PTB Big Political न्यूज़ जालंधर : देश के प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी द्वारा तीनों कृषि बिल रद्द करने पर पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री व् प्रदेश कांग्रेस के उप प्रधान अवतार हैनरी ने एक प्रेस नोट जारी करते हुए कहा की करीब एक साल तक किसानों ने तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ सड़कों पर आंदोलन किया और किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच कई चरणों की बात हुई थी लेकिन सरकार क़ानून वापस लेने को तैयार नहीं थी।
उन्होंने कहा की तीनों कृषि कानून शुरू से ही अंसवैधानिक रहे है और अगर मोदी सरकार जिद न करती तो आज 700 से अधिक किसान शहीद न होते। हैनरी ने कहा शहीद हुए किसानों की शहादत सदा अमर रहेगी और हमारी आने वाली पीढ़ीया भी यह याद रखेंगी की किस तरह देश के किसानों ने अपनी जान की बाज़ी लगाकर किसानों और किसानी को बचाया। हैनरी ने कहा पंजाब और उत्तर प्रदेश में बीजेपी की पतली हालत को देखते हुए मोदी के पास और कोई विकल्प नहीं था
क्यूंकि इन्ही राज्यों में खासकर भाजपा के खिलाफ किसानों में नाराजगी किसी से छिपी नहीं थी। कई जगह तो भाजपा के नेताओं की एंट्री भी बंद हो गयी थी। ऐसे में कृषि कानूनों को वापिस लेने के का फेंसला सिर्फ किसान वर्ग की वोटें हासिल करना है। अंत हैनरी ने मोदी सरकार से मांग की है कि जो किसान बागवानों के हित में आंदोलन करते हुए शहीद हुए हैं उन्हें केंद्र सरकार 10-10 लाख रु मुआवजा दे और उनके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी मुहैया करवाई जाए।