PTB Big न्यूज़ चंडीगढ़ : तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन के बाद पंजाब और हरियाणा के किसानों ने अब चंडीगढ़ सीमा पर डेरा डाल दिया है। इससे पहले पंजाब के जालंधर में किसान संगठनों ने दिल्ली-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग और रेलमार्ग को बाधित कर दिया था। हालांकि सीएम भगवंत मान के साथ बैठक के बाद किसानों ने जालंधर से अपना धरना हटा लिया। अब किसानों ने चंडीगढ़ कूच किया है। चंडीगढ़ में 26 से 28 नंवबर तक किसानों का प्रदर्शन चलेगा।
.पंजाब के किसानों ने मोहाली में डेरा जमाया है तो वहीं हरियाणा के किसानों ने पंचकूला को अपना ठिकाना बनाया है। यहां से किसान चंडीगढ़ में प्रवेश करेंगे। हालांकि चंडीगढ़ सीमा पर भारी संख्या में पुलिस, रैपिड एक्शन फोर्स और अर्धसैनिक बल तैनात हैं। पंजाब के किसान सीएम आवास और राजभवन तक कूच का एलान भी कर चुके हैं। किसान संगठन पूरी तैयारी के साथ पहुंचे हैं।
.चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात है। चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर पंजाब पुलिस ने बैरिकेडिंग की है। यहां बड़ी संख्या में पुलिस के जवान तैनात हैं। चंडीगढ़ सीमा पर यूटी पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की गई। वाटर कैनन, आंसू गैस और दंगा विरोधी टीम की विशेष तैनाती है। पुलिस की विशेष टुकड़ियां भी मौजूद हैं। पंचकूला में 10 कंपनियों के 900 पुलिस कर्मचारियों को तैनात किया गया है। ये कंपनियां अंबाला, कुरुक्षेत्र और रोहतक से मंगवाई गईं हैं। 12 स्थानों पर पुलिस ने नाके लगाए हैं। सभी नाकों पर पुलिस का तीन स्तरीय सुरक्षा घेरा है।
.हरियाणा के किसान पंचकूला में तीन दिन का महापड़ाव करेंगे। किसानों के साथ कर्मचारियों ने भी अपनी ताकत झोंक दी है। किसानों को केंद्रीय ट्रेड यूनियन और कर्मचारी फेडरेशन का साथ मिला है। उधर, पंचकूला के सभी चौक चौराहों पर पुलिस तैनात की गई है। सेक्टर-5 ग्राउंड में किसान और कर्मचारी एकजुट होने लगे हैं। करीब 500 किसान पंचकूला पहुंच चुके हैं।
.धरने में 33 किसान संगठन शामिल है। भारतीय किसान यूनियन लखोवाल के प्रेस सचिव रणबीर सिंह ने राज्य और केंद्र सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में हुई बैठक में गन्ना मूल्य बढ़ाने का फैसला किया गया लेकिन सीएम अब भी टालमटोल कर रहे हैं। उधर, केंद्र सरकार ने भी दिल्ली में आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज केस अभी तक रद्द नहीं किए हैं। 27 नवंबर को किसान बैठक करेंगे। इसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी। रणबीर सिंह ने बताया कि किसान दो महीने का राशन लेकर पहुंचे हैं। जरूरत पड़ने पर लंबे समय तक डटे रहेंगे।
.किसानों और कर्मचारियों की मांग
एमएसपी गारंटी कानून बने
लखीमपुरी घटनाक्रम में इंसाफ मिले
किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले परिवारों को सहायता व नौकरी
किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज केस रद्द करने की मांग
बाढ़ प्रभावित किसानों को पंजाब सरकार से मुआवजा मिले
गन्ने के दाम में वृद्धि की मांग
पराली जलाने पर दर्ज केस रद्द करने की मांग
किसानों को कर्जा मुक्त बनाने की मांग
बिजली बिल माफी
बिजली संशोधन बिल 2022 रद्द हो
चार लेबर कोड निरस्त हो, न्यूनतम वेतन 26,000 किया जाए,
मनरेगा में 200 दिन काम व 600 रुपये मजदूरी करने की मांग
किसान-मजदूरों को 10,000 पेंशन की मांग
शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास की गारंटी
सरकारी व सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण बंद करने की मांग
अस्थायी कर्मचारियों को नियमित करने की मांग
पुरानी पेंशन योजना की बहाली
पुलिस और प्रशासन ने सभी इंतजाम किए हैं। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। किसानों के तीन दिवसीय प्रदर्शन के दौरान आम लोगों को कोई परेशानी न हो, इसके लिए इंतजाम किए गए हैं।