघ में लगी और पार हो गई / इस घटना में नवाब हुसैन गंभीर रूप से घायल हो गया /

अदालत के आदेश में यह भी कहा गया कि जब अजय राणा को गंभीर हालत में होशियारपुर के सिविल अस्पताल ले जाने का प्रयास किया गया तो पता चला कि नरेश डोगरा और उसके साथी पहले ही सिविल अस्पताल होशियारपुर पहुंच चुके थे और इस बीच अजय राणा, नवाब हुसैन को जालंधर के जोहल अस्पताल में ले जाया गया और वहा पर 6 जनवरी तक उसका इलाज चला और बाद में अजय राणा को होशियारपुर के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया /

होशियारपुर के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रेट रूपिंदर सिंह द्वारा 14 सितंबर 2022 को दिए गए फैसले की कापी 15 सितंबर को अपलोड की गई है, जिससे खुलासा हुआ है कि होशियारपुर पुलिस ने इस मामले में एकतरफा कार्रवाई की है और कहा गया है कि नरेश डोगरा जो उस समय एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी था ने विशवानाथ बंटी और उनके साथियों को मुलजिम बनाने के लिए अपने पद का इस्तेमाल किया था, जिसके बाद विश्वनाथ बंटी, अजय राणा, नवाब हुसैन और कई अन्य लोगों पर आईपीसी की धारा 307, 323, 341, 379-बी, 186, 353, 332, 427, 148, 149, 120-बी व 25/27/54/59, आमर्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था /

जबकि विश्वनाथ बंटी गुट की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत पर आईपीसी की धारा-323, 506, 149, थाने के रोजनामचे में सिर्फ डीडीआर ही काटी गई थी / पुलिस ने जब इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की तो नवाब हुसैन की ओर से उनके वकील एचएस सैनी, एडवोकेट नवीन जैरथ और एडवोकेट गुरवीर सिंह चौटाला की ओर से कोर्ट में सिवल शिकायत दर्ज कराई गई, जिसकी सुनवाई करीब तीन साल तक चली, हालांकि कोविड के कारण, सुनवाई में लगभग एक साल की देरी हुई और अदालत ने अब मामले की गंभीरता को देखते हुए

जालंधर में तैनात डीसीपी नरेश डोगरा, होटल रॉयल प्लाजा के पार्टनर विवेक कौशल, नायब तहसीलदार (सेवानिवृत्त) मंजीत सिंह, शिवी डोगरा और हरनाम सिंह उर्फ हरमन सिंह को IPC की धारा-307, 506, 341, 447, 323, 148, 149, 25/27 /54/59 आमर्स एक्ट के तहत संमन जारी करते हुए 15 नवंबर को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है / इस मामले में कोर्ट के फैसले के बाद डीसीपी नरेश डोगरा, विवेक कौशल, शिवी डोगरा, मंजीत सिंह और हरनाम सिंह उर्फ हरमन सिंह को 15 नवंबर से पहले हाईकोर्ट से जमानत लेनी पड़ेगी / दरअसल, मामला 307 का है, इसलिए इस मामले में अग्रिम जमानत मिल पाना इतना आसान नहीं है क्योंकि गोली और 307 के मामले में अदालतें हमेशा सख्त रुख अपनाती हैं /