PTB Big न्यूज़ जालंधर / चंडीगढ़ : विजिलेंस ब्यूरो ने जालंधर से चिंतपूर्णी तक बनने वाले नेशनल हाईवे के लिए एक्वायर जमीन के मुआवजे में घोटाले से जुड़े केस में 42 नए लोगों को नामजद करते हुए आरोपी बनाया है। विजिलेंस ब्यूरो की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने 64 करोड़ रुपए के इस घोटाले में 8 लोगों को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया।
. .SIT ने अपनी जांच में पाया कि होशियारपुर एसडीएम और तहसीलदार के दफ्तर से रिकॉर्ड भी गायब है। जांच में यह भी सामने आया कि होशियारपुर के तत्कालीन एसडीएम आनंद सागर शर्मा ने लुईस बर्जर कंपनी की ओर से तैयार ड्राफ्ट 3-ए शेड्यूल प्लान को फर्जी तरीके से बदल दिया और अवैध तरीके से मुआवजे की रकम रिलीज कर दी। एसडीएम शर्मा ने अपने जानकार लोगों को 64 करोड़ रुपए दिए और उसके बाद इन लोगों ने एसडीएम शर्मा से मिलीभगत करके संरेखण में जमीन खरीदी।
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SIT ने जांच के दौरान इस घोटाले से जुड़ी FIR में आईपीसी की एक और धारा 201 को भी जोड़ा और 42 नए लोगों को बतौर आरोपी नामजद किया। इनमें से 8 को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया। विजिलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता के मुताबिक, इस घोटाले को लेकर विजिलेंस ब्यूरो के लुधियाना थाने में 10 फरवरी 2017 को आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 व 120-बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(डी), 13(2) के तहत FIR दर्ज की गई थी।
. .इसमें होशियारपुर के तत्कालीन एसडीएम आनंद सागर शर्मा, तहसीलदार व भूमि अधिग्रहण अधिकारी बलजिंदर सिंह, नायब तहसीलदार मंजीत सिंह और खवासपुर गांव के पटवारी दलजीत सिंह समेत कुल 13 आरोपी हैं। विजिलेंस ब्यूरो ने खवासपुर गांव के पटवारी दलजीत सिंह, रजिस्ट्री क्लर्क सुखविंदरजीत सिंह सोढ़ी, डीड राइटर देवीदास, होशियारपुर के महाराजा रणजीत सिंह नगर निवासी हरपिंदर सिंह गिल,
.मोहल्ला टिब्बा साहिब निवासी सतविंदर सिंह ढट्ट व अवतार सिंह जौहल, पिपलांवाला के परविंदर कुमार और जसविंदर पाल सिंह निवासी लिली कॉटेज को गिरफ्तार किया है। इन्हें रविवार को अदालत में पेश कर आगे की पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया जाएगा। बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए उनके घर और अन्य ठिकानों पर रेड चल रही है। सभी को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
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