PTB Big Political News (Inside Story)
आप पार्टी के नेताओं को दो बार पटकनी दे चुके सुक्खी को लेकर राजनैतिक अखाड़े में पराजित करने के चर्चे हुए तेज, लेकिन लोग मांग रहे हैं प्रचंड जीत के लिए मन्नतें,
PTB Big Political न्यूज़ जालंधर (एडिटर-इन-चीफ) राणा हिमाचल : इन दिनों लोकसभा उपचुनाव को लेकर जहां सभी पार्टियां प्रचार के अंतिम पड़ाव में पहुंच चुकी हैं, वहीं शिरोमणी अकाली दल-बहुजन समाज पार्टी के सांझा उम्मीदवार डाॅ. सुखविंदर कुमार सुक्खी भी अपने सीनियर नेताओं के साथ जिला जालंधर जोकि उनका अपना गृह निवास है में लगातार चुनाव प्रचार करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
डॉ सुक्खी ने अपनी जीवन काल का सबसे ज्यादा समय जिला जालंधर में गुजारा। उनका जन्म उस समय जालंधर जिले के अधीन पड़ते नवांशहर के साथ लगते गांव गुणाचौर में हुआ (अब यह गांव जिला नवांशहर में है) और यहीं से ही उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा PCGMN Hingh स्कूल जाडला जिला नवांशहर से ग्रहण की और बाद में उच्च शिक्षा के लिए जिला पटियाला के गवर्नमेंट मोहिंद्रा कॉलेज में दाखिला ले लिया।
डॉ. सुक्खी ने PTB News को जानकारी देते हुए आगे बताया कि वह बचपन से ही जन सेवा करने का मन बना चुके थे, जिसकी वजह से उनके मन में हमेशा ही लोगों के प्रति कुछ करने की चाह दिल में हमेशा से ही रही और गवर्नमेंट मोहिंद्रा कॉलेज से शिक्षा हासिल करने के बाद वह डॉ. बनने का सपना देखा और Dayanand Medical College Ludhiana पहुंचे, यहां से उन्होंने MBBS, MS (Master of Surgery) की पढ़ाई के लिए दाखिला लिया और डॉ बनकर अपने जिले में ही लोगों की सेवा में जुट गए।
डॉ. सुक्खी की पत्नी भी डॉ हैं और वह भी उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर उनका पूरा सहयोग देती हैं, जिनकी सेवा भावना की गांव से लेकर जिले भर के लोग तारीफ भी खूब करते हैं, लेकिन डॉ. सुक्खी इससे भी कुछ लग करना चाहते थे और इसी नेक सोच की वजह से कांशी राम जी की जीवनी, जोकि भारतीय राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे और जिन्होंने अछूतों और दलितों के राजनीतिक एकीकरण तथा उत्थान के लिए जीवन पर्यान्त कार्य किये थे से प्रभावित हुए और उनको बहुजन समाजवादी पार्टी से जुड़कर लोगों की सेवा करने का अवसर मिला।
शायद इसी का नतीजा यह हुआ कि डाॅ. सुखविंदर कुमार सुक्खी को पहली बार बसपा ने टिकट देकर 2009 में चुनाव मैदान में उतारा और बाद में उन्होंने बसपा छोड़कर अकाली दल का दामन थाम लिया था। 2017 में अकाली दल ने उनको प्रत्याशी बनाया तो उन्होंने बंगा विधानसभा हल्का से पचंद जीत हासिल करते हुए आप पार्टी के हरजोत को 1893 मतों से पराजित किया। 2022 में अकाली दल के तीन विधायक ही पंजाब में चुनाव जीते थे। इनमें एक नाम सुखविंदर कुमार सुक्खी का है। जिन्होंने बंगा विधानसभा से दूसरी बार जीत हासिल करते हुए आप पार्टी के कुलजीत सिंह सरहाल को 5318 तो कांग्रेस पार्टी के तरलोचन सिंह को 5069 से पराजित करते हुए प्रचंड जीत हासिल करते हुए पहले स्थान पर कायम रहे।
2022 Elections
1 SUKHWINDER KUMAR SUKHI Shiromani Akali Dal 37338
2 KULJIT SINGH SARHAL Aam Aadmi Party 32020
3 TARLOCHAN SINGH Indian National Congress 32269
वहीं अब जब से शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने जालंधर लोकसभा उपचुनाव के लिए सुखविंदर कुमार सुखी को अकाली दल-बसपा का उम्मीदवार घोषित किया है, तभी से जिले के लोग जहां 42% दलित वोटर हैं, लगातार डॉ. सुक्खी की प्रचंड जीत की कामना कर रहे हैं। वहीं डाॅ. सुखविंदर कुमार सुक्खी का कहना है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार और वर्तमान आम आदमी पार्टी की सरकार दोनों ने इस हल्के के साथ भेदभाव किया, जबकि सरदार प्रकाश सिंह बादल की अगुवाई में पूर्ववर्ती अकाली दल सरकार ने हिंदू-सिख भाईचारे को हमेशा दिल से जोड़े रखा, जिसको देश वासी ही नहीं देश के दिग्गज नेता भी बात करते हुए स्वर्गीय प्रकाश सिंह बादल को याद कर रहे हैं।
डाॅ. सुक्खी का कहना है की ‘‘राजनीति में ईमानदारी लाने, भ्रष्टाचार और अनैतिकता के मौजूदा दौर को खत्म करने और विभाजनकारी राजनीति को खत्म करने के लिए यह बेहद आम जनता के लिए बहुत जरूरी है, जिसका समाज के सभी वर्गों के बीच साम्प्रदायिक संबंधों पर प्रभाव पड़ रहा है। उन्होने कहा कि आप पार्टी की सरकार और खासकर उसके मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ऐसी परिस्थितियां पैदा कर पंजाब को पीछे की ओर धकेल दिया है, जिससे कोई भी राज्य में निवेश करने के लिए तैयार नहीं है, यहां तक कि घरेलू निवेशक भी दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे हैं।
वहीं डॉ सुक्खी इन दिनों जहां भी अपना चुनाव प्रचार कर रहे हैं, उनको मौजूदा सरकार से दुःखी लोगों का दुःख देखने को लगातार मिल रहा है। लोगों का कहना है की जीरो बिजली देकर लोगों की भावनाओं को सरकारी दफ्तरों में काम करने के बहाने मांगी जा रही रिश्वत उनको ज्यादा चुभ रही है। लोगों का कहना है कि ना तो नेता और ना ही मौजूदा विधायक उनका अब फ़ोन उठाते हैं
और ना ही उनको किये हुए वादों का कोई उनके पास ठोस जवाब है। यहां तक की महिलाओं 1000-1000 रूपये देने की बात करने वाले नेता पिछले 14 महीनों से लारे लगा रहे हैं। वहीं डॉ सुक्खी ने कहा “लोगों का दर्द देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है की उनके साथ आप ने सिर्फ छल किया है और कुछ नहीं, और लोगों ने डॉ सुक्खी को जहां प्रचंड जीत का दिलाने का आश्वासन दिया है, वहीं उनकी जीत के लिए मन्नतें भी मांग रहे हैं।