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जालंधर में सेना ने मार गिराया Surveillance Drone, खुद जिलाधीश ने की पुष्टि, Jalandhar से बड़ी खबर, इस इलाके में ड्रोन हमला, हुई फायरिंग, जिलाधीश ने पुरे मामले के बारे में क्या ... बड़ी ख़बर, जालंधर के सुरानस्सी इलाके में ड्रोन देखे जाने की खबर, जम्मू में सेना ने मार गिराया ड्रोन, एचएमवी फैकल्टी के लिए हैंड्स ऑन ट्रेनिंग वर्कशाप का आयोजन, पी.सी.एम.एस.डी. कॉलेज फॉर विमेन, जालंधर के वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग के पीजी विभाग द्वारा शेप अप या ... सेंट सोल्जर नर्सिंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में मनाया गया अंतराष्ट्रीय नर्स दिवस, पंजाब में पाकिस्तान की साइबर अटैक की कोशिश, डांस ऑफ द हिलेरी नामक मैलवेयर फैलाया, पुलिस ने जारी किया... Operation Sindoor के दौरान 'सेना ने अदम्य साहस के साथ आतंकियों को मिट्टी में मिलाया, BJP का आया पहला... भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर के बाद आज Share Market में मची हाहाकार, जालंधर के जिलाधीश डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने जनता से की अपील,
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जालंधर में सेना ने मार गिराया Surveillance Drone, खुद जिलाधीश ने की पुष्टि,

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आखिर कौन सा होता है Surveillance Drone और किस काम आता है यह!

PTB Big Exclusive न्यूज़ (एडिटर-इन-चीफ) राणा हिमाचल : जालंधर के सुरानसी इलाके में Surveillance Drone को मार गिराया है। विशेषज्ञ दल मलबे की तलाश कर रहा है। जालंधर के जिलाधीश डॉ. हिमांशु अग्रवाल के अनुसार आज यानि सोमवार की देर रात को जिस ड्रोन को सेना ने मार गिराया है वह Surveillance Drone था, जिसकी पुष्टि उन्होंने अपने Social Media पेज पर भी की है। आखिर क्या होता Surveillance Drone ओर किस काम आता है।

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हम आपको बता दें कि ड्रोन कई तरह के होते है, अमूमन दो ही प्रकार के ड्रोन होते हैं। एक Surveillance Drone जिसे हम निगरानी ड्रोन भी कहते हैं और एक होते है सेना के ड्रोन, इन दोनों के बीच मुख्य अंतर उनके उपयोग में है। निगरानी ड्रोन मुख्य रूप से किसी क्षेत्र की निगरानी, जानकारी इकट्ठा करने और डेटा भेजने के लिए उपयोग किए जाते हैं, जबकि सेना के ड्रोन में निगरानी के साथ-साथ हमला और परिवहन जैसे अधिक विशिष्ट सैन्य कार्य शामिल होते हैं।

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अगर निगरानी ड्रोन की बात की जाये तो इसका मुख्य उपयोग किसी क्षेत्र की निगरानी करना, जैसे कि सीमाओं की निगरानी, दुश्मन की गतिविधियों पर नजर रखना, या किसी घटना के दौरान रियल टाइम जानकारी प्रदान करना होता है। ऐसे ड्रोन का इस्तेमाल शादी समारोह में Video Shoot के लिए भी किया जाता है। इस विशेषता यह भी होती है कि ये ड्रोन आमतौर पर छोटे, हल्के होते हैं, और उन क्षेत्रों में आसानी से प्रवेश करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं

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जहां मानव पहुँच मुश्किल या खतरनाक हो सकती है। वहीं अगर सेना के ड्रोन की बात की जाये तो इस मुख्य उपयोग निगरानी के अलावा, सेना के ड्रोन का उपयोग हथियारों और गोला-बारूद का परिवहन, लक्ष्य को नष्ट करना, और संचार और लॉजिस्टिक कार्यों में सहायता करने के लिए किया जाता है। इसकी विशेषता यह होती है कि सेना के ड्रोन निगरानी ड्रोन की तुलना में बड़े, भारी और अधिक शक्तिशाली होते हैं, जो उन्हें विभिन्न प्रकार के कार्यों को करने में सक्षम बनाते हैं।

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इस ड्रोन में हमला करने की क्षमता, लंबी दूरी की निगरानी, और गंभीर परिस्थितियों में भी संचालन करने की क्षमता शामिल हो सकती है। सेना का ड्रोन सशस्त्र ड्रोन का उपयोग दुश्मन के लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए, या रसद को दूर के इलाकों में पहुंचाने के लिए किया जाता है। जालंधर के जिलाधीश डॉ. हिमांशु अग्रवाल के अनुसार Surveillance Drone को सेना ने मार गिराया है अगर यह वहीं Surveillance Drone है

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जिसके बारे में हमने आपको जानकारी दी है तो यह लोगों पर हमला करने वाला नहीं है, फ़िलहाल इस सारे मामले का ड्रोन के मलवे के मिलने के बाद सेना व प्रशासनिक अधिकारीयों द्वारा जाँच के बाद ही किया जा सकता है कि यह खतरनाक था या नहीं। फ़िलहाल जिलाधीश ने सभी से अनुरोध किया है कि अगर आपको मलबा दिखे तो उसके पास न जाएं और तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन को सूचित करें।

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उन्होंने आगे यह भी बताया गया है कि रात 10 बजे के बाद से जालंधर में कोई भी ड्रोन जैसी गतिविधि नहीं देखी गई है। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया शांत रहें और पटाखे न फोड़ें क्योंकि कुछ इलाकों में इसकी सूचना मिली है। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त पुलिस कार्रवाई की जाएगी जो दहशत फैलाने की कोशिश करेंगे। हमने एहतियात के तौर पर जालंधर के कुछ इलाकों में लाइट बंद कर दी हैं और कुछ समय बाद स्थिति की समीक्षा करेंगे। चिंता की कोई बात नहीं है।

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