PTB Big Breaking न्यूज़ जालंधर / फिल्लौर : पंजाब पुलिस एकेडमी की मुश्किलें बढ़ गई हैं, दरअसल बीते 10 जुलाई को आई बाढ़ के पानी में 200 से ज्यादा गाड़ियों के डूबने से हुए नुक्सान का मुआवजा पाने के लिए थानेदार का बैच पास कर गए ट्रेनियों ने एकेडमी को कानूनी नोटिस भेजे हैं। पंजाब पुलिस एकेडमी फिल्लौर में हवलदार से तरक्की पाकर थानेदार बनने पर 700 के करीब पुलिस मुलाजिम यहां इंटरमीडियट कोर्स करने आए थे जिनका कोर्स 7 जुलाई को संपूर्ण हो गया था और वे अपने जिलों में वापस लौट गए थे।
उसके 3 दिन बाद सभी पुलिस मुलाजिमों को संदेश मिला कि वे सभी पुलिस मुलाजिम एकेडमी में आएं, उन्हें 10 जुलाई को मैडम अनीता पुंज स्वागती भाषण देकर रवाना करेंगी। जिस पर सभी थानेदार रात्रि को एकेडमी पहुंच गए। सभी मुलाजिमों की कारें गोल्फ ग्राऊंड के बाहर बनी एक खाली जगह में लगवा दी गईं। साढ़े 4 बजे के करीब एकेडमी के पास बने सतलुज दरिया का बांध टूट गया।
गोल्फ ग्राऊंड से होता हुआ बाढ़ का पानी पार्किंग में दाखिल हो गया, जिसमें 500 पुलिस मुलाजिमों की कारें डूब गईं। 200 से ज्यादा कारें तो पुलिस जवानों ने खुद हिम्मत जुटा कर बाढ़ के पानी में से बाहर निकाल लीं, जबकि 200 से ज्यादा कारें 2 दिन तक वहीं डूबी रहीं। जब किसी भी बड़े अधिकारी ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया तो इन मुलाजिमों ने अपनी जेब से पैसे खर्च कर वहां क्रेन मंगवाई और एक-एक कर गाड़ियों को बाहर निकलवाया। बाढ़ के पानी में 2 दिन तक डूबी रहने से गाड़ियों के इंजन से लेकर सीटें सब कुछ खराब हो चुका था जिसे ठीक करवाने में ही पुलिस जवानों के लाखों रुपए खर्च हो गए।
उन्हें अपने इस नुक्सान का एकेडमी की तरफ से कोई मुआवजा नहीं दिया गया तो मजबूरन उन्हें अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा। कुछ मुलाजिमों द्वारा भेजे कानूनी नोटिस पुलिस एकेडमी को मिल चुके हैं और कुछ नोटिस भेजने की तैयारी कर रहे हैं। गाड़ियों के हुए इस नुक्सान के बाद फिल्लौर पुलिस एकेडमी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जो भी पुलिस अधिकारी यहां ट्रेनिंग लेने आते हैं वे अपने वाहन शहर में जहां कहीं भी पार्किंग है, वहां खड़े करें।
पंजाब पुलिस एकेडमी में ट्रेनिंग पास कर चुके सभी मुलाजिम थानेदार बन गए थे जिन्हें सुरक्षा के लिए सरकारी रिवॉल्वर या पिस्टल मिले हुए थे। एक अधिकारी ने बताया कि ट्रेनिंग करने वाले मुलाजिम जब एकेडमी में आते हैं तो उन्हें अपने ये हथियार अंदर ले जाने की इजाजत नहीं होती इसलिए वे अपने हथियार बाहर खड़ी अपनी कारों में रख देते हैं। उस दिन भी जब ये मुलाजिम वहां आए तो उनके हथियार उन्हीं गाड़ियों में पड़े थे जो बाढ़ के पानी में 2 दिन तक डूबे रहे। अगर शरारती तत्व इन गाड़ियों से हथियार चोरी कर ले जाते तो पुलिस के लिए मुसीबत बढ़ जानी थी।