PTB Big Political चंडीगढ़ : आम आदमी पार्टी ने चुनाव में पंजाब के लोगों से वादा किया था कि उनकी सरकार बनने पर 300 यूनिट मुफ्त बिजली दी जाएगी। सरकार इस गारंटी को बजट में पूरा कर सकती है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस पर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी, विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी दिलीप कुमार और पावरकॉम के सीएमडी बलदेव सिंह सरां आदि से मीटिंग की और मंगलवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ बैठक की।
अधिकारियों ने अरविंद केजरीवाल के सामने अभी तक किस-किस वर्ग को कितनी कितनी बिजली फ्री दी जा रही है या फिर सब्सिडी पर दी जा रही है इसकी पूरी जानकारी केजरीवाल को दी। शाम को अरविंद केजरीवाल और भगवंत सिंह मान के बीच हुई मीटिंग के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब के लोगों को जल्द बड़ी खबर मिलेगी।
हालांकि अरविंद केजरीवाल की पंजाब के अधिकारियों के साथ हुई बैठक को लेकर पंजाब के सियासी तापमान में एकदम से उछाल आ गया है। सभी विपक्षी पार्टियों ने अरविंद केजरीवाल की ओर से पंजाब के अधिकारियों के साथ मीटिंग करने का संविधान का उल्लंघन बताया है। यह भी पता चला है कि ये बैठकें आज भी जारी रही। आज स्वास्थ्य और वित्त विभाग के अधिकारियों के साथ भी बैठक की गई है।
दरअसल, आप ने दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक के मॉडल को पंजाब में भी लागू करने और उस पर आने वाले खर्च को लेकर यह बैठक की है। पंजाब में पहले से ही लगभग सभी वर्गों को या तो निशुल्क बिजली दी जा रही है या फिर सब्सिडी पर दी जा रही है। केवल व्यवसायिक सेक्टर ही एक ऐसा सेक्टर है जिसे इस तरह की कोई छूट नहीं मिली हुई है। पंजाब में किसानों को खेती के लिए जहां सात हजार करोड़ से ज्यादा की बिजली निशुल्क दी जा रही है।
वहीं, उद्योगों को 5 रुपये यूनिट दिए जाने से 1900 करोड़ का भार खजाने पर पड़ रहा है। इसी तरह अनुसूचित जाति वर्ग और पिछड़े वर्ग को भी सब्सिडी पर बिजली दिए जाने से उन्नीस सौ करोड़ का बोझ पड़ रहा है। घरेलू सेक्टर को बिजली रेगुलेटरी कमिशन की ओर से तय की गई दरों में तीन रुपये प्रति यूनिट की छूट दी गई है, जिससे सालाना 3616 करोड़ रुपये का बोझ खजाने पर पड़ रहा है।
इस तरह पंजाब के खजाने पर सभी सेक्टर को सस्ती बिजली देने से 14000 करोड़ की सब्सिडी का बोझ पड़ा हुआ है। ऐसे में यदि पंजाब के लोगों को 300 यूनिट निशुल्क बिजली दी जाती है तो इससे पड़ने वाले भार को कैसे वहन किया जाएगा, इसको लेकर अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के अधिकारियों को मीटिंग के लिए बुलाया था।