PTB Big न्यूज़ जालंधर : पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने जालंधर पुलिस कमिश्नर पर 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने यह कार्रवाई एक ड्रग्स केस से जुड़ी जानकारी समय पर उपलब्ध न कराने पर की है। कोर्ट ने कहा- राज्य के वकील द्वारा दिए जा रहे तथ्य विरोधाभासी हैं, जो अपवाद नहीं बल्कि सामान्य बात बन चुके हैं। जानकारी के मुताबिक, मामला जालंधर के नई बारादरी थाना क्षेत्र में मार्च 2023 में दर्ज एक एफआईआर से जुड़ा है।
. .इसमें आरोपी रघुबीर सिंह पिछले दो साल से अधिक समय से जेल में था। जज विनोद एस. भारद्वाज की पीठ ने कहा- राज्य के वकील द्वारा बार-बार अधूरी और विरोधाभासी जानकारी दी गई, जिससे न्याय प्रक्रिया में देरी हो रही है। पीठ ने अपने आदेश में कहा- राज्य के वकील द्वारा दिए गए बयानों की कोई पुष्टि नहीं होती। कई बार एफआईआर की जानकारी तो दी जाती है, लेकिन अपराध की प्रकृति और आरोपों का विवरण नहीं दिया जाता।
. .आपराधिक न्याय प्रशासन को अभियोजन पक्ष की इच्छा और कल्पनाओं पर नहीं छोड़ा जा सकता। कोर्ट ने यह भी कहा कि राज्य सरकार को पहले भी कई बार चेताया गया था कि अदालत के समक्ष सही जानकारी दी जाए, लेकिन सुधार के कोई संकेत नहीं मिले। कोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2024 में राज्य के वकील ने बताया था कि आरोपी पर एनडीपीएस एक्ट सहित 18 अन्य मामलों में आरोप हैं और
. .केवल 9 गवाहों की गवाही बाकी है। लेकिन दो साल बीतने के बाद भी केवल दो गवाहों की गवाही हुई है, जबकि बाकी गवाह अदालत में पेश ही नहीं हुए। लंबे समय से मुकदमा लंबित रहने और गवाहों के न आने के कारण कोर्ट ने आरोपी को जमानत दे दी। हालांकि, अदालत ने इसे पुलिस की गंभीर लापरवाही मानते हुए जालंधर पुलिस कमिश्नर पर ₹1 लाख का जुर्माना लगाया।
. .कोर्ट ने आदेश दिया कि यह राशि पंजाब मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा की जाए और यह रकम संबंधित “गलती करने वाले” पुलिस अधिकारियों से वसूली जा सकती है। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि जुर्माना जमा करने की रिपोर्ट दो सप्ताह के भीतर अदालत में पेश की जाए, अन्यथा पुलिस कमिश्नर को व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होना होगा।

















































